पटना:'भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं', ऐसा कहना उन माता-पिता का है, जिनका अब पुलिस-प्रशासन से विश्वास उठता जा रहा है. ऐसा इसलिए, क्योंकि तीन अपहरण कांडपुलिस-प्रशासन के लिए पहेली बन गए हैं. 12 साल पहले नवरुणा, 3 साल पहले खुशी और फिर 2 साल पहले एमबीए की छात्रा यशी सिंह अचानक गायब हो गई. दिन-महीने और साल बीत गए लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला.
घर के कमरे से गायब हो गयी नवरुणाः18 सितंबर 2012 की शाम नवरुणा के माता पिता के लिए खुशी की आखिरी शाम थी. इसके बाद कभी भी अतुल्य चक्रवर्ती और उनकी पत्नी की आंखों में आंसू नहीं सूखे. उस वक्त 12 साल की नवरुणा 7वीं क्लास में पढ़ती थी. पिता बताते हैं कि नवरुणा ने कहा था कि तीन-चार दिन स्कूल बंद है. इसलिए हाथ में मेहंदी लगाना चाहती थी ताकि स्कूल जाने से रंग हल्का पड़ जाएगा और डांट नहीं पड़ेगी.
कमरे की बत्ती बुझी थीः पिता बताते हैं कि नवरुणा देर रात हाथ में मेहंदी लगाई. उसने कहा कि वह आज अलग सोएगी ताकि मेहंदी हाथ में ज्यादा देर तक लगी रहेगी. सभी लोग सो गए लेकिन आधी रात मिस्टर एंड मिसेज चटर्जी की नींद खुली तो वह आश्चर्यचकित रह गए. नवरुणा के कमरे की बत्ती बुझी हुई थी. उसकी मां दौड़ते हुए नवरुणा के कमरे तक पहुंची तो वह गायब पाई गई.
12 साल बाद भी खुलासा नहींः कमरे की खिड़की का रॉड टेढ़ा था. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि खिड़की के रास्ते ही अपराधी घर में दाखिल हुए थे और नवरुणा को बेहोश कर अपने साथ ले गए थे. इसके बाद नगर थाना को सूचना दी गयी. घटना आग की तरह पूरे शहर में फैल गयी. अपहरण को लेकर राष्ट्रव्यापी बवाल हुआ था. बिहार पुलिस ने जांच शुरू की लेकिन कोई सफलता मिलता नहीं देख इसका जिम्मा सीआईडी को दे दिया गया. अंततः हाय तौबा मचने के बाद जांच का जिम्मा सीबीआई ने संभाला. लेकिन आज 12 साल बाद तारीख पर तारीख मिलने के बाद भी कोई खुलासा नहीं हो सका.
अब तो आंखें पथरा गयीः नवरुणा के पिता 70 वर्षीय अतुल्य चक्रवर्ती की आंखें पथरा गई है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अतुल चक्रवर्ती कहते हैं कि 12 साल से लड़ाई लड़ते-लड़ते में परेशान हो चुका हूं. आर्थिक तंगी के चलते लड़ाई लड़ना मेरे लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है. मुझे उम्मीद है कि मेरी बेटी नवरुणा जीवित अवस्था में है. उसके गायब होने के बाद 1 साल तक उसके मोबाइल से मुझे फोन कॉल्स आते थे.
"नवरुणा अपहरण मामले में कई सफेदपोश संलिप्त हैं. पूरी जानकारी मैंने सीबीआई और न्यायालय को दे दी है. बावजूद इसके अब तक मुझे न्याय नहीं मिला है. मुझे भरोसा अब सिर्फ भगवान पर है. कलयुग में भगवान ही न्याय दिलाने का काम करते हैं."-अतुल्य चक्रवर्ती, नवरुणा के पिता
घूमने गयी खुशी वापस नहीं लौटीः16 फरवरी 2021 सरस्वती पूजा का दिन था. पड़ोस के एक लड़के ने 5 साल की बच्ची खुशी को अपने बाइक पर घूमने ले गया. उसके बाद खुशी घर नहीं लौटी. यह घटना मुजफ्फरपुर शहर के ब्रह्मपुर स्थित कमरिया टोला की है. 5 वर्षीय खुशी के अपहरण मामले में लक्ष्मी चौक स्थित मछली मंडी के चार साथी आरोपी शक के दायरे में हैं.
तीन साल बाद भी खुलासा नहींः पुलिस की शुरुआती जांच में ही लीपापोती से आहत राजन साह मामले को हाइकोर्ट में ले गए. सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट में पुलिस को फजीहत झेलनी पड़ी. अधिकारियों की जांच शैली पर भी सवाल उठा. हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. अब इस मामले में सीबीआई खुशी का सुराग ढूंढ रही है. घटना के तीन साल बाद भी सीबीआई कुछ भी खुलासा नहीं कर पायी है.
पड़ोसी ने किया खुशी का अपहरणः खुशी के पिता राजन शाह कहते हैं कि पड़ोस के दबंग ने ही हमारी बच्ची का अपहरण किया है. मैं पूरी जानकारी बिहार पुलिस को दी थी लेकिन बिहार पुलिस की भूमिका सही नहीं रही. जिसके चलते हम लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई मामले की जांच कर रही है.