नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा, महामाया मंदिर में लगा भक्तों का तांता - Navratri 2024 - NAVRATRI 2024
शारदीय नवरात्र के पहले दिन माता के शैलपुत्री स्वरूप की भक्त पूजा अर्चना कर रहे हैं. सूरजपुर के महामाया मंदिर में माता की पूजा करने भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है.
महामाया मंदिर में भक्तों की उमड़ी भीड़ (ETV Bharat)
सूरजपुर : आज गुरुवार से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो गया है. नवरात्र के पहले दिन सूरजपुर के महामाया मंदिर में माता के दर्शन करने सुबह से ही भक्तों का तांता लगा है. भक्त हाथों में फूल, माला, चुनरी लिए लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतेजार कर रहे हैं.
देवी मां के दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़ :माता के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि आज नवरात्रि का पहला दिन है. इसलिए सुबह से ही देवी मां के दर्शन के लिए मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी हुई है. हमने भी लाइन लगकर माता के दर्शन किया और पूजा अर्चना की है. यहां पहले सड़कें नहीं थी. हम पैदल फिर साइकिल से मंदिर आते थे.
हम लोग बचपन से महामाया माता के मंदिर में आ रहे हैं. यहां जो भी आया है, उसकी मन्नत पूरी हुई है. देवी मां का सभी पर आशीर्वाद बना हुआ है. इसलिए हम हमेशा यहां आते हैं. नवरात्रि में धीरे धीरे भीड़ और बढ़ती जाएगी. : भीमसेन गोयल, श्रद्धालु
मंदिर परिसर में भक्तिमय वातावरण : नवरात्रि सूरजपुर के महामाया मंदिर में साल भर श्रद्धालु पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं. चैत्र नवरात्रि हो, शारदीय नवरात्र हो या फिर गुप्त नवरात्रि, यहां श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचकर माता माहामाया की पूजा अर्चना करते हैं. नवरात्रि के नौ दिनों तक माता के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है. इस दौरान मंदिर प्रांगण में हजारों मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित भी किए जाते हैं. घंटी और जयकारों की गूंज से पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय वातावरण महसूस किया जा रहा है.
आस्था का केंद्र है माता माहामाया का धाम : सूरजपुर का प्राचीनतम महामाया मंदिर से सरगुजा संभाग के लोगों में गहरी आस्था जुड़ी है. माता माहामाया का यह पवित्र धाम एक बड़ा आस्था का केंद्र है. पौराणिक मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु यहां सच्चे मन से अपनी मनोकामना मांगता है, मां महामाया उसकी मनोकामना जरूर पूरी करती है. यहां उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.