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एमपी के श्रम आयुक्त का फैसला- भ्रष्ट कर्मचारी की ग्रेज्युटी राशि जब्त कर सकता है संबंधित विभाग - MP Labor Commissioner decision - MP LABOR COMMISSIONER DECISION

मध्यप्रदेश के मुख्य श्रम आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई कर्मचारी या अधिकारी भ्रष्टाचार के मामले में दोषी साबित हो चुका है तो उसकी ग्रेच्युटी राशि विभाग जब्त कर सकता है.

MP Labor Commissioner decision
एमपी के श्रम आयुक्त का फैसला

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 6, 2024, 2:33 PM IST

जबलपुर।मुख्य श्रम आयुक्त ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि ग्रेच्युटी कर्मचारी का वैधानिक अधिकार है. लेकिन कर्मचारी की अनैतिक के कारण विभाग ग्रेच्युटी पर अपने अनुसार फैसला ले सकता है. भ्रष्टाचार के आरोप में सजा से दंडित कर्मचारी की पूरी ग्रेच्युटी राशि विभाग जब्त कर सकता है.

अतिरिक्त श्रम आयुक्त ने ग्रेच्युटी देने का आदेश दिया

गौरतलब है कि अतिरिक्त श्रम आयुक्त द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में सजा से दंडित कर्मचारी को ग्रेच्युटी राशि प्रदान करने के आदेश को चुनौती फ़ूड कोऑपरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा दी गयी थी. अपील में कहा गया है कि आदेश का परिपालन करते हुए ग्रेच्युटी की राशि बैंक डॉफ्ट के रूप में जमा करवा दी गयी है. मामले के अनुसार महेश कुमार वाजपेयी फ़ूड कोऑपरेशन ऑफ़ इंडिया है में कर्मचारी था. सीबीआई ने उसे 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकडा था. सेवानिवृत्त के बाद कर्मचारी ने सीबीआई द्वारा दर्ज की गयी एफआईआर को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की.

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कर्मचारी को हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत

हाईकोर्ट से कर्मचारी को किसी प्रकार की राहत नहीं मिली. चूंकि सीबीआई कोर्ट ने कर्मचारी को दोषी करार देते हुए सजा से दंडित कर दिया था. जिसके बाद फ़ूड कोऑपरेशन ऑफ़ इंडिया की विभागीय अनुशासन समिति ने ग्रेच्युटी जब्त करने का निर्णय लिया था. इसके खिलाफ कर्मचारी ने अतिरिक्त श्रम आयुक्त के पास आवेदन दिया. अतिरिक्त श्रम आयुक्त ने कर्मचारी के पक्ष में आदेश जारी किए. इसे चुनौती देते हुए अपील दायर की गयी. अपील की सुनवाई के बाद मुख्य श्रम आयुक्त ने ग्रेच्युटी जब्त किये जाने के निर्णय को सही करार दिया. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अंजली बैनजी ने पैरवी की.

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