मुंबई: देश के सबसे समृद्ध राज्य महाराष्ट्र में बुधवार यानी 20 नवंबर को 288 सीटों के लिए वोटिंग हुई, जिनकी मतगणना शनिवार को होनी है. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है.
चुनाव प्रचार में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जमीन मजबूत करने के लिए जमकर मेहनत की. वहीं, दोनों पार्टियों के सहयोगी दलों ने भी अपनी-अपनी सियासी स्थिति मजबूत करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. ऐसे में दोनों गठबंधनों के बीच कड़े मुकाबले की उम्मीद की जा रही है.
वैसे मतगणना के दौरान राज्य की 5 हाई-प्रोफाइल सीटों पर भी सबकी नजर रहने वाली है. इनमें वर्ली और बारामती की सीट भी शामिल है, जहां ठाकरे और पवार परिवार के सदस्य के बीच मुकाबला हुआ. इसके अलावा नागपुर साउथ वेस्ट से उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और कोपरी-पचपाखड़ी सीट सीएम एकनाथ शिंदे की साख दांव पर लगी है.
कोपरी-पचपाखड़ी सीट पर 'महा' मुकाबला
ठाणे के कोपरी-पचपाखड़ी विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मकेदार दिघे ने चुनाव लड़ा. मकेदार दिघे, एकनाथ शिंदे के राजनीतिक गुरु और दिवंगत शिवसेना नेता आनंद दिघे के भतीजे हैं. यहां आनंद दिघे को पारिवारिक और भावनात्मक जुड़ाव के चलते स्थानीय मराठी मतदाताओं का समर्थन मिल सकता है, जबकि इस सीट पर शिंदे की पकड़ भी काफी मजबूत है.
नागपुर साउथ वेस्ट सीट से दांव पर देवेंद्र फडणवीस की साख
नागपुर साउथ वेस्ट विधानसभा सीट से उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस चुनाव लड़ा वे 2009 से नागपुर दक्षिण पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं. ऐसे में उनकी नजर सीट पर चौथी बार जीत का परचम लहराने पर है.
फडणवीस को कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल गुडधे को चुनौती दे रहे हैं, जो अपनी गहरी स्थानीय जड़ों और जमीनी स्तर के संबंधों के लिए जाने जाते हैं. कहा जा रहा है कि उन्हें बीजेपी के प्रति मतदाताओं की उदासीनता, वर्तमान प्रशासन के प्रति असंतोष, सार्वजनिक सेवाओं जैसे मुद्दों का फायदा मिल सकता है.
वांद्रे ईस्ट पर कड़े मुकाबले की उम्मीद
वांद्रे विधानसभा क्षेत्र में जीशान सिद्दीकी और वरुण सरदेसाई के बीच कड़ा मुकाबले की उम्मीद है, जहां जीशान सिद्दीकी के पास युवा वोटर्स के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय का समर्थन है. वे स्थानीय मुद्दों को उठाने के लिए जाने जाते हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उन्हें सहानुभूति वोट मिलने की भी उम्मीद है.
दूसरी ओर इस सीट से उद्धव ठाकरे के भतीजे वरुण सरदेसाई चुनाव लड़े, जो 2022 में पार्टी के विभाजन के दौरान शिवसेना (UBT) के साथ मजबूती से खड़े रहे हैं. वांद्रे ईस्ट में उनका काफी प्रभाव है, उन्हें शिवसेना के पारंपरिक वोट मिल सकता है.
बारामती में पवार परिवार आमने-सामने
2024 के लोकसभा चुनाव के बाद बारामती में एक बार फिर पवार परिवार के बीच मुकाबला हुआ. इस बार शरद पवार के पोते युगेंद्र पवार उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को चुनौती दे रहे हैं. जहां एक ओर योगेंद्र के साथ शरद पवार खड़े हैं. वहीं, दूसरी अजीत पवार भी इस निर्वाचन क्षेत्र के दिग्गज नेता रहे हैं. वह यहां सात बार जीत हासिल कर चुके हैं.
वर्ली सीट पर हाई प्रोफाइल मुकबाला
मुंबई की सबसे हाई-प्रोफाइल सीट वर्ली पर एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के मिलिंद देवड़ा, शिवसेना (UBT) के आदित्य ठाकरे के बीच मुकाबला है. वहीं, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता संदीप देशपांडे ने भी इसी सीट से चुनाव लड़ा.
बता दें कि दक्षिण मुंबई के पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा वर्ली के मिडिल क्लास वोटर्स पर मजबूत पकड़ रखते हैं. वहीं, आदित्य ठाकरे ने 2019 में यहां से 89,248 वोटों के साथ शानदार जीत हासिल की थी. हालांकि, यहां MNS का मतदाता आधार छोटा है, लेकिन संदीप देशपांडे स्थानीय मुद्दों, खासकर बुनियादी ढांचे और आवास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए जाने जाते हैं.