भोपाल: मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को सरकार ने महंगाई भत्ता तो दे दिया, लेकिन अन्य मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया. ऐसे में अब प्रदेश के सरकारी कर्मचारी लंबित मांगों को लेकर फिर एकजुट हो रहे हैं. मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सरकारी कर्मचारी संगठन राज्य सरकार से कर्मचारियों की 51 सूत्रीय मांगों को पूरी करने की मांग कर रहे हैं. गुरुवार को राजधानी में मंत्रालय के सामने कर्मचारियों ने सरकार से लंबित मांगों को पूरा करने की मांग करते हुए नारेबाजी की. तो वहीं टोपी पहनकर मंत्रालय के सामने हाथों में तख्तियां लेकर गेट मीटिंग कर विरोध जताया.
मांग नहीं मानी, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी सयुंक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष उमाशंकर तिवारी ने बताया कि "पूरे मध्य प्रदेश में 51 सूत्रीय मांगों को लेकर सयुंक्त अधिकारी कर्मचारी मोर्चे द्वारा पहले चरण का आंदोलन किया जा रहा है. हम चार चरणों में यह आंदोलन करेंगे. अगले 16 फरवरी को सरकार को पूरी ताकत दिखाएंगे. पूरे प्रदेश का कर्मचारी भोपाल में इकठ्ठा होगा. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार उनकी मांगों की अनदेखा कर रही है. चाहे वो पुरानी पेंशन का मामला हो या सीपीसीटी का बंधन हो.
भोपाल में कर्मचारियों का प्रदर्शन (ETV Bharat) मंहगाई भत्ता, केंद्रीय कर्मचारियों के समान डीए हो या ग्रह एवं भाड़ा भत्ते की बात. हमारे वाहन चालकों की समस्या हो या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को मुददा हो. इन सब मांगों के कारण प्रदेश के कर्मचारी आंदोलन के लिए मजबूर हुए हैं. सरकार को इस पर अविलंब ध्यान देना चाहिए. यदि सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो एक बड़ा आंदोलन देखने को मिलेगा."
भोपाल में सरकारी कर्मचारियों की मांग (ETV Bharat) मंत्रालय के सामने गेट मीटिंग कर जताया विरोध
मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायकने मांगों का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि "मंत्रालय के साथ अति उपेक्षापूर्ण व्यवहार किया जा रहा है. मुख्यमंत्री कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील हैं, लेकिन संभवतः उन्हें यथार्थ स्थिति से अवगत नहीं कराया जा रहा है. यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो मंत्रालय का आंदोलन और आगे बढ़ाया जाएगा. सरकार केवल मंत्रालयीन कर्मचारियों के साथ नये-नये प्रयोग कर रही है. महीने भर में केवल 200 रुपए परिवहन भत्ता मिलता है.
कर्मचारियों को लाने वाली सरकारी बसें बंद कर दी गई है. सरकार ने कभी कर्मचारियों की परिवहन समस्या को समझने की कोशिश नहीं की और ताबड़तोड़ ई-अटेंडेंस का आदेश जारी कर दिया. इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किये बिना ई फाइलिंग के लिए बाध्य किया जा रहा है. स्कैनर नहीं है, कर्मचारी मोबाइल फोनों से सरकारी कागजों को स्कैन कर रहे हैं"
पुरानी पेंशन बहाली सहित 51 सूत्रीय मांग (ETV Bharat) सीएम के ओएसडी को सौंपा ज्ञापन
उमाशंकर तिवारीने बताया कि "प्रदेश के कर्मचारियों की लगातार उपेक्षा के कारण कर्मचारियों की मांगे पूरी नहीं हो पा रही है. मांगों को लेकर मध्य प्रदेश शासन को कई ज्ञापन दिए गए. इसके साथ ही मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव से मांगों पर चर्चा के लिए समय मांगा गया, जो की प्रदान नहीं करने पर अपनी 51 सूत्री इन्हीं मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा द्वारा 16 जनवरी से 16 फरवरी चार चरणों में आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है. जिसके प्रथम चरण में 16 जनवरी को पूरे प्रदेश एवं राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री के विशेष कर्तव्य अधिकारी आलोक सोनी एवं मुख्य सचिव महोदय को ज्ञापन सौंपा गया."
ये हैं कर्मचारियों की लंबित मांग
कर्मचारी नेताओं ने बताया कि जुलाई 2024 से 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता पेंशन के लिए अहर्तादाई सेवा 25 वर्ष करने, अनुकंपा नियुक्ति में सीपीसीटी समाप्त करने, लिपिकों की ग्रेड पे में विसंगति दूर कर मंत्रालय के समान करने, पदोन्नति शुरू करने, सातवें वेतनमान के अनुसार वाहन एवं गृह भाड़ा भत्ता देने, संविदा कर्मी स्थाई कर्मी को नियमित करने, टैक्सी प्रथा बंद करने, वाहन चालक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद नाम बदलने, आउटसोर्स प्रथा बंद करने समेत 51 सूत्रीय मांगों को लेकर सतपुड़ा भवन भोपाल पर मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चे में शामिल समस्त संगठनों व पदाधिकारी एवं विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगाई.
9 फरवरी को भोपाल में होगा अधिवेशन
पुरानी पेंशन बहाली संघ के जिला अध्यक्ष सुरसरी पटेल ने बताया कि "उनका संगठन 9 फरवरी को प्रदेशभर के सरकारी कर्मचारियों का अधिवेशन बुलाने जा रहे हैं. इनमें पहली मांग है वरिष्ठता, दूसरी पारिवारिक पेंशन और तीसरी पुरानी पेंशन बहाली की मांग है. सुरसरी पटेल ने बताया कि 9 फरवरी को गांधी भवन में कर्मचारियों का अधिवेशन होगा. जिसमें सभी कर्मचारी अपने अधिकारों के लिए एकता का परिचय देंगे."