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यहां के लोगों को नहीं पता देश के पीएम का नाम, मोदी की गारंटी भी हुई फेल

दस साल पहले पीएम मोदी ने अपने सांसदों को एक-एक गांव गोद लेने के लिए कहा था. तब उम्मीद जताई जा रही थी कि MP's adopted village इन गांवों का विकास होगा, लेकिन 10 साल बाद भी इन गांवों का विकास आज तक नहीं हो पाया है. गांव आज भी बदहाली का शिकार है.

MPs adopted village in Dhanbad
MPs adopted village in Dhanbad

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 20, 2024, 5:44 PM IST

Updated : Mar 20, 2024, 7:10 PM IST

जानकारी देते संवाददाता नरेंद्र निषाद

धनबाद: देश की 70 फीसदी जनता गांव में रहती है. पीएम मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत 2014 में अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में सांसदों को एक एक गांव गोद लेने के लिए कहा गया था, ताकि उस गांव का सर्वांगीण विकास हो सके. धनबाद में पीएम मोदी के निर्देश पर यहां के सांसद पीएन सिंह ने गोविंदपुर प्रखंड के रतनपुरा पंचायत को गोद लिया था. ईटीवी भारत ने सांसद के द्वारा गोद लिए गए रतनपुरा पंचायत का जायजा लिया.

गांव के ज्यादातर पुरुष करते हैं दिहाड़ी मजदूरी

रतनपुरा पंचायत का जीरामुड़ी गांव आदिवासी बहुल है. यहां के ग्रामीणों ने बातचीत के दौरान जो बताया वह चौंकाने वाली हैं. विकास की बात करें तो बिजली और सड़क की व्यवस्था यहां है. आदिवासी परिवार मिट्टी के घर मे रहते हैं. यहां के ज्यादातर आदिवासी पुरुष दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं. पीएम मोदी ने ग्रामीण महिलाओं को धुंए से निजात दिलाने के लिए उज्ज्वला गैस योजना की शुरुआत की, लेकिन यहां की महिलाएं आज भी लकड़ी पर ही खाना बनाती नजर आयीं.

ग्रामीणों को नहीं पता पीएम और सांसद का नाम

जीरामुड़ी गांव की रहने वाली आदिवासी महिला सोनामुनी और अन्य महिलाओं से ईटीवी भारत ने अपने सांसद और प्रधानमंत्री का नाम पूछा लेकिन ना तो वह अपने सांसद का नाम बता सकीं और ना ही प्रधानमंत्री का. यहां नमिता देवी ने बताया कि वह लकड़ी जलाकर खाना बनाती हैं. उज्ज्वला गैस योजना का लाभ उन्हें नहीं मिला है. वहीं सुनीता देवी बताती हैं कि उन्हें उज्ज्वला गैस योजना के तहत गैस मिला था, लेकिन इतने पैसे नहीं हैं कि फिर से गैस भरवा सकें.

वहीं, गांव के ही आदिवासी बुजुर्ग देवानंद मुर्मू भी अपने सांसद और पीएम का नाम नहीं बता सकें. वहीं शिवलाल मरांडी ने पीएम के बारे में पूछने पर कहा कि सुना है मोदी सरकार है. वे भी अपने सांसद का नाम नहीं बता सके. वहीं, यहां के ग्रामीणों को ये भी नहीं पता है कि उनके सांसद ने इस गांव को गोद लिया है.

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Last Updated : Mar 20, 2024, 7:10 PM IST

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