हजारीबागः जिला का हजारीबाग संसदीय सीट पर चुनाव बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है. पूर्व वित्त एवं विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा इस चुनाव में सक्रिय हो गए हैं. विभिन्न प्लेटफार्म के जरिए वो भाजपा पर निशाना साध रहे हैं. भाजपा ने पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए उनके पुराने दिन को याद करवाया है. दूसरी ओर वर्तमान सांसद जयंत सिन्हा चुनाव से कोसों दूर हैं. इस पर भी राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि उनकी व्यस्तता काफी अधिक है, इस कारण वे हजारीबाग में नहीं हैं.
हजारीबाग की राजनीति में उस वक्त ट्विस्ट आ गई जब वर्तमान सांसद जयंत सिन्हा का टिकट काटकर मनीष जायसवाल को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया. उस दिन से देश के पूर्व वित्त एवं विदेश मंत्री और जयंत सिन्हा के पिता यशवंत सिन्हा की एंट्री भी हजारीबाग की राजनीति में हो गई. यशवंत सिन्हा इन दिनों विभिन्न मंच से लेकर अन्य सोशल प्लेटफार्म के जरिए हजारीबाग भाजपा उम्मीदवार मनीष जायसवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
यशवंत सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले 10 वर्षों के कार्यकाल पर भी सवालियान खड़ा करते हुए कर रहे हैं कि देश की जनता को यह बताएं कि उन्होंने क्या किया है. वो सिर्फ कांग्रेस पर ही निशाना साध रहे हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया था कि अगर हजारीबाग को बचाना है तो मनीष जायसवाल को भगाना होगा. अगर वे सांसद बन गए तो स्थिति और भी अधिक दयनीय हो जाएगी. हजारीबाग को बचाने के लिए मनीष जायसवाल को हटाना होगा.
पुत्र जयंत सिन्हा का टिकट कटने के बाद से ही पिता यशवंत सिन्हा हजारीबाग में भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसको लेकर डैमेज कंट्रोल करने के लिए हजारीबाग पहुंचे राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने उन्हें पुराने दिनों को याद कराया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने वित्त एवं विदेश मंत्री और तीन बार सांसद बनाया और कई महत्वपूर्ण पद देते हुए मान सम्मान दिया, वो भाजपा के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं. यही कारण है कि उनके खिलाफ कोई नहीं टिप्पणी कर रहा है, उन्हें यह समझने की जरूरत है.