शिमला: सियासी बयानबाजी एक तरफ और विकास का मामला अपनी जगह. जनसभाओं में पक्ष और विपक्ष के नेता बेशक एक-दूसरे को जमकर कोसते हैं, लेकिन विकास के मामले में पुष्प गुच्छ भेंट कर मुस्कुराहट के साथ मिलते हैं.
ऐसा ही कुछ हिमाचल और दिल्ली में देखने को मिला है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा हिमाचल से संबंध रखते हैं. वह हाल ही में बिलासपुर व नाहन के दौर पर आए तो हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर जमकर बरसे. नड्डा ने सुक्खू सरकार पर आरोपों की बौछार लगा दी.
शिष्टाचार भेंट (सोशल मीडिया) नड्डा के आरोपों पर सुखविंदर सरकार के मंत्रियों ने पलटवार किया साथ ही जेपी नड्डा को पद की गरिमा के अनुसार बयानबाजी की नसीहत भी दी लेकिन इसके ठीक बाद दिल्ली में हिमाचल सरकार के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की.
डिप्टी सीएम ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बल्क ड्रग पार्क सहित ऊना के लिए मेडिकल कॉलेज की मांग उठाई व अन्य मसलों पर भी चर्चा की. उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बल्क ड्रग पार्क को डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के विधानसभा क्षेत्र हरोली में स्थापित किया जा रहा है.
नरेंद्र मोदी सरकार के इस प्रोजेक्ट को पूर्व में हिमाचल की जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के समय मंजूरी मिली थी. डिप्टी सीएम ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से बल्क ड्रक पार्क के लिए अतिरिक्त राशि देने का आग्रह किया.
इसके अलावा दोनों के बीच बल्क ड्रग पार्क के निर्माण की प्रगति पर भी चर्चा हुई. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को अवगत करवाया कि बल्क ड्रग पार्क के लिए अतिरिक्त धन की जरूरत है. इसके अलावा डिप्टी सीएम ने ऊना में प्रस्तावित पीजीआई सैटेलाइट सेंटर के निर्माण को गति देने का भी आग्रह किया. डिप्टी सीएम ने केंद्रीय मंत्री को आश्वस्त किया कि इस मामले में राज्य सरकार हरसंभव सहयोग देगी. इसके साथ ही डिप्टी सीएम ने उनसे ऊना में एक मेडिकल कॉलेज खोलने का आग्रह भी किया.
जेपी नड्डा ने हिमाचल सरकार के डिप्टी सीएम को केंद्र की तरफ से पूरे सहयोग का भरोसा दिया. उल्लेखनीय है कि एशिया के फार्मा हब के तौर पर हिमाचल का बीबीएन यानी बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ एरिया विख्यात है. ऊना के हरोली में बल्क ड्रक पार्क बनने से हिमाचल पूरी दुनिया का फार्मा सेक्टर का सिरमौर बन जाएगा. इस पार्क के बनने से प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से 50 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा.
करीब दो हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट से फार्मा सेक्टर के रॉ मैटेरियल में हिमाचल पूरी दुनिया में अव्वल हो जाएगा. दवा निर्माण के रॉ मैटेरियल के लिए अभी भारत चीन पर निर्भर है. पार्क के चालू हो जाने से भारत आत्मनिर्भर हो जाएगा साथ ही बद्दी में मेडिकल डिवाइस पार्क से भी हिमाचल को लाभ होगा. चूंकि ऊना के हरोली में डिप्टी सीएम की खास रुचि है, लिहाजा वे इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार से हर संभव सहयोग चाहते हैं.
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