पटना: लोकसभा चुनाव 2014 में बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 32 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. तब जदयू एनडीए का हिस्सा नहीं था. जदयू के दो सांसद चुनाव जीते थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए को 39 सीट पर जीत हासिल हुई थी. एक मात्र सीट किशनगंज महागठबंधन के खाते में गई थी. कांग्रेस के मोहम्मद जावेद 34,462 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे. 2019 में पीएम मोदी की लहर थी.
जीत-हार का अंतर कम थाः 2019 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को भले ही 39 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, लेकिन कई ऐसी सीटे थी जहां पर जीत हार का अंतर कम था. पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर सांसद रामकृपाल यादव और मीसा भारती के बीच सीधा मुकाबला था. रामकृपाल यादव मात्र 14,972 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे. जहानाबाद सीट जदयू के खाते में थी. जदयू से चंदेश्वर चंद्रवंशी मात्र 1751 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे. दूसरे स्थान पर राष्ट्रीय जनता दल नेता सुरेंद्र यादव रहे थे.
"बीजेपी पिछली बार 39 सीट जीतने में कामयाब हुई थी. लेकिन इस बार हम सभी 40 सीट जीतेंगे. नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और नीतीश कुमार के सुशासन के बदौलत हम सभी सीटों पर जीत हासिल करेंगे."- योगेंद्र पासवान, भाजपा प्रवक्ता
जदयू की सीट उपेंद्र कुशवाहा को मिलीः कटिहार लोकसभा सीट भी एनडीए की कमजोर कड़ी हो सकती है. कटिहार लोकसभा सीट जदयू के खाते में है. जदयू नेता दुलालचंद गोस्वामी 57203 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे. दूसरे स्थान पर कांग्रेस नेता तारीक अनवर रहे थे. काराकाट सीट भी एनडीए के लिए कमजोर कड़ी साबित हो सकती है. जदयू सांसद महाबली सिंह 84,500 मतों से चुनाव जीते थे. दूसरे स्थान पर उपेंद्र कुशवाहा रहे थे. इस बार यह सीट जदयू से लेकर उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम को दे दी गयी है.
जीत-हार का अंतर दो लाख से कम था: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में 14 सीटें ऐसी हैं जो 2 लाख से कम मतों के अंतर से एनडीए के खाते में गई थी. 23 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां पर जीत और हार का मार्जिन 2 लाख से अधिक था. 16 लोकसभा सीट ऐसी हैं जिस पर जीत और हर का अंतर 2 लाख से कम था. इस सीट को भाजपा कंफर्ट जोन में मान रही है. कुल मिलाकर 15 लोकसभा सीटों पर एनडीए को मशक्कत करनी होगी.
कांटे की रही थी टक्करः 9 लोकसभा सीट ऐसी है, जहां-जीत का फैसला डेढ़ लाख से कम में हुआ था. सिवान लोकसभा सीट से कविता सिंह 116 मतों से चुनाव जीती थी. जबकि हिना शहाब राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर दूसरे स्थान पर रही थी. हालांकि, इस बार हिना शहाब निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. राजद से उसकी दूरी बढ़ी है. छपरा लोकसभा सीट पर भाजपा के राजीव प्रताप रूढ़ी 1,38,000 मतों से चुनाव जीते थे. दूसरे स्थान पर राष्ट्रीय जनता दल नेता चंद्रिका राय रहे थे. हालांकि, इस बार चंद्रिका राय राजद के साथ नहीं हैं.
बागी पर रहेगी नजरः समस्तीपुर लोकसभा सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी के नेता प्रिंस राज 1 लाख 2 हजार मतों से चुनाव जीते थे. दूसरे स्थान पर कांग्रेस के डॉ अशोक रहे थे. इस बार यह सीट लोजपा आर को दे दी गयी है. ऐसे में संभव है कि प्रिंस राज यहां से एनडीए के उम्मीदवार नहीं होंगे. कोई नया चेहरा मैदान में होगा. कुछ दिन पहले रालोजपा के नेता पशुपति पारस ने प्रेस कांफ्रेंस कर घोषणा की थी कि उनके सभी सीटिंग सांसद चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में प्रिंस राज भी चुनाव मैदान में उतरते हैं तो वह एनडीए का कितना वोट काटेंगे इस पर गठबंधन की नजर रहेगी.