भोपाल (विश्वास चतुर्वेदी) : देश को आजाद हुए भले 77 सा बीत चुके हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के 10 जिलों में रेल सुविधाओं को लेकर कोई खास बदलाव नहीं हुआ है. बता दें कि प्रदेश में 700 से अधिक छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन हैं, लेकिन रायसेन, खरगोन, डिंडोरी और सीधी समेत अन्य जिलों में आज भी एक भी रेलवे स्टेशन नहीं है. इन जिलों में लोगों को रेल यात्रा के लिए 100 से 150 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है. हालांकि यहां रेल चलाने के लिए क्षेत्रीय प्रतिनिधियों ने कई बार मांग उठाई, सरकार से आश्वासन भी मिला. फिर भी लोगों को उनके जिले में रेल की सुविधा नहीं मिली.
भोपाल रेल मंडल के दो जिले शामिल
बता दें कि प्रदेश के जिन जिलों में रेलवे स्टेशन नहीं हैं, उनमें भोपाल रेल मंडल के दो जिले शामिल हैं. इनमें से एक राजधानी से लगा हुआ रायसेन जिला है. जो भोपाल से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां तक ट्रेन चलाने और रेलवे स्टेशन बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी प्रयास कर चुके हैं, लेकिन अभी भी रायसेन रेल सुविधा से दूर है. वहीं भोपाल रेल मंडल का दूसरा जिला राजगढ़ है. हालांकि यहां राजगढ़ के ब्यावरा में रेलवे स्टेशन है, लेकिन जिला मुख्यालय में अब तक रेलवे स्टेशन का निर्माण नहीं हुआ.
जबलपुर रेल मंडल के इन जिलों में नहीं बने स्टेशन
जबलपुर रेल मंडल के 4 जिले ऐसे हैं, जहां रेलवे स्टेशन नहीं है. इनमें हीरे का खजाना कहे जाना वाला पन्ना है. यहां के लोगों को रेल यात्रा करने के लिए पड़ेासी जिले छतरपुर या सतना जाना पड़ता है. वहीं रीवा संभाग के दो जिले भी शामिल हैं, जहां रेलवे स्टेशन नहीं है. इनमें पहला मऊगंज जिला, जो अभी रीवा से अलग हुआ है. वहीं रीवा संभाग का दूसरा जिला सीधी है, यहां के लोग रेल यात्रा करने के लिए 50 से 100 किलोमीटर दूर रीवा जाना पड़ता है.
हालांकि रीवा, सीधी, सिंगरौली रेलवे लाइन परियोजना के तहत सीधी जिले के रघुनाथपुर में पहला रेलवे स्टेशन बन रहा है. वहीं डिंडोरी जिले के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन जबलपुर है. डिंडोरी से उमरिया 108 किलोमीटर व पेंड्रा रोड 115 किलोमीटर है. जहां से डिंडोरी के लोग अपनी रेल यात्रा शुरु करते हैं.