मुजफ्फरपुरःपिछले एक साल के दौरान जिस तरह से अपराधियों से अवैध हथियारों और कारतूसों की जब्ती हुई है उसके बाद कहा जा सकता है कि बिहार अवैध हथियारों के खपाने की सबसे बड़ी जगह बन गया है. सूबे में एक साल के आंकड़ों पर ही नजर डालें तो 4 हाजर 806 अवैध हथियार और 30 हजार से अधिक कारतूस जब्त किए गये हैं. माना तो ये भी जा रहा है कि अपराधियों तक पहुंच रहे कारतूसों का सिर्फ 50 फीसदी ही पुलिस जब्त कर पाई है.
क्या कहते हैं पुलिस मुख्यालय के आंकड़े ?: बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के मुताबिक पिछले एक साल के दौरान प्रदेश मेंं 4 हजार 806 अवैध हथियार जब्त किए गए. इनमें 4 हजार 769 देसी और 37 स्वचालित रेगुलर हथियार हैं. इसके साथ ही पुलिस ने पिछले 3 सालों के दौरान सूबे में 57 अवैध फैक्ट्रियों को भी खुलासा किया है.
एक साल में 30 हजार गोलियां जब्तः इसके अलावा पिछले एक साल में ही सूबे में 30 हजार से अधिक कारतूस जब्त किए गये जो कि सूबे में अवैध रूप से खपाए जा रहे कारतूस का सिर्फ 50 फीसदी ही है.इतने बड़े पैमाने पर जब्त गोलियां नगालैंड और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से अवैध ढंग से बनाए गए आर्म्स लाइसेंस पर निबंधित हथियार की दुकानों से खरीदे जाने की आशंका है.
मुजफ्फरपुर में भी बड़ा नेटवर्कः बात मुजफ्फरपुर की करें तो जिला पुलिस ने बीते साढ़े चार साल में तीन बार गोलियों की खेप के साथ हथियार तस्करों को पकड़ा है. 15 सितंबर 2019 को फकुली में पुलिस और बिहार एसटीएफ ने तीन हथियार तस्करों को 1610 कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था. इसके बाद 2020 की जनवरी में बैरिया बस स्टैंड में पांच हथियार सप्लायर्स को 500 गोलियों की खेप के साथ पकड़ा गया था.