- 1947 से 1960: महाराष्ट्र का गठन और शुरुआती वर्ष: मराठी भाषी आबादी के लिए एक अलग राज्य की मांग आजादी से पहले ही काफी मजबूत रही थी. काफी चर्चा और बहस के बाद- और दो नियोजित विभाजनों के बाद- 1 मई, 1960 को महाराष्ट्र और गुजरात राज्य अस्तित्व में आए.
- 1960-1978: कांग्रेस शासन और शिवसेना का उदय: कांग्रेस ने तीन दशकों तक बॉम्बे राज्य और उसके बाद महाराष्ट्र पर अपनी पकड़ बनाए रखी. हालांकि, धीरे-धीरे कांग्रेस की पकड़ कमजोर होती गई और क्षेत्रियों शक्तिों का उभार होता गया. इसमें शिवसेना एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में ऊभरी.
- 1978-1980: पवार का विद्रोह और नई पार्टी का उदय: शरद पवार ने कांग्रेस (यू) के खिलाफ विद्रोह किया. उन्होंने जनता पार्टी और समाजवादी दलों के साथ हाथ मिलाकर 68 विधायकों के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (समाजवादी) का गठन किया. महाराष्ट्र में प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा (पुरोगामी लोकशाही दल) का गठन किसी बड़े राज्य में इस तरह के पहले गठबंधनों में से एक था.
- 1980-1995: बदलती सरकारें और आतंक के जद में मुंबई: कांग्रेस सत्ता में वापस आई और महाराष्ट्र राज्य में शासन व्यवस्था बदल गई. इस दौरान, राम जन्मभूमि आंदोलन की गहमा-गहमी पूरे देश में फैलने लगी थी. यही वह समय था जब दिसंबर 1992 और जनवरी 1993 में तब के बॉम्बे में भयानक दंगे हुए. 1993 में सीरियल बम धमाकों ने भी शहर की हवा बदल दी. बॉम्बे और महाराष्ट्र की राजनीति एक नया दौर शुरू हो गया.
- 1995-1999: शिवसेना-भाजपा के गठबंधन में बनी सरकार: शिवसेना-भाजपा गठबंधन हिंदुत्व की साझा विचारधारा के साथ महाराष्ट्र में सत्ता में आया. महाराष्ट्र की राजनीति में बाल ठाकरे को किंग मेकर का दर्जा मिला. भाजपा अपनी राष्ट्रीय उपस्थिति के बाद भी शिवसेना की मंजूरी के बिना कोई कदम उठाने से हिचकिचाती थी.
- 2000-2005 एनसीपी, कांग्रेस और उनका गठबंधन: शरद पवार द्वारा फिर से विद्रोह करने से महाराष्ट्र में कांग्रेस का शासन समाप्त हो गया, जिससे 15 साल के यूपीए गठबंधन युग का जन्म हुआ.
- 2006-2008 मनसे का गठन और हिंसा: राज ठाकरे ने शिवसेना परिवार से अलग होकर मनसे का गठन किया. जिसकी शुरुआत उत्तर भारतीयों पर हमला करके हिंसक तरीके से हुई. यही वह समय था जब मालेगांव में विस्फोट हुए. मुंबई ने 26/11 का दंश भी झेला.
- 2009-2013 यूपीए-2 का पतन, मोदी का उदय : घोटालों के आरोपों से घीरे यूपीए सरकार के प्रति लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही थी. यही वो दौर था जब गुजरात के सीएम नरेंद्र दामोदरदास मोदी के नेतृत्व में हिंदुत्व के नारे के तले एक नई भाजपा का उदय हुआ.
- 2014-2017 मोदी और फडणवीस का उदय: मोदी लहर में बहकर, महाराष्ट्र ने अपने खुद के भाजपा के दिग्गज - देवेंद्र गंगाधरराव फडणवीस का उदय देखा.
- 2018-2019 भाजपा-सेना गठबंधन का अंत: भाजपा-सेना गठबंधन समाप्त हो गया, क्योंकि दोनों दलों ने समान हिस्सेदारी के लिए संघर्ष करते दिखे. जिसने एक अप्रत्याशित गठबंधन - शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन - महा विकास अघाड़ी को जन्म दिया.
- 2020-2024 सेना और एनसीपी का विभाजन: क्षेत्रीय दल शिवसेना और एनसीपी दो हिस्सों में विभाजित हो गए, क्योंकि एकनाथ शिंदे और अजीत पवार ने महायुति को पुनर्जीवित करने के लिए विद्रोह किया, जिससे एक ही पार्टी के गुटों के बीच अभूतपूर्व लड़ाई शुरू हो गई.
महाराष्ट्र में कब-कब किसकी सरकार बनी, शिवसेना के उदय से लेकर मनसे के गठन और पवार की राजनीति पर सबकुछ जानें - ASSEMBLY ELECTION 2024
'मराठी मानुस' से लेकर 'हिंदुत्व' की लड़ाई तक महाराष्ट्र की राजनीति कई तरह के प्रयोगों और अनुभवों से गुजरती रही है. यहां पढ़ें ...
