जयपुर: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अमेरिका में दिए बयान पर बवाल खत्म नहीं हो रहा है. बीजेपी लगातार राहुल गांधी के बयान पर हमलावर है. अब तो राहुल गांधी का पासपोर्ट निरस्त करने की मांग भी उठने लगी है. बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चित्तौड़ से सांसद सीपी जोशी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर राहुल गांधी का पासपोर्ट निरस्त करने की मांग की.
ये लिखा पत्र:सीपी जोशी ने पत्र में लिखा कि राहुल गांधी जैसे किसी व्यक्ति का नेता विपक्ष के पद पर रहना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है. उनकी गतिविधियों को देखकर ये स्पष्ट हो जाता है कि राहुल देश विरोधी ताकतों के हाथों खेल रहे हैं. राहुल के बयानों को देश और दुनिया के इतिहास और वर्तमान के परिपेक्ष में देखा जाना चाहिए, क्योंकि वे एक जिम्मेदार पद पर हैं और ऐसी पार्टी और परिवार से आते हैं जिसने दशकों तक देश की सत्ता की बागडोर संभाली है.
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उन्होंने लिखा कि विदेश की धरती पर राहुल गांधी के दिए बयान किसी भी तरह से एक जिम्मेदार भारतीय नागरिक के तौर पर सही नहीं हैं. राहुल गांधी के बयान राजनीतिक नहीं बल्कि विशुद्ध तौर पर देश विरोधी गतिविधियों के दायरे में आते हैं, जो उनके आचरण को संदिग्ध बनाता है. राहुल के बयानों से देश की आंतरिक स्थिरता और सीमाओं की सुरक्षा के अलावा अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि वे नेता विपक्ष के पद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं.
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विदेशी ताकतों के हाथों में राहुल:जोशी ने पत्र में लिखा कि दशकों तक आतंकवाद की मार झेल चुके सिख समुदाय को लेकर ये बयान देना कि भारत में उन्हें पगड़ी समेत अपने दूसरे पवित्र पहचानों की छूट नहीं है, एक निकृष्टतम मिसाल है. जाहिर है वे कनाडा और अमेरिका में खालिस्तानी अलगाववादियों के एजेंडे को मजबूत करना चाहते हैं. बतौर नेता विपक्ष राहुल अपने देश के उद्योगपतियों के नाम लेकर उनके खिलाफ मुहिम चला रहे हैं. पक्ष या विपक्ष के नेता का दूसरे देश में जाकर अपने देश के उद्योगपतियों के खिलाफ बयानबाजी करना, आखिर राहुल जी के इस बयान के पीछे क्या मंशा है?
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जोशी ने लिखा इतना ही नहीं विदेशी कंपनियां जो बिना सिर पैर के भारतीय कंपनियों को अपना निशाना बनाती है और बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान भी पहुंचा चुकी हैं. राहुल उन कंपनियों या संस्थाओं से जुड़े लोगों के साथ बैठके करते हैं. क्या ये देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुचाने की कोशिश नहीं मानी जाएगी?
भारतीय समाज को बांटने की कोशिश:सीपी जोशी ने लिखा कि राहुल भारतीय समाज को बांटने की कोशिश कर उसकी एक विकृत तस्वीर पेश करते हैं. भारत-बांग्लादेश संबंध हाल के दिनों में संवेदनशील दौर से गुजर रहे हैं और इस दौरान जब उनसे बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों को लेकर सवाल पूछे गए तो पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है. जबकि पिछले दिनों भारत सरकार इस मसले को बांग्लादेश के साथ उठा चुकी है. इससे स्पष्ट होता है कि राहुल एक तयशुदा एजेंडे पर चल रहे हैं जो भारत सरकार की अंतरराष्ट्रीय नीतियों के विपरीत हैं.
उन्होंने लिखा कि इस तरह के आधारहीन और देश की छवि को धूमिल करने वाले बयानों को अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे में नहीं देखा जा सकता. ऐसे में ये जरुरी हो जाता है कि राहुल गांधी को नेता विपक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद से इस्तीफा देना चाहिए. साथ ही अगर वे इन बातों के बावजूद नेता विपक्ष के पद पर बने रहना चाहते हैं, तो उनका पासपोर्ट रद्द किया जाना चाहिए. ताकि वे भविष्य में विदेश की जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी मुहिम अथवा एजेंडे चलाने के लिए नहीं कर सकें.