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हिमाचल के डिपुओं में दिवाली से पहले सरसों के तेल का संकट, चना दाल भी हुई गायब

दिवाली से पहले राशन डिपुओं में सरसों के तेल का संकट है. कई डिपुओं में उपभोक्ताओं को बैकलॉग कोटा भी उपलब्ध नहीं हो रहा.

हिमाचल के डिपुओं में सरसों के तेल का संकट
हिमाचल के डिपुओं में सरसों के तेल का संकट (कॉन्सेप्ट इमेज)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 4 hours ago

शिमला:हिमाचल में त्योहारी सीजन में महंगाई के बोझ तले दबे आम लोगों को डिपुओं में भी राहत नहीं मिल रही है. 31 अक्टूबर को दीपावली का पर्व है. इस दिन घरों में बनाए जाने वाले कई तरह के पकवानों के लिए तेल की अधिक जरूरत रहती है लेकिन इन दिनों डिपुओं में सरसों तेल का संकट गहरा गया है.

प्रदेश सरकार ने त्योहार के इस सीजन में राशन कार्ड धारकों को अपनी जरूरत के हिसाब से डिपुओं में सस्ते रेट पर सरसों तेल खरीदने की सुविधा दी है, लेकिन डिपुओं में जरूरत के मुताबिक तेल खरीदना तो दूर प्रदेश के कई जिलों के डिपुओं उपभोक्ताओं को सरसों तेल का बैकलॉग कोटा भी उपलब्ध नहीं हो रहा है.

इससे त्योहारी सीजन में उपभोक्ता बाजार से महंगे भाव पर सरसों का तेल खरीदने के लिए मजबूर हैं. डिपुओं में सरसों तेल का भाव 123 रुपये प्रति लीटर है. वहीं, राशन कार्ड धारकों को बाजार में यही सरसों का तेल 180 से 200 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से खरीदना पड़ रहा है.

डिपुओं में चना दाल भी गायब

हिमाचल में डिपुओं के माध्यम से सरकार ने च्वाइस की तीन दालें देने के ऑप्शन को पहले ही खत्म कर दिया है. त्योहारी सीजन से पहले डिपुओं में उपभोक्ताओं को अपनी पसंद की तीन दालें खरीदने का विकल्प मौजूद था लेकिन अब इस महीने से यह खत्म कर दिया गया है.

डिपुओं में अब उपभोक्ताओं को एक किलो दाल चना, एक किलो मलका और एक किलो उड़द की दाल बाजार से सस्ते रेट पर दी जानी है लेकिन च्वाइस की तीन दालें देने का ऑप्शन खत्म होने के बाद डिपुओं से चना दाल गायब है.

उदाहरण के तौर पर जिला मंडी के तहत उपमंडल करसोग के चुराग में स्थित हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के होलसेल गोदाम में केवल मलका की दाल ही उपलब्ध है. इसके अलावा चना दाल और उड़द की दाल स्टॉक से गायब है.

ऐसे में होल सेल गोदाम के अंतर्गत पड़ने वाले डिपुओं को केवल मलका की दाल का कोटा जारी किया गया है. इसी तरह से चुराग स्थित सिविल सप्लाई के होलसेल गोदाम से सरसों तेल का एक महीने का कोटा ही जारी हुआ है. वहीं, उपभोक्ताओं को पिछले महीने भी सरसों के तेल का कोटा नहीं मिला था. यही हाल प्रदेश के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के डिपुओं में है.

डिपुओं में मिलता है दो लीटर तेल

प्रदेश में राशन कार्ड धारकों को डिपुओं के माध्यम से बाजार से सस्ते रेट पर सरसों का तेल उपलब्ध करवाया जा रहा है. प्रदेश सरकार अभी तक एक राशन कार्ड पर अधिकतम दो लीटर सरसों तेल दे रही है. इसमें एपीएल और बीपीएल उपभोक्ताओं को 123 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से सरसों का तेल दिया जा रहा है. वहीं, टैक्स पेयर कार्ड धारकों को यही तेल 129 रुपये प्रति लीटर उपलब्ध हो रहा है.

त्योहारी सीजन में सरकार ने उपभोक्ताओं को डिपुओं में जाकर जरूरत के मुताबिक सरसों का तेल खरीदने की सुविधा दी थी लेकिन डिपुओं से सरकार के जरूरत के मुताबिक सस्ते रेट पर सरसों तेल खरीदे जाने का दावा कुछ ही दिनों में हवा हो गया. प्रदेश में डिपुओं के माध्यम से हर महीने करीब 34 लाख लीटर तेल की खपत होती है.

19 लाख से अधिक राशन कार्ड धारक

हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 65 हजार 589 है जो 4500 से अधिक डिपुओं के माध्यम से सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. उचित मूल्यों की दुकानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तेल, तीन अलग-अलग किस्म की दालें, सरसों तेल और नमक बाजार से काफी अधिक सस्ते रेट पर उपलब्ध करवाया जा रहा है. वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल का कहना है कि तेल के लिए 26 अक्टूबर को टेंडर खुलेगा जिसे सरकार को भेजा जाएगा. ऐसे में मंजूरी मिलते ही उपभोक्ताओं को पर्याप्त मात्रा में तेल का कोटा उपलब्ध होगा.

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