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स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 में मास्टर स्ट्रोक की तैयारी, स्वच्छता का सिरमोर बनेगा भोपाल, दिन रात सफाई - SWACHH SURVEY 2025

इस समय नगर निगम भोपाल को सुंदर और साफ बनाने में जुटा है. स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 के लिए टीम फरवरी में राजधानी आ सकती है. पढ़िए भोपाल से विश्वास चतुर्वेदी की रिपोर्ट.

SWACHH SURVEY 2025
स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 में मास्टर स्ट्रोक की तैयारी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 22, 2025, 7:33 AM IST

Updated : Jan 22, 2025, 8:41 AM IST

भोपाल: स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 के लिए सर्वेक्षण की टीम भोपाल आने वाली है. इससे पहले भोपाल नगर निगम ने स्वच्छ सर्वेक्षण में मास्टर स्ट्रोक लगाने की तैयारी कर ली है. देश में स्वच्छता का सिरमोर बनने के लिए भोपाल पूरी तरह तैयार है. अधिकारियों का दावा है कि इस बार नगर निगम भोपाल ने खास तैयारी की है, साथ ही कई नवाचार किए गए हैं. जिसका फायदा स्वच्छ सर्वेक्षण में भोपाल को मिल सकता है.

फरवरी में आ सकती है सर्वेक्षण की टीम
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि, ''दिल्ली से आने वाली सर्वेक्षण की टीम यहां आने को लेकर हमें कोई जानकारी नहीं देती है. लेकिन शहर में हर जगह हमारे सफाईकर्मी और कर्मचारी मौजूद रहते हैं. ऐसे में कई बार वो लोग फोटो लेते हुए पहचान लिए जाते हैं.'' हालांकि नगर निगम भोपाल के अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि, ''संभवतः सर्वेक्षण की टीम फरवरी महीने में भोपाल आ सकती है. इसके लिए नगर निगम ने तैयारियां पूरी कर ली है.''

स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 के लिए टीम फरवरी में राजधानी आ सकती है (ETV Bharat)

दिन-रात दो बार हो रही बाजारों की सफाई
स्वच्छ सर्वेक्षण के कारण नगर निगम के स्वास्थ्य अमले ने फील्ड में मुस्तैदी बढ़ा दी है. बाजार क्षेत्रों में दिन और रात में दो बार सफाई करने के साथ कचरा उठाया जा रहा है. सार्वजनिक स्थनों पर गंदगी फैलाने वालों से जुर्माना वसूला जा रहा है. वहीं दीवारों पर सुंदर पेटिंग की जा रही हैं. नालों के आसपास मनमोहक जालियां लगाई जा रही हैं. जिससे नालों की गंदगी दिखाई न दे. वहीं सड़कों पर उड़ती धूल को रोकने के लिए रात में रोड स्वीपिंग मशीनों से सफाई की जा रही है.

preparing cleaning in bhopal
शहर की सफाई में जुटा नगर निगम (ETV Bharat)

स्वच्छ सर्वेक्षण में ये होगी चुनौती
बता दें कि, पिछले स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में देश में सबसे स्वच्छ राजधानी के मामले में भोपाल पहले नंबर पर था. वहीं नगर निगम भोपाल को देश के शहरों की लिस्ट में पांचवी रैंक मिली थी. इसके लिए पिछली बार नगर निगम भोपाल ने कई नचार किए थे. जिसके कारण एक रैंक में उछाल आया था. अब इस बार भी नगर निगम के सामने पॉलीथिन का प्रयोग, खुले में सीवेज का बहना और कचरे का शत प्रतिशत निस्तारण बड़ी चुनौती है.

SWACHH SURVEY 2025
फरवरी में आ सकती है सर्वेक्षण की टीम (ETV Bharat)

इन नवाचारों से भोपाल बनेगा नंबर वन
नगर निगम भोपाल शहर से निकलने वाले कचरे के शत प्रतिशत निस्तारण की दिशा में निरंतर काम कर रहा है. इसके साथ ही कचरे में ट्रांसफर स्टेशन पहुंचने वाले रिसायकिल योग्य कचरे का फिर से उपयोग कर जरुरत के सामान बनाए जा रहे हैं. हाल में ही नगर निगम ने दानापानी कचरा ट्रांसफर स्टेशन में मंदिरों से निकलने वाली निर्माल्य सामग्री, गुड़ और नीबूं से बायो एंजाइम तैयार कर रहा है. वहीं फूलों से अगरबत्ती तैयार की जा रही है. इसके साथ ही नगर निगम द्वारा कोकोनट वेस्ट और पुराने कपड़ों से रस्सियां व अन्य सामग्री बनाने का काम कर रहा है. वहीं सूखे कचरे से चारकोल और गीले कचरे से बायो सीएनजी बनाने का कारखाना भी जल्द शुरु होने जा रहा है.

