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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 3 hours ago

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ला नीना मचाएगा बारिश से ज्यादा जाड़े का कहर, मध्य प्रदेश के इन इलाकों में शीतलहर से पड़ेगी हाड़ कंपा देने वाली ठंड - La Nina Cold Alert

भारी बारिश के बाद भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पूरे देश में असामान्य रूप से भीषण सर्दी पड़ने का पूर्वानुमान लगाया है. मॉनसून की विदाई के बाद मौसम विभाग ने इस वर्ष सर्दी के मौसम को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग का कहना है कि इस साल का जाड़ा जमा देने वाला होगा. देश में इस वर्ष काफी ज्यादा और लंबे समय तक ठंड पड़ने वाली है, जिसका सीधा असर मध्यप्रदेश पर भी होगा.

La Nina Cold Winter Prediction
ला नीना मध्य प्रदेश में लाएगा भीषण शीतलहर (Etv Bharat)

भोपाल : भारतीय मौसम विभाग के सर्दियों को लेकर पूर्वानुमान के मुताबिक जिस प्रकार ला नीना के प्रभाव ने देश में इस वर्ष अत्यधिक बारिश कराई, ठीक उसी प्रकार ला नीना के प्रभाव से औसत से ज्यादा ठंड पड़ने का पूर्वानुमान है. पिछले वर्ष जहां अल नीनो की वजह से बारिश के साथ-साथ ठंड का प्रभाव भी कम रहा, तो वहीं इस वर्ष ला नीना के प्रभाव से दोनों को ज्यादा बल मिला है. यही वजह है कि उत्तरी और मध्यभारत में इस वर्ष हाड़कपा देने वाली ठंड से लोगों का सामना होगा.

क्या है ला नीना और उसका ठंड पर असर?

दरअसल, अल नीनो और ला नीना प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान से जुड़े जलवायु पैटर्न को दर्शाते हैं. जब प्रशांत महासागर में समुद्री सतह अत्यधिक गर्म हो जाती है, तो इससे सामान्य मौसम प्रणाली पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, जिसे अल-नीनो कहते हैं. यह कम बारिश और कम ठंड के लिए जिम्मेदार होता है. वहीं प्रशांत महासागर की सतह पर जब निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है और समुद्री सतह का तापमान काफी ठंडा हो जाता है, तो इस परिवर्तन को ला नीना कहते हैं, जिससे बारिश और ठंड के ट्रेंड को बल मिलता है. इस वर्ष ला नीना ही सक्रिय है, जिससे पूरे देश के साथ-साथ मध्यप्रदेश में भीषण ठंड पड़ेगी.

फाइल फोटो (Etv Bharat)

आईएमडी ने दी भीषण ठंड की चेतावनी

आईएमडी ने हाल ही में घोषणा की है कि ला नीना के प्रभाव से भीषण सर्दी की संभावना है. ऐसे में उत्तरी व मध्य भारत के राज्यों में लोगों को तैयारी करके रखनी होगी. मौसम विभाग के पूर्वानुमान में कहा गया है कि मॉनसून की विदाई के साथ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे उत्तरी राज्यों में तापमान बेहद तेजी से गिरेगा. यहां औसत से 3 से 4 डिग्री की गिरावट देखी जाएगी. वहीं उत्तरी हवाएं चलने से मध्य प्रदेश में भी समय से पहले तेज ठंड पड़ सकती है.

कठोर परिस्थितियों के लिए रहें तैयार

मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए यह भी कहा है कि इस वर्ष सर्दी का असर खेती किसानी पर भी ज्यादा पड़ेगा. दरअसल, कई राज्यों में औसत से अधिक बारिश के साथ-साथ तेज ठंड फसलों को प्रभावित कर सकती है. ऐसे में आईएमडी ने किसानों व आमजनों आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी है. किसानों को जहां अनाज भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था रखने और लगातार मौसम अपडेट लेते रहने की सलाह दी गई है. तो वहीं संवेदनशील क्षेत्रों में आमजनों को पर्याप्त हीटिंग सुनिश्चित करने की सलाह है.

फाइल फोटो (Etv Bharat)

तो मध्यप्रदेश में ठंड कब शुरू होगी?

आमतौर पर उत्तर भारत में ठंड की शुरुआत अक्टूबर से हो जाती है. वहीं मध्य भारत में अक्टूबर के अंत तक हल्की ठंड की शुरुआत होती है. लेकिन ला नीना के असर से ठंड कुछ दिन पहले ही अपना असर दिखाना शुरू कर देगी. ला नीना सितंबर से नवंबर के बीच 55 प्रतिशत तक सक्रिय रहेगा, जबकि इसके बाद फरवरी तक यह 60 प्रतिशत तक मजबूत हो जाएगा, जिसके असर से कड़ाके की ठंड पड़ेगी और ठंड के मौसम की अवधि भी ज्यादा हो सकती है. नवंबर से ठंड का असर काफी तेजी से बढ़ेगा और दिसंबर व जनवरी में ठंड कई रिकॉर्ड तोड़ सकती है.

मध्यप्रदेश में कैसी होती है ठंड?

बात करें मध्यप्रदेश में ठंड के मौसम की तो अक्टूबर से मार्च की शुरुआत तक यहां 5 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान होता है. हालांकि, प्रदेश में कई इलाकों में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे और यहां तक कि माइनस में भी चला जाता है. बात करें ठंड में सबसे कम तापमान के रिकॉर्ड की तो वो स्थान छतरपुर जिले का नौगांव है. ठंड के दिनों में नौगांव का तापमान माइनस में चला जाता है, लेकिन सालभर औसतन यहां ठंडा मौसम नहीं रहता. वहीं सबसे ऊंचे और सबसे ठंडे स्थान की बात की जाए तो वो है पचमढ़ी हिल स्टेशन का धूपगढ़. इस वर्ष ग्वालियर, शिवपुरी, गुना समेत उत्तरी इलाकों में समय से पहले ठंड शुरू हो सकती है.

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ला नीना पर आईएमडी की नजर

आईएमडी के मुताबिक ला नीना के प्रभाव पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. मौसम विभाग ने कहा है, '' ठंड को लेकर जारी किया गया पूर्वानुमान डेटा एनालिसिस पर आधारित है, जिसमें समुद्र के तापमान, हवा के पैटर्न और पुराने पैटर्न शामिल हैं. आईएमडी लगातार ठंड को लेकर अपडेट और सलाह जारी करता रहेगा.''

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