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कोर्ट जाने की जरूरत नहीं, अब घर बैठे बनवाएं वसीयत, झंझटों से मिलेगी मुक्ति - ONLINE WILL UPDATE

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए आप घर बैठे अपनी वसीयत तैयार कर सकते हैं, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है.

Online Will Update
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 31, 2024, 2:20 PM IST

Updated : Dec 31, 2024, 8:20 PM IST

नई दिल्ली: लोग अक्सर वसीयत बनाने को लेकर टाल-मटोल करते हैं, क्योंकि इसे लेकर कई तरह की मीसकंसेप्शन और डर हैं. लेकिन, वसीयत सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं है. बल्कि एक महत्वपूर्ण उपाय है, जो यह सुनिश्चित करता है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी इच्छाएं पूरी हों और उसके अपनो का ख्याल उसकी इच्छा के अनुसार रखा जाए. पारंपरिक तरीकों से वसीयत बनाने में बहुत समय और पैसा लगता है, लेकिन आप इसे आसान तरीके से और किफायती कीमत पर बनवा सकते हैं, वो भी ऑनलाइन.

आमतौर पर लोगों को यह नहीं पता होता कि वसीयत ऑनलाइन भी बनवाई जा सकती है. ऑनलाइन वसीयत उन लोगों के लिए खास है जो ज्यादा समय नहीं दे सकते और कहीं जाना नहीं चाहते. वकीलों से संपर्क करने की भी जरूरत नहीं है. भारत में ज्यादातर लोग ऑनलाइन वसीयत बना सकते हैं. हालांकि, मुस्लिम समुदाय के लिए शरिया कानूनों में विशेषज्ञता की जरूरत के कारण उन्हें व्यक्तिगत और विशेष सेवाएं लेनी पड़ती हैं.

मनीकंट्रोल के मुताबिक, ऑनलाइन वसीयत की कीमत सेवा प्रोवाइडर और वसीयत की जटिलता पर निर्भर करती है. कुछ प्लेटफॉर्म एक निश्चित शुल्क पर सरल वसीयत की पेशकश करते हैं, जबकि अन्य आपकी संपत्ति और लाभार्थियों की संख्या के आधार पर शुल्क लेते हैं. उदाहरण के लिए, विलजिनी की शुरुआती कीमत 5,500 रुपये है, जबकि वकीलसर्च की शुरुआती कीमत 4,499 रुपये है. ध्यान दें कि इसमें स्टांप ड्यूटी और अन्य खर्च शामिल नहीं हैं.

वसीयत कब जरूरी है
आपको शादी, बच्चों के जन्म, संपत्ति के अधिग्रहण, व्यवसाय शुरू करने या किसी बड़े कार्यक्रम के समय वसीयत बनानी चाहिए. इसके अलावा हर 3-5 साल में अपनी वसीयत को अपडेट करना भी जरूरी है, ताकि बदलती परिस्थितियों के हिसाब से उसमें आपकी इच्छाएं झलकें.

हालांकि ऑनलाइन वसीयत बनाना सुविधाजनक है, लेकिन इसे इंटरनेट पर पूरी तरह लागू नहीं किया जा सकता. भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 के अनुसार, वसीयत पर कम से कम दो गवाहों की मौजूदगी में वसीयतकर्ता के हस्ताक्षर होने चाहिए.

ऑनलाइन वसीयत के फायदे और नुकसान
ऑनलाइन वसीयत बनाने के कई फायदे हैं. सबसे पहले यह प्रक्रिया काफी सरल और सुविधाजनक है, इसके लिए किसी कानूनी ज्ञान की जरूरत नहीं है. साथ ही ऑनलाइन वसीयत बनाने के लिए बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है. ऑनलाइन वसीयत बनाने की प्रक्रिया तेज है और जल्दी पूरी हो जाती है. साथ ही, ऑनलाइन वसीयत बनाने की प्रक्रिया निष्पक्ष है और इसमें गलतियों का जोखिम कम है.

हालांकि, ऑनलाइन वसीयत बनाने के कुछ नुकसान भी हैं. सबसे पहले ऑनलाइन वसीयत बनाने से वकील से वैसी सलाह नहीं मिलती जैसी आमने-सामने वसीयत बनाने से मिलती है. ऑनलाइन वसीयत बनाने की प्रक्रिया व्यक्तिगत इच्छाओं को पूरी तरह से शामिल करने में असमर्थ हो सकती है, जो एक महत्वपूर्ण विचार है. इसके अलावा ऑनलाइन वसीयत बनाना कुछ लोगों के लिए अनुपयुक्त हो सकता है, जैसे कि बड़ी संपत्ति वाले या जटिल पारिवारिक परिस्थितियां. इसलिए व्यक्तियों को ऑनलाइन वसीयत बनाने से पहले अपनी परिस्थितियों और जरूरतों को ध्यान में रखना चाहिए.

