पटनाःबिहार के पटना में दुर्गा पूजा की धूम मची हुई है. राजधानी में जोर-शोर से पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. लेकिन पंडाल निर्माण में मानकों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. इसलिए जिले के लगभग 385 संवेदनशील पंडालों में से 30 से 32 पंडालों को खतरनाक श्रेणी में रखा गया है. संबंधित पूजा समिति के लोगों को सख्त निर्देश दी गई है सभी मानकों को अगले दो दिनों में पूरा नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी.
700 से अधिक कर्मियों की तैनातीः पूरे पटना को सुरक्षा के दृष्टिकोण से अग्नि शमन के द्वारा 4 जोन में बांटा गया है. बेहतर कम्युनिकेशन के लिए लगभग 700 से अधिक कर्मियों को नया मोबाइल भी दिया गया है. ताकि किसी भी परिस्थिति मे कम्युनिकेशन गैप न हो सके. स्पेशल टीम के द्वारा लगातार सभी पूजा पंडाल का निरीक्षण भी किया जाएगा.
जिला अग्निशमन पदाधिकारी मनोज कुमार नट (ETV Bharat)
पटना का पूजा पंडाल चिह्नितः जिला अग्निशमन पदाधिकारी मनोज कुमार नट पंडालों का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं. भीड़भाड़ वाली जगहों पर अग्निशमन विभाग के वाहन खड़े रहेंगे. वही सभी संवेदनशील स्थलों को चिह्नित कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि खतरनाक पंडालों को चिह्नित किया जा रहा है. उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है.
"जिले में 30 पूजा पंडालों को खतरनाक श्रेणी में रखा गया है. दो दिनों में गड़बड़ी ठीक करने का निर्देश दिया गया है. ठीक नहीं करने पर पांडलों के पूजा समिति पर करवाई की जाएगी. 648 पदाधिकारी समेत अग्निशमन के कर्मियों को तैनात किया गया है. 96 गाडियां अलर्ट मोड पर दुर्गा पूजा के दौरान रहेंगी."-मनोज कुमार नट, जिला अग्निशमन अधिकारी पटना
अग्निशमन विभाग की पैनी नजरः मनोज कुमार नट ने बताया कि पंडाल के आसपास लगने वाले स्ट्रीट फूड तथा गेमिंग जोन पर भी अग्निशमन विभाग की पैनी नजर रहेंगी. उन्हें भी सभी मानकों को पूरा करना होगा. सबसे ज्यादा आग लगने का खतरा इसी से होता है. पंडाल में सूती कपड़े और त्रिपाल का इस्तेमाल किया जाए. पांडाल में दो एग्जिट गेट होना चाहिए.
हवन को लेकर निर्देशः हवन को लेकर विशेष दिशा निर्देश दिया गया है. अग्निशमन विभाग के अनुसार पूजा पंडाल में होने वाले हवन को बाहर रखा जाए. हवन कुंड के पास दो ड्राम पानी अवश्य रखें. बिजली के तार कहीं कटे-फटे नहीं होने चाहिए. जनरेटर और बाजा पंडाल के बाहर लगाई जाए. पंडाल से सटे कोई भी खाना बनाने वाले दुकान नहीं होना चाहिए.
इस नंबर पर करें संपर्कः अग्निशमन विभाग की ओर से संपर्क सूत्र भी जारी किया गया है. विभाग की ओर से पदाधिकारी के साथ क्षेत्र और उनका मोबाइल नंबर जारी किया गया है. किसी भी परिस्थि में या आपात काल में अग्निविभाग को सूचना दी जा सकती है.