SANITATION TEAM VISIT BHOPAL
भोपाल में हो रहे कई नवाचार (ETV Bharat)

800 मीट्रिक टन कचरे से बनेगी सीएनजी और चारकोल
अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि, ''आदमपुर छावनी स्थित लैंडफिल साइट में पूरे शहर का करीब 900 मीट्रिक टन गीला-सूखा व अन्य प्रकार का कचरा निकलता है. इसमें करीब 20 टन कोकोनट वेस्ट, करीब 10 टन कपड़ा, करीब 25 टन पॉलीथिन व अन्य कचरा निकलता है. अब इसके शत प्रतिशत निस्तारण की व्यवस्था नगर निगम भोपाल ने कर ली है.''

''आदमपुर छावनी में एनटीपीसी द्वारा प्रतिदिन 400 मीट्रिक सूखे कचरे से टारिफाइड चारकोल बनाने के लिए प्लांट लगाया जा रहा है. वहीं 400 मीट्रिक टन गीले कचरे से सीएनजी बनाने के लिए एक अलग प्लांट लगाया जा रहा है. दोनों का काम अंतिम चरण में है. संभवतः अप्रैल या मई से दोनों प्लांट शुरु हो सकते हैं. इसका बड़ा असर स्वच्छ सर्वेक्षण में नगर निगम भोपाल की रैकिंग में होगा.''

SANITATION TEAM VISIT BHOPAL
देश में स्वच्छता का सिरमोर बनेगा भोपाल (ETV Bharat)

फूलों से बन रही अगरबत्ती
दानापानी कचरा ट्रांसफर प्लांट में मंदिरों और शादी-समारोह से निकलने वाले फूलों को एकत्रित कर अगरबत्ती बनाई जा रही है. शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित मंदिरों से फूल व अन्य निर्माल्य सामग्री एकत्रित करने के लिए 4 मैजिक वाहन लगाए गए हैं. मुख्यालय से इसकी मानीटरिंग भी की जा रही है.

दिव्य बायो एंजाइम
नगर निगम के कचरा ट्रांसफर स्टेशन में मंदिरों से पहुंचने वाले निर्माण सामग्री, गुड़ और नीबूं के इस्तेमान से दिव्य बायो एंजाइम तैयार किया जा रहा है. इसे बनाने में 45 से 90 दिन का समय लगता है. इसे छानकर पौधों में खाद-कीटनाशक की तरह, कपड़े-बर्तन धोने, फिनाइल और वाटर बॉडी का पानी साफ करने के लिए उपयोग किया जा सकता है.

cleaning SURVEY in bhopal
सर्वेक्षण को लेकर भोपाल में सफाई साफ जारी है (ETV Bharat)

पुराने कपड़ों से रस्सी
दानापानी कचरा स्टेशन में ही रस्सी बनाने की मशीन लगाई गई है. इसमें कोकोनट वेस्ट और पुराने कपड़ों की मदद से रस्सी बनाई जा रही है. इसमें कचरे में फेंके जाने वाले कपड़े और लोगों के द्वारा दिए गए पुराने का कपड़ों का इस्तेमाल होता है.

गोबर से बने गमले
सीएसआर के तहत नगर निगम को तीन मशीनें मिली हैं. जिसमें गोबर से गमले बनाए जा रहे हैं. इनका इस्तेमाल नर्सरियों में किया जाएगा. जिससे कि पौधे लगाने के लिए पॉलीथिन का इस्तेमान नहीं करना पड़े. वहीं, गोबर से गमले बनाने में कोकोनट वेस्ट का इसतेमाल भी किया जा रहा है.

