जयपुर : हर वर्ष 24 दिसंबर राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का प्रमुख मकसद है कि लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाए. कंज्यूमर कांफ्रेडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनंत शर्मा का कहना है कि आज ही के दिन 1986 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उपभोक्ता संरक्षण कानून पर हस्ताक्षर किए थे. लगभग 38 साल बीत जाने के बाद आज उपभोक्ता अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हुए हैं, लेकिन आज भी कदम-कदम पर उपभोक्ता का शोषण हो रहा है. नई टेक्नोलॉजी से शोषण के तरीके बदल रहे हैं. डार्क पैटर्न के जरिए ऑनलाइन खरीद के जरिए आज भी उपभोक्ताओं का शोषण उतना ही हो रहा है जितना तीन दशक पहले होता था.
कानून सही तरीके से लागू नहीं :डॉ. अनंत शर्मा का कहना है कि तीन दशक बीत जाने के बाद भी अगर देश में उपभोक्ता का शोषण अलग-अलग तरीकों से हो रहा है तो इसका प्रमुख कारण है कि जो कानून बनाए गए हैं, उन्हें प्रभावी रूप से लागू नहीं किया जा रहा. राजस्थान के संदर्भ में बात करें तो मानकों से जुड़े, नापतोल से जुड़े, वस्तु विक्रय से संबंधित और उपभोक्ताओं से जुड़े दूसरे कानून उनकी प्रभावी क्रियान्विति नहीं हो पा रही और इस क्षेत्र में अभी और काम किया जाना बाकी है. पिछले कुछ समय से राजस्थान में सरकार ने मिलावट को लेकर एक अभियान चलाया जो अभी भी जारी है. इससे यह सामने आया कि आज भी उपभोक्ता को मिलावट रहित वस्तु नहीं मिल पा रही.