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यूपी-मध्य प्रदेश बॉर्डर पर बदल जाएंगे 2 जिले, लोग पूछ रहे कहां जाएंगे गांव - MP 2 DISTRICTS MAP CHANGE

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच बनने वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना से पन्ना और छतरपुर जिलों के कई गांवों का नक्शा बदल जाएगा.

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मध्य प्रदेश के 2 जिलों का बदलने जा रहा नक्शा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 12, 2025, 4:36 PM IST

Updated : Feb 12, 2025, 5:33 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में जिलों और संभागों की सीमाओं को नए सिरे से तय करने के लिए तैयारियां चल रही हैं. इसके लिए गठित पुनर्गठन आयोग नए सिरे से सीमांकन की तैयारियों में जुटा है. आयोग कुछ भी निर्णय करे, लेकिन सरकार की एक परियोजना से प्रदेश के 2 जिलों का नक्शा बदलने जा रहा है. इन दोनों जिलों के कई गांव मौजूदा जिलों के नक्शे से आने वाले समय में गायब हो जाएंगे. मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच बनने वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना से प्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों के कई गांवों का नक्शा बदल जाएगा. इसका मुद्दा हाल ही में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद में उठाया है.

केन-बेतवा लिंक परियोजना से बदलेगा जिलों का नक्शा

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास कर चुके हैं. करीबन 45 हजार करोड़ की लागत से बनने वाली यह देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना है. इसमें नहर के माध्यम से केन नदी के पानी को बेतवा नदी में छोड़ा जाएगा.

देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना में केन नदी और बेतवा नदी पर 7 बांधों का निर्माण किया जाएगा. केन नदी पर 77 मीटर ऊंचा और 2.13 किलोमीटर लंबा बांध बनाया जाएगा. बांध और कैनाल का निर्माण होने के बाद केन नदी के पानी को बेतवा नदी में छोड़ा जाएगा. यह लिंक कैनाल दौंधन बांध पन्ना से बरूआ सागर बांध के बीच बनेगी. इस परियोजना से पन्ना और छतरपुर जिले के कई गांव सीधे प्रभावित हो रहे हैं.

छतरपुर जिले के 14 गांव होंगे विस्थापित

केन-बेतवा लिंक परियोजना से जहां प्रदेश के 1900 गांवों को सीधा फायदा पहुंचेगा, वहीं प्रदेश के दो जिलों छतरपुर और पन्ना के कई गांव नक्शे से गायब हो जाएंगे. यह परियोजना अगले 8 साल में पूरी होगी, लेकिन इसके पहले छतरपुर जिले के 14 गांवों का नामोनिशान खत्म हो जाएगा. जिले के 14 गांवों में विस्थापन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इनमें भरकुआं, ढोढन, खरियानी, कुपी, मैनारी, पलकोहा, शाहपुरा, सुकवाहा, पाठापुर, नैगुवां, डुंगरिया, कदवारा, घुघरी, बसुधा गांव शामिल हैं. हालांकि प्रशासन ने तय किया है कि इन 14 गावों को 4 गांवों में बसाया जाएगा.

पन्ना जिले के 11 गांव होंगे विस्थापित

इस परियोजना के चलते पन्ना जिले के 11 गांवों को विस्थापित किया जाएगा. इनमें पन्ना तहसील के गहदरा, कटहरी, बिलहटा, मझौली, कोनी, डोंडी और अमानगंज तहसील के खमरी, कूडन और मरहा गांव है. वहीं ललार, रमपुरा, जरधोबा और कंडवाहा गावों को भी विस्थापित किया जाएगा. यह गांव पन्ना टाइगर रिजर्व में हैं. जिन्हें अब शिफ्ट किया जा रहा है. राज्य सरकार ने गांवों के विस्थापन कर जमीन अधिग्रहण के लिए समय सीमा निर्धारित की है.

परियोजना से बदलेगी बुंदेलखंड की तस्वीर

देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर बदलने की उम्मीद लगाई जा रही है. नदी जोड़ो परियोजना से मध्य प्रदेश के 10 जिलों छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, सागर और दतिया के अलावा शिवपुरी, विदिशा और रायसेन जिले को फायदा मिलेगा. इससे इन जिलों के 44 लाख लोगों को पीने का साफ पानी मिलेगा वहीं 2 हजार गांव के 7 लाख 18 हजार किसानों को सिंचाई सुविधा में लाभ मिलेगा. इस परियोजना से 8.10 लाख हेक्टेयर इलाके को सिंचाई की सुविधा मिलेगी.

Last Updated : Feb 12, 2025, 5:33 PM IST

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