थर्माकोल की होगी रीसाइक्लिंग
नगर निगम भोपाल ने थर्माकोल रीसाइक्लिंग प्लांट भी लगाया है. यह भी सीएसआर फंड की मदद से लगाया गया है. इसके लिए निगम को 10 लाख रुपये मिले हैं. यहां कचरे में आने वाले थर्माकोल को रिसायकल कर पुनः उपयोग किया जाएगा.

भोपाल: स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 के लिए सर्वेक्षण की टीम भोपाल आने वाली है. इससे पहले भोपाल नगर निगम ने स्वच्छ सर्वेक्षण में मास्टर स्ट्रोक लगाने की तैयारी कर ली है. देश में स्वच्छता का सिरमोर बनने के लिए भोपाल पूरी तरह तैयार है. अधिकारियों का दावा है कि इस बार नगर निगम भोपाल ने खास तैयारी की है, साथ ही कई नवाचार किए गए हैं. जिसका फायदा स्वच्छ सर्वेक्षण में भोपाल को मिल सकता है.

फरवरी में आ सकती है सर्वेक्षण की टीम
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि, ''दिल्ली से आने वाली सर्वेक्षण की टीम यहां आने को लेकर हमें कोई जानकारी नहीं देती है. लेकिन शहर में हर जगह हमारे सफाईकर्मी और कर्मचारी मौजूद रहते हैं. ऐसे में कई बार वो लोग फोटो लेते हुए पहचान लिए जाते हैं.'' हालांकि नगर निगम भोपाल के अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि, ''संभवतः सर्वेक्षण की टीम फरवरी महीने में भोपाल आ सकती है. इसके लिए नगर निगम ने तैयारियां पूरी कर ली है.''

स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 के लिए टीम फरवरी में राजधानी आ सकती है (ETV Bharat)

दिन-रात दो बार हो रही बाजारों की सफाई
स्वच्छ सर्वेक्षण के कारण नगर निगम के स्वास्थ्य अमले ने फील्ड में मुस्तैदी बढ़ा दी है. बाजार क्षेत्रों में दिन और रात में दो बार सफाई करने के साथ कचरा उठाया जा रहा है. सार्वजनिक स्थनों पर गंदगी फैलाने वालों से जुर्माना वसूला जा रहा है. वहीं दीवारों पर सुंदर पेटिंग की जा रही हैं. नालों के आसपास मनमोहक जालियां लगाई जा रही हैं. जिससे नालों की गंदगी दिखाई न दे. वहीं सड़कों पर उड़ती धूल को रोकने के लिए रात में रोड स्वीपिंग मशीनों से सफाई की जा रही है.

preparing cleaning in bhopal
शहर की सफाई में जुटा नगर निगम (ETV Bharat)

स्वच्छ सर्वेक्षण में ये होगी चुनौती
बता दें कि, पिछले स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में देश में सबसे स्वच्छ राजधानी के मामले में भोपाल पहले नंबर पर था. वहीं नगर निगम भोपाल को देश के शहरों की लिस्ट में पांचवी रैंक मिली थी. इसके लिए पिछली बार नगर निगम भोपाल ने कई नचार किए थे. जिसके कारण एक रैंक में उछाल आया था. अब इस बार भी नगर निगम के सामने पॉलीथिन का प्रयोग, खुले में सीवेज का बहना और कचरे का शत प्रतिशत निस्तारण बड़ी चुनौती है.

SWACHH SURVEY 2025
फरवरी में आ सकती है सर्वेक्षण की टीम (ETV Bharat)

इन नवाचारों से भोपाल बनेगा नंबर वन
नगर निगम भोपाल शहर से निकलने वाले कचरे के शत प्रतिशत निस्तारण की दिशा में निरंतर काम कर रहा है. इसके साथ ही कचरे में ट्रांसफर स्टेशन पहुंचने वाले रिसायकिल योग्य कचरे का फिर से उपयोग कर जरुरत के सामान बनाए जा रहे हैं. हाल में ही नगर निगम ने दानापानी कचरा ट्रांसफर स्टेशन में मंदिरों से निकलने वाली निर्माल्य सामग्री, गुड़ और नीबूं से बायो एंजाइम तैयार कर रहा है. वहीं फूलों से अगरबत्ती तैयार की जा रही है. इसके साथ ही नगर निगम द्वारा कोकोनट वेस्ट और पुराने कपड़ों से रस्सियां व अन्य सामग्री बनाने का काम कर रहा है. वहीं सूखे कचरे से चारकोल और गीले कचरे से बायो सीएनजी बनाने का कारखाना भी जल्द शुरु होने जा रहा है.

