जयपुर: पक्षियों के संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए जयपुर में मानसागर झील की पाल पर दो दिवसीय 28 वां भारतीय पक्षी मेला आयोजित किया जा रहा है. पहले दिन पक्षी मेले को देखने के लिए काफी संख्या में स्कूली बच्चे पहुंचे. दूरबीन और टेलिस्कोप के जरिए प्रवासी पक्षियों को दिखाया गया. स्थानीय और प्रवासी पक्षियों को मानसागर झील की पाल पर गिना जा रहा है. इस बार मेले का उद्देश्य वाइल्डलाइफ एंड ह्यूमन कनफ्लिक्ट है. साइबेरिया, रशिया, यूरोप और मंगोलिया से आए प्रवासी पक्षियों को भी निहारा.
जयपुर में जल महल की पाल पर वन विभाग और टीडब्ल्यूएसआई की ओर से 7 फरवरी से 8 फरवरी तक पक्षी मेले का आयोजन किया जा रहा है. लोगों को पक्षी संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा रहा है. प्रदेश भर के कई पक्षी अभ्यारणों से पक्षी विशेषज्ञ मानसागर झील की पाल पर पक्षी मेले में पहुंचे. पक्षी मेले में स्कूली बच्चों को अलग-अलग प्रजातियों के पक्षियों को दिखाकर उनके बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई गई. पक्षी मेले में पहुंचे बच्चे काफी उत्साहित नजर आए. बच्चों के लिए पेंटिंग और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया.
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वन विभाग की एसीएफ प्राची चौधरी ने बताया कि वन विभाग और टूरिज्म एंड वाइल्ड लाइफ सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से दो दिवसीय भारतीय पक्षी मेले का आयोजन किया जा रहा है. काफी संख्या में स्कूली बच्चों ने पक्षी मेले में बढ़-चढ़कर भाग लिया है. विभिन्न अभ्यारणों से बर्ड्स एक्सपर्ट बुलाए गए हैं. बच्चों को बर्ड्स के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है. क्विज, पेंटिंग समेत विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. बच्चों को पक्षियों की प्रजातियां के संबंध में भी जानकारी दी गई है.
इस बार पक्षी मेले की थीम वाइल्डलाइफ एंड ह्यूमन कनफ्लिक्ट है. ह्यूमन एक्टिविटीज और वाइल्डलाइफ के बीच काफी टकराव रहता है. वाइल्डलाइफ हैबिटाट खत्म हो रहा है. जंगलों की कटाई हो रही है. जंगली जानवरों को नेचुरल हैबिटाट नहीं मिलेगा, तो वह जंगल से बाहर आबादी क्षेत्र में निकलते हैं. स्थानीय लोगों को भी संरक्षण के बारे में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
जंगली जानवरों व मनुष्यों में संघर्ष को रोकें: एक्सपर्ट डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि पक्षी मेले का उद्देश्य है कि लोगों के सामने उन समस्याओं को रखें, जो जंगली जानवरों और आदमी के बीच में होती जा रही है. इस मेले के माध्यम से इसका आकलन करके सरकार को यह बाध्य करने की कोशिश की जा रही है कि ऐसी जो दुर्घटनाएं हो रही है, उनको समाप्त करने की हम पूरी कोशिश करें. बर्ड्स एक्सपर्ट जॉय गार्डनर के मुताबिक ह्यूमन वाइल्डलाइफ संघर्ष के बारे में बच्चों को बताया जा रहा है. जंगल और इंसान के बीच एक डिस्टेंस बनाकर रखनी चाहिए. जंगलों में इंसानों की गतिविधियां बढ़ रही है. इस संबंध में लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है. भरतपुर समेत अन्य जगहों से बर्ड्स एक्सपर्ट भी पक्षी मेले में आए हुए हैं. दूरबीन और टेलिस्कोप के जरिए बच्चों को पक्षियों को दिखाकर उनके बारे में जानकारी दी जा रही है. विलुप्त होती पक्षियों की प्रजातियों के बारे में बताया जा रहा है.
पक्षियों के प्रति जागरूकता की मुहिम: बर्ड्स एक्सपर्ट रोहित गंगवाल ने बताया कि बच्चों को पक्षियों के प्रति जागरूक करने के लिए बर्डिंग फेयर बहुत ही अच्छी मुहिम है. अलग-अलग संस्थाएं पक्षियों के लिए काम कर रही है. संस्थाएं भी अपने विभिन्न कार्यों के बारे में बच्चों को बता रही है ताकि जागरूकता बढ़े. इस तरह के बर्डिंग फेयर और भी होने चाहिए, जिससे लोग ज्यादा से ज्यादा पक्षियों के बारे में जानें, तभी पक्षियों का संरक्षण हो पाएगा.