ग्वालियर: जिले में करीब 5 हजार से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है. हालांकि उनके नाम से अभी भी परिवार के लोग राशन ले रहे हैं. इसका खुलासा प्रशासन की जांच में हुआ है. अब प्रशासन ने राशन कार्ड से उनके नाम को हटाने की कवायद शुरू कर दी है. इससे शासन को हर महीने लगभग साढ़े 7 लाख रुपये के राजस्व की हानि उठानी पड़ रही थी.
242 क्विंटल गेहूं और चावल का नुकसान
प्रशासन की जांच में सामने आया है कि पीडीएस दुकानों से मृतक के परिवार वाले मृतक के नाम का राशन ले रहे हैं. जो कि अब इस दुनिया में नहीं हैं. अकेले ग्वालियर में ऐसे लोगों की संख्या करीब 5227 है. जिनमें लगभग 4,841 प्राथमिकता कार्ड वाले परिवार हैं. प्राथमिकता कार्ड के प्रत्येक सदस्यों को 161 रुपए का 3 किलो गेहूं और दो किलो चावल मिलता है. इस हिसाब से हर महीने ग्वालियर जिले में ही लगभग 7 लाख 80 हजार रुपए का 242 क्विंटल गेहूं और चावल का नुकसान विभाग को उठाना पड़ रहा था.
3 लाख 13 लोगों का राशन कार्ड से कटेगा नाम
गौरतलब है कि UIDAI ने प्रदेश के लगभग 3 लाख 13 हजार मृतकों के आधार निरस्त किए गए हैं. इसकी सूची राज्य शासन को भेजी गई है. जबकि सदस्य संख्या की समीक्षा नियमित तौर पर खाद्य विभाग द्वारा की जाती है. जिलों में लगभग 25 हजार ऐसे लोग जिनके नाम पर नियमित रूप से राशन ले रहे हैं, हालांकि वह लंबे समय पहले मर चुके हैं.
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इस संबंध में जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी विपिन श्रीवास्तव ने कहा, "मैं राशन कार्डधारकों की सूची को दुकानदारों को छांट कर दे दी है. इसमें सत्यापन कराया जा रहा है कि किस घर के सदस्य की मौत हो चुकी है. उनका नाम पोर्टल से हटा दिया जाएगा. सूची में 5227 लोग हैं, जिनमें से अब तक 300 लोगों के नाम सत्यापन के बाद पोर्टल से हटा दिए गए हैं. कोई भी परिवार किसी मृत व्यक्ति की जानकारी खुद दुकानदारों को नहीं देता है. यह खुलासा आधार निरस्त होने के कारण हुआ है." वहीं नगर निगम कमिश्नर संघ प्रिय ने कहा, "ऐसे लोगों का सर्वे करके ई केवाईसी किया जाएगा और उसका नाम सूची से हटा दिए जाएंगे."