SANITATION TEAM VISIT BHOPAL
भोपाल में हो रहे कई नवाचार (ETV Bharat)

800 मीट्रिक टन कचरे से बनेगी सीएनजी और चारकोल
अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि, ''आदमपुर छावनी स्थित लैंडफिल साइट में पूरे शहर का करीब 900 मीट्रिक टन गीला-सूखा व अन्य प्रकार का कचरा निकलता है. इसमें करीब 20 टन कोकोनट वेस्ट, करीब 10 टन कपड़ा, करीब 25 टन पॉलीथिन व अन्य कचरा निकलता है. अब इसके शत प्रतिशत निस्तारण की व्यवस्था नगर निगम भोपाल ने कर ली है.''

''आदमपुर छावनी में एनटीपीसी द्वारा प्रतिदिन 400 मीट्रिक सूखे कचरे से टारिफाइड चारकोल बनाने के लिए प्लांट लगाया जा रहा है. वहीं 400 मीट्रिक टन गीले कचरे से सीएनजी बनाने के लिए एक अलग प्लांट लगाया जा रहा है. दोनों का काम अंतिम चरण में है. संभवतः अप्रैल या मई से दोनों प्लांट शुरु हो सकते हैं. इसका बड़ा असर स्वच्छ सर्वेक्षण में नगर निगम भोपाल की रैकिंग में होगा.''

SANITATION TEAM VISIT BHOPAL
देश में स्वच्छता का सिरमोर बनेगा भोपाल (ETV Bharat)

फूलों से बन रही अगरबत्ती
दानापानी कचरा ट्रांसफर प्लांट में मंदिरों और शादी-समारोह से निकलने वाले फूलों को एकत्रित कर अगरबत्ती बनाई जा रही है. शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित मंदिरों से फूल व अन्य निर्माल्य सामग्री एकत्रित करने के लिए 4 मैजिक वाहन लगाए गए हैं. मुख्यालय से इसकी मानीटरिंग भी की जा रही है.

दिव्य बायो एंजाइम
नगर निगम के कचरा ट्रांसफर स्टेशन में मंदिरों से पहुंचने वाले निर्माण सामग्री, गुड़ और नीबूं के इस्तेमान से दिव्य बायो एंजाइम तैयार किया जा रहा है. इसे बनाने में 45 से 90 दिन का समय लगता है. इसे छानकर पौधों में खाद-कीटनाशक की तरह, कपड़े-बर्तन धोने, फिनाइल और वाटर बॉडी का पानी साफ करने के लिए उपयोग किया जा सकता है.

cleaning SURVEY in bhopal
सर्वेक्षण को लेकर भोपाल में सफाई साफ जारी है (ETV Bharat)

पुराने कपड़ों से रस्सी
दानापानी कचरा स्टेशन में ही रस्सी बनाने की मशीन लगाई गई है. इसमें कोकोनट वेस्ट और पुराने कपड़ों की मदद से रस्सी बनाई जा रही है. इसमें कचरे में फेंके जाने वाले कपड़े और लोगों के द्वारा दिए गए पुराने का कपड़ों का इस्तेमाल होता है.

गोबर से बने गमले
सीएसआर के तहत नगर निगम को तीन मशीनें मिली हैं. जिसमें गोबर से गमले बनाए जा रहे हैं. इनका इस्तेमाल नर्सरियों में किया जाएगा. जिससे कि पौधे लगाने के लिए पॉलीथिन का इस्तेमान नहीं करना पड़े. वहीं, गोबर से गमले बनाने में कोकोनट वेस्ट का इसतेमाल भी किया जा रहा है.

थर्माकोल की होगी रीसाइक्लिंग
नगर निगम भोपाल ने थर्माकोल रीसाइक्लिंग प्लांट भी लगाया है. यह भी सीएसआर फंड की मदद से लगाया गया है. इसके लिए निगम को 10 लाख रुपये मिले हैं. यहां कचरे में आने वाले थर्माकोल को रिसायकल कर पुनः उपयोग किया जाएगा.

Last Updated : Jan 22, 2025, 8:41 AM IST
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