भोपाल। प्रदेश में ओलावृष्टि और अतिवृष्टि को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एक्शन में हैं. उन्होंने कैबिनेट में चर्चा करते हुए कहा कि ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों का सर्वे करने के लिए सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि कोई भी किसान जो ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से प्रभावित हुआ है, उसका सर्वे गंभीरता के साथ किया जाए. उन्होंने कहा कि फसलों का सर्वे कराकर किसानों को उचित राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी. सर्वे की मॉनिटरिंग करने के लिए सभी मंत्रीगण, विधायकगण और सांसदों को भी कहा गया है.
एमपी में बिगड़ा मौसम का मिजाज
मौसम वैज्ञानिक डॉ वेद प्रकाश सिंह का अनुमान है कि आने वाले दिनों में मौसम और खराब होगा. एमपी और अरब सागर के बीच बनी ट्रफ लाइन की वजह से बादल छाए हुए हैं. जिसके चलते निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. इस वजह से बारिश हो रही है. मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में और बारिश होगी. 28 फरवरी को भी प्रदेश में कई हिस्सों में वर्षा और ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है. नर्मदापुरम, भोपाल, सागर, जबलपुर , शहडोल, रीवा , ग्वालियर चंबल संभागों के जिलो में बारिश होगी वहीं इंदौर, उज्जैन संभाग में बादल छाए रहेंगे. बीते पिछले 24 घंटे में छिंदवाड़ा, बैतूल, सिवनी, मंडला में जमकर बारिश और ओलावृष्टि हुई. 29 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ का असर हिमालय में देखने को मिलेगा और वहां पर बर्फबारी होगी. इसका असर 1 मार्च से ग्वालियर चंबल अंचल में दिखाई देगा.
ओले गिरने की संभावना
उज्जैन संभाग , भोपाल ,ग्वालियर,सागर सहित पूर्वी मध्यप्रदेश में बारिश और ओले गिरने की संभावना जताई गई है लेकिन 24 घंटे बाद इस विक्षोभ का असर कम हो जायेगा. इसके बाद 1 मार्च से फिर एक विक्षोभ सक्रिय होगा जिसका असर उत्तर दक्षिण एमपी पर पड़ेगा. अभी मौसम विभाग ने 46 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है और ये क्रम 1 मार्च को भी चलेगा.
सर्वे के लिए मैदानी अमले को भेजने के निर्देश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि कलेक्टर मैदानी अमले के साथ खेतों में फसल नुकसान को लेकर सर्वे करें और उसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द दें ताकि किसानों को मुआवजा मिल सके.