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National Youth Day: बचपन से ही देख नहीं पाती थी मुस्कान, सुरों की साधना से बन गईं प्रोफेसर - MUSKAN NEGI INSPIRING STORY

ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले ख़ुदा बंदे से पूछे बता तेरी रज़ा क्या है. ऐसी ही कहानी मुस्कान की है...

मुस्कान नेगी की आवाज है पहचान
मुस्कान नेगी की आवाज है पहचान (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 12, 2025, 6:23 AM IST

शिमला: 'जिंदगी प्यार का गीत है... इसे हर दिल को गाना पड़ेगा... जिंदगी गम का सागर भी है...हंस के उस पार जाना पड़ेगा, यानी जिंदगी के हर मोड़ पर सुख और दुख दोनों आते हैं. जिंदगी में दुख कितने भी आएं उनसे मुंह मोड़ कर नहीं बल्कि मुस्कुराकर उनका सामना करना चाहिए. जीवन में मुश्किलें कितनी भी आएं, लेकिन आगे बढ़ते रहने को ही जिंदादिली कहते हैं. ऐसी ही एक कहानी है हिमाचल की मुस्कान की. उन्होंने अपने जन्म से हर एक मुश्किल का सामना बेहद जिंदादिली से किया है. मुस्कान जिंदगी से हार बैठे युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं. आज नेशनल यूथ डे है. इस खास दिन पर हम आपको मुस्कान नेगी के बारे में बताएंगे.

कहते हैं कि सपने देखने के लिए आंखों की जरूरत नहीं होती. बस आपका निश्चय दृढ़ हो तो सपने साकार भी हो जाते हैं. ऐसा ही एक सपना मुस्कान नेगी ने देखा और उस सपने को पूरा भी किया. हिमाचल में शिमला के दूरदराज इलाके चिड़गांव के संदासली में मुस्कान का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था. पिता जयचंद और माता अंबिका देवी के घर पर जन्मी मुस्कान बचपन से ही दृष्टिबाधित थी. मुस्कान नेगी के पिता सेब बागवान हैं और मां गृहणी.

राष्ट्रीय युवा दिवस पर मुस्कान नेगी की कहानी (ETV Bharat)

मुस्कान नेगी की इंस्पायरिंग जर्नी

माता-पिता और परिवार के सहयोग से मुस्कान को कभी यह महसूस नहीं हुआ कि वो देख नहीं सकती है. मुस्कान ने अपनी शुरुआती पढ़ाई कुल्लू से करने के बाद शिमला के पोर्टमोर स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की. मुस्कान ने 12वीं की पढ़ाई के बाद उमंग फाउंडेशन की स्कॉलरशिप पर आरकेएमवी कॉलेज से बीए की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की. प्रदेश विश्वविद्यालय से म्यूजिक में एमए और एमफिल करने के बाद वो अब पीएचडी स्कॉलर हैं. इन दिनों मुस्कान शिमला के RKMV कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर अपनी सेवाएं दे रही हैं. मुस्कान ने कहा "उनका सपना एक उत्कृष्ट गायिका बनने के साथ-साथ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बनने का है.

ब्रेल लिपि और ऑडियो बुक्स से की पढ़ाई

मुस्कान ने कहा "मैनें अपनी पढ़ाई शुरुआत में ब्रेल लिपि से की और बाद में जब ऑडियो बुक्स आईं तो उन्हें सुनकर पढ़ाई की.ऑडियो बुक्स सुनकर सिलेबस को सुनना और पढ़ाई करना शुरू में चुनौती जैसा लगा. बाद में आदत पड़ने पर अपनी पढ़ाई की. मुस्कान ने HPU में म्यूजिक में MA की पढ़ाई के दौरान दूसरे ही सेमेस्टर में नेट का एग्जाम पास कर लिया था."

अपनी माता अंबिका देवी के साथ मुस्कान नेगी (ETV Bharat)

अमेरिका में भी बिखेरा आवाज का जादू

हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ मुस्कान देश और प्रदेश में भी जाना पहचाना नाम हैं. मुस्कान की आवाज इतनी सुरीली है कि वो किसी का भी दिल जीत सकती हैं. उन्होंने एक ऑनलाइन रेडियो “उड़ान” से जुड़कर गायकी की प्रतियोगिता में भाग लिया. इस प्रतियोगिता को भी मुस्कान जीत चुकी हैं. इसके बाद बेंगलुरु के समर्थनम ट्रस्ट फॉर डिसेबल ने उन्हें स्पॉन्सर किया और अमेरिका भेजा. मुस्कान ने अमेरिका में अपनी प्रस्तुति दी और करीब ढाई महीने तक वहां रहीं. उनकी उपलब्धियां हर किसी को हैरान कर देने वाली हैं. मुस्कान के अनुसार उनकी सफलता के पीछे उमंग फाउंडेशन के सदस्यों का भी बड़ा योगदान है जो कदम-कदम पर उनके साथ निस्वार्थ भाव से सहयोग करते रहे.

अपने पिता जयचंद के साथ मुस्कान नेगी (ETV Bharat)

‘स्टेट यूथ आइकन’रही हैं मुस्कान

मुस्कान नेगी को राज्य निर्वाचन विभाग ने 4 बार ‘स्टेट यूथ आइकन' बनाया है. दृष्टि बाधित मुस्कान नेगी को पहली बार साल 2017 में विधानसभा चुनाव के लिए ‘स्टेट यूथ आइकन’ बनाया गया था. इसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव, 2022 में विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी मुस्कान को स्टेट यूथ आइकन बनाया गया.

राजमा चावल की शौकीन हैं मुस्कान

मुस्कान को संगीत के साथ-साथ नॉवल सुनना भी बेहद पसंद है. साथ ही मुस्कान ने बताया कि उन्हें खाने में राजमा-चावल बेहद पसंद है. मुस्कान भले ही दुनिया के रंग ना देख पाई हो लेकिन सफलता का जो स्वाद उन्होंने चखा है. उसकी हर कोई मिसाल देता है. मुस्कान ने अपनी लगन और कड़ी मेहनत से इतिहास रचा है.

मुस्कान नेगी, एसिस्टेंट प्रोफेसर म्यूजिक, RKMV कॉलेज (ETV Bharat)

मुस्कान का युवाओं को संदेश

आज के युवाओं के लिए प्रेरणा बनीं मुस्कान का कहना है "अपनी कमजोरी को ही ताकत बना लेना चाहिए. इसके बाद दुनिया की कोई ताकत आपको हरा नहीं सकती. अपना काम करते-करते आपको पता ही नहीं चलेगा आप कब सफल हो गए. यही सफलता का मंत्र है"

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