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नई दिल्ली: लोग अक्सर वसीयत बनाने को लेकर टाल-मटोल करते हैं, क्योंकि इसे लेकर कई तरह की मीसकंसेप्शन और डर हैं. लेकिन, वसीयत सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं है. बल्कि एक महत्वपूर्ण उपाय है, जो यह सुनिश्चित करता है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी इच्छाएं पूरी हों और उसके अपनो का ख्याल उसकी इच्छा के अनुसार रखा जाए. पारंपरिक तरीकों से वसीयत बनाने में बहुत समय और पैसा लगता है, लेकिन आप इसे आसान तरीके से और किफायती कीमत पर बनवा सकते हैं, वो भी ऑनलाइन.

आमतौर पर लोगों को यह नहीं पता होता कि वसीयत ऑनलाइन भी बनवाई जा सकती है. ऑनलाइन वसीयत उन लोगों के लिए खास है जो ज्यादा समय नहीं दे सकते और कहीं जाना नहीं चाहते. वकीलों से संपर्क करने की भी जरूरत नहीं है. भारत में ज्यादातर लोग ऑनलाइन वसीयत बना सकते हैं. हालांकि, मुस्लिम समुदाय के लिए शरिया कानूनों में विशेषज्ञता की जरूरत के कारण उन्हें व्यक्तिगत और विशेष सेवाएं लेनी पड़ती हैं.

मनीकंट्रोल के मुताबिक, ऑनलाइन वसीयत की कीमत सेवा प्रोवाइडर और वसीयत की जटिलता पर निर्भर करती है. कुछ प्लेटफॉर्म एक निश्चित शुल्क पर सरल वसीयत की पेशकश करते हैं, जबकि अन्य आपकी संपत्ति और लाभार्थियों की संख्या के आधार पर शुल्क लेते हैं. उदाहरण के लिए, विलजिनी की शुरुआती कीमत 5,500 रुपये है, जबकि वकीलसर्च की शुरुआती कीमत 4,499 रुपये है. ध्यान दें कि इसमें स्टांप ड्यूटी और अन्य खर्च शामिल नहीं हैं.

वसीयत कब जरूरी है
आपको शादी, बच्चों के जन्म, संपत्ति के अधिग्रहण, व्यवसाय शुरू करने या किसी बड़े कार्यक्रम के समय वसीयत बनानी चाहिए. इसके अलावा हर 3-5 साल में अपनी वसीयत को अपडेट करना भी जरूरी है, ताकि बदलती परिस्थितियों के हिसाब से उसमें आपकी इच्छाएं झलकें.

हालांकि ऑनलाइन वसीयत बनाना सुविधाजनक है, लेकिन इसे इंटरनेट पर पूरी तरह लागू नहीं किया जा सकता. भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 के अनुसार, वसीयत पर कम से कम दो गवाहों की मौजूदगी में वसीयतकर्ता के हस्ताक्षर होने चाहिए.

ऑनलाइन वसीयत के फायदे और नुकसान
ऑनलाइन वसीयत बनाने के कई फायदे हैं. सबसे पहले यह प्रक्रिया काफी सरल और सुविधाजनक है, इसके लिए किसी कानूनी ज्ञान की जरूरत नहीं है. साथ ही ऑनलाइन वसीयत बनाने के लिए बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है. ऑनलाइन वसीयत बनाने की प्रक्रिया तेज है और जल्दी पूरी हो जाती है. साथ ही, ऑनलाइन वसीयत बनाने की प्रक्रिया निष्पक्ष है और इसमें गलतियों का जोखिम कम है.

हालांकि, ऑनलाइन वसीयत बनाने के कुछ नुकसान भी हैं. सबसे पहले ऑनलाइन वसीयत बनाने से वकील से वैसी सलाह नहीं मिलती जैसी आमने-सामने वसीयत बनाने से मिलती है. ऑनलाइन वसीयत बनाने की प्रक्रिया व्यक्तिगत इच्छाओं को पूरी तरह से शामिल करने में असमर्थ हो सकती है, जो एक महत्वपूर्ण विचार है. इसके अलावा ऑनलाइन वसीयत बनाना कुछ लोगों के लिए अनुपयुक्त हो सकता है, जैसे कि बड़ी संपत्ति वाले या जटिल पारिवारिक परिस्थितियां. इसलिए व्यक्तियों को ऑनलाइन वसीयत बनाने से पहले अपनी परिस्थितियों और जरूरतों को ध्यान में रखना चाहिए.

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Last Updated : Dec 31, 2024, 8:20 PM IST
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