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Etv Bharat)
Published : Nov 23, 2024, 5:39 AM IST
|Updated : Nov 23, 2024, 8:59 AM IST
- 1947 से 1960: महाराष्ट्र का गठन और शुरुआती वर्ष: मराठी भाषी आबादी के लिए एक अलग राज्य की मांग आजादी से पहले ही काफी मजबूत रही थी. काफी चर्चा और बहस के बाद- और दो नियोजित विभाजनों के बाद- 1 मई, 1960 को महाराष्ट्र और गुजरात राज्य अस्तित्व में आए.
- 1960-1978: कांग्रेस शासन और शिवसेना का उदय: कांग्रेस ने तीन दशकों तक बॉम्बे राज्य और उसके बाद महाराष्ट्र पर अपनी पकड़ बनाए रखी. हालांकि, धीरे-धीरे कांग्रेस की पकड़ कमजोर होती गई और क्षेत्रियों शक्तिों का उभार होता गया. इसमें शिवसेना एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में ऊभरी.
- 1978-1980: पवार का विद्रोह और नई पार्टी का उदय: शरद पवार ने कांग्रेस (यू) के खिलाफ विद्रोह किया. उन्होंने जनता पार्टी और समाजवादी दलों के साथ हाथ मिलाकर 68 विधायकों के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (समाजवादी) का गठन किया. महाराष्ट्र में प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा (पुरोगामी लोकशाही दल) का गठन किसी बड़े राज्य में इस तरह के पहले गठबंधनों में से एक था.
- 1980-1995: बदलती सरकारें और आतंक के जद में मुंबई: कांग्रेस सत्ता में वापस आई और महाराष्ट्र राज्य में शासन व्यवस्था बदल गई. इस दौरान, राम जन्मभूमि आंदोलन की गहमा-गहमी पूरे देश में फैलने लगी थी. यही वह समय था जब दिसंबर 1992 और जनवरी 1993 में तब के बॉम्बे में भयानक दंगे हुए. 1993 में सीरियल बम धमाकों ने भी शहर की हवा बदल दी. बॉम्बे और महाराष्ट्र की राजनीति एक नया दौर शुरू हो गया.
- 1995-1999: शिवसेना-भाजपा के गठबंधन में बनी सरकार: शिवसेना-भाजपा गठबंधन हिंदुत्व की साझा विचारधारा के साथ महाराष्ट्र में सत्ता में आया. महाराष्ट्र की राजनीति में बाल ठाकरे को किंग मेकर का दर्जा मिला. भाजपा अपनी राष्ट्रीय उपस्थिति के बाद भी शिवसेना की मंजूरी के बिना कोई कदम उठाने से हिचकिचाती थी.
- 2000-2005 एनसीपी, कांग्रेस और उनका गठबंधन: शरद पवार द्वारा फिर से विद्रोह करने से महाराष्ट्र में कांग्रेस का शासन समाप्त हो गया, जिससे 15 साल के यूपीए गठबंधन युग का जन्म हुआ.
- 2006-2008 मनसे का गठन और हिंसा: राज ठाकरे ने शिवसेना परिवार से अलग होकर मनसे का गठन किया. जिसकी शुरुआत उत्तर भारतीयों पर हमला करके हिंसक तरीके से हुई. यही वह समय था जब मालेगांव में विस्फोट हुए. मुंबई ने 26/11 का दंश भी झेला.
- 2009-2013 यूपीए-2 का पतन, मोदी का उदय : घोटालों के आरोपों से घीरे यूपीए सरकार के प्रति लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही थी. यही वो दौर था जब गुजरात के सीएम नरेंद्र दामोदरदास मोदी के नेतृत्व में हिंदुत्व के नारे के तले एक नई भाजपा का उदय हुआ.
- 2014-2017 मोदी और फडणवीस का उदय: मोदी लहर में बहकर, महाराष्ट्र ने अपने खुद के भाजपा के दिग्गज - देवेंद्र गंगाधरराव फडणवीस का उदय देखा.
- 2018-2019 भाजपा-सेना गठबंधन का अंत: भाजपा-सेना गठबंधन समाप्त हो गया, क्योंकि दोनों दलों ने समान हिस्सेदारी के लिए संघर्ष करते दिखे. जिसने एक अप्रत्याशित गठबंधन - शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन - महा विकास अघाड़ी को जन्म दिया.
- 2020-2024 सेना और एनसीपी का विभाजन: क्षेत्रीय दल शिवसेना और एनसीपी दो हिस्सों में विभाजित हो गए, क्योंकि एकनाथ शिंदे और अजीत पवार ने महायुति को पुनर्जीवित करने के लिए विद्रोह किया, जिससे एक ही पार्टी के गुटों के बीच अभूतपूर्व लड़ाई शुरू हो गई.
Last Updated : Nov 23, 2024, 8:59 AM IST