जबलपुर: आपने कास्ट शिल्प, लोह शिल्प, हस्त शिल्प जैसे कई शिल्पो के नाम सुने होंगे, लेकिन गोबर शिल्प का नाम नहीं सुना होगा. यह नाम कलाकारों के लिए भी नया है. बता दें कि गोबर के इस्तेमाल को लेकर भारत में कई प्रयोग चल रहे हैं. जैसे गोबर से लड़कियां, अगरबत्ती, दिए आदि प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं. वहीं भोपाल के कलाकार जितेंद्र राठौर गोबर से 75 किस्म के प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं. उन्होंने गोबर से प्रोडक्ट तैयार करने की कला को गोबर शिल्प नाम दिया है.
संकट में काम आया गोबर
भोपाल के रहने वाले जितेंद्र राठौर कोरोना महामारी के पहले तक मेडिकल सेक्टर में काम करते थे, लेकिन कोरोनाकाल के दौरान उनकी नौकरी चली गई थी. उनके सामने काम का संकट खड़ा हो गया था. जितेंद्र के पास किसी व्यापार में लगाने के लिए बिल्कुल भी पैसा नहीं था. वहीं उनकी पत्नी एक उम्दा पेंटर हैं, जो शौकिया पेंटिग किया करती थीं. इस दौरान दंपत्ति ने तय किया कि भी कुछ ऐसा करेंगे जिसमें पैसा भी ना लगे और केवल कला के दम पर कारोबार खड़ा हो जाए. इसके बाद दोनों ने मिलकर गोबर से कलाकृतियां बनाना शुरू किया.
गोबर से बनाईं 75 कलाकृतियां
जितेंद्र राठौर ने गोबर पर काम करना शुरू किया. उन्होंने सबसे पहले गोबर के गणेश बनाए. इसे बनाने के लिए उन्होंने पहले गोबर को सुखाया फिर उसको पाउडर फॉर्म में बनाया. इसके बाद गोबर के पाउडर में कुछ दूसरी चीजें मिलाकर इससे गणेश की मूर्ति बनाई. वर्तमान में जितेंद्र गोबर से 75 तरह की कलाकृतियां बना रहे हैं.
घर से जुड़ी हुई चीजें
जितेंद्र राठौर ने घरों को सजाने के लिए वॉल हैंगिंग्स, वैदिक बंदनवार, गोबर की घड़ी, गोबर पर पेंटिंग, गोबर के आईने जैसी कई चीज बनाई है. जिसको लेकर खूब पसंद कर रहे हैं. लोग इन कलाकृतियों से अपने घरों की सजावट कर रहे हैं.
त्योहारों से जुड़ी हुई कला
यहां तक की रक्षाबंधन के दौरान उन्होंने गोबर की राखी बनाई. दीपावली पर तो गोबर के दीए बनाए और गणेश पूजा के दौरान जितेंद्र राठौर ने घरों में स्थापित करने वाली गणेश प्रतिमाएं भी बनाई.
ऑफिस के डेकोरेटिव आइटम
ऑफिस में काम करने वाले लोगों के लिए जितेंद्र राठौर ने पेन स्टैंड, मोबाइल स्टैंड, वॉल हैंगिंग और मोमेंटो जैसे कई आइटम बनाएं हैं.
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- गो ग्रीन: 3 माह में 1 करोड़ का बिका गोबर से बना वॉल पेंट, डेकोरेटिव आइटम्स की बढ़ी डिमांड
पारिवारिक कारोबार
इस काम में जितेंद्र का बेटा भी उनका हाथ बटता है. पूरा परिवार मिलजुल कर कलाकृतियां बनता है. जिन्हें जितेंद्र राठौर ऑनलाइन व हाट बाजारों में बेचते हैं. इन दिनों जबलपुर में महाकौशल विज्ञान मेले में जितेंद्र राठौर अपनी कलाकृतियां बेचने पहुंचे हैं. जहां उन्हें लोगों से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. उनकी छोटी-छोटी कलाकृतियों के भी अच्छे दाम मिल जाते हैं. जितेंद्र राठौर का कहना है, "गोबर से बने प्रोडक्ट से वे अच्छा खासा कमा लेता हूं. मैं गाय के गोबर से मूर्ति, स्वस्तिक, शुभ लाभ, श्री यंत्र दीवार पेंटिंग, घड़े आदि बनाता हूं."