भोपाल।इंदौर के चोरल आदिवासी गर्ल्स हॉस्टल के बाद ग्वालियर बालिका गृह की एक लड़की को अगवा किए जाने की घटना से हड़कंप है. अब राज्य सरकार ने प्रदेश भर के सरकारी हॉस्टल की निगरानी की जिम्मेदारी 19 आईएएस अधिकारियों को सौंपी है. ये अधिकारी जिलों में संचालित होने वाले हॉस्टल का औचक निरीक्षण करेंगे. वहां रहने वाले छात्र-छात्राओं से फीडबैक लेंगे. वहां पाई जाने वाली कमियों की रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी. इसके आधार पर राज्य सरकार कार्रवाई करेगी. एक आईएएस अधिकारी को 3 से लेकर 5 जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
अफसरों को 2 माह में 3 दिन औचक निरीक्षण का जिम्मा
आईएएस अधिकारियों को संबंधित जिलों के अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और सामान्य छात्रावासों, आश्रम में 2 माह में कम से कम तीन दिन औचक निरीक्षण करना होगा. इस दौरान इनमें पाई जाने वाली कमियों, सुविधाओं को बेहतर बनाने और इनके बेहतर संचालन के संबंध में सुझाव और प्रतिवेदन तैयार कर संबंधित विभाग को सौंपना होगा.
लगातार आ रही गड़बड़ियों की शिकायतें
प्रदेश के सरकारी हॉस्टल्स में लगातार गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आ रही हैं. खासतौर से गर्ल्स हॉस्टल्स और बालिका गृह में लगातार चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं. पिछले दिनों इंदौर के चोरल आदिवासी गर्ल्स हॉस्टल का सनसनीखेज मामला सामने आया था. यहां तैनात वार्डन गर्ल्स हॉस्टल में बाहरी पुरुषों को एंट्री देती थी. यहीं नहीं बल्कि गर्ल्स हॉस्टल के अंदर आकर पुरुष शराब भी पीते थे. इसका खुलासा हॉस्टल की ही एक छात्रा की शिकायत से हुआ था. इसी तरह सिवनी जिले के बोरदई आदिवासी गर्ल्स हॉस्टल में वार्डन की प्रताड़ना से तंग आकर छात्रा ने आत्महत्या की कोशिश की थी. इधर, हाल ही में ग्वालियर के एक बालिका गृह में आधी रात को बदमाश घुसे और एक छात्रा को अगवा करके ले गए.