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इस गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी! शव बांधकर पैदल अंतिम संस्कार को निकले ग्रामीण - TAMIL NADU ROAD ACCESS CRISIS

एम्बुलेंस मजदूर के शव को नीराडी ले गई, लेकिन आगे दुर्गम सड़क के कारण, एम्बुलेंस कर्मियों ने शव को रिश्तेदारों को सौंप दिया.

तमिलनाडु में बुनियादी सुविधाओं की कमी, शव को बांस की बल्ली पर ले जाने को मजबूरी ग्रामिण
तमिलनाडु में बुनियादी सुविधाओं की कमी, शव को बांस की बल्ली पर ले जाने को मजबूरी ग्रामिण (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 24, 2025, 6:01 PM IST

मेट्टुपलायम (तमिलनाडु): एक दुखद घटना में, मेट्टुपलायम तालुका के नेल्लियुतुराई पंचायत में उचित सड़क सुविधा के अभाव के कारण एक 45 वर्षीय दिहाड़ी मजदूर, मणि के शव को बांस की बल्ली के सहारे लादकर 3 किलोमीटर तक अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. जानकारी के अनुसार, मृतक मणि, पिल्लूर बांध के पास राशन की दुकान से वापस आ रहे थे, तभी उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई. बुनियादी ढांचे की कमी के कारण, उनके शव को घने जंगल के माध्यम से बांस की बल्ली पर ले जाया गया.

बताया जा रहा है कि मणि जरूरी सामान लाने के लिए राशन की दुकान पर गए थे. घातक दिल का दौरा पड़ने के बाद, उन्हें मेट्टुपलायम सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. एक एम्बुलेंस उनके शव को नीराडी ले गई, लेकिन कदमन कोम्बई की ओर जाने वाली दुर्गम सड़क के कारण, एम्बुलेंस कर्मियों ने कथित तौर पर शव को उनके रिश्तेदारों को सौंप दिया और चले गए.

शव को ढोने के लिए मजबूर होकर, उनके परिवार और साथी ग्रामीणों ने बांस की बल्ली के सहारे घने जंगल से होते हुए कदमन कोम्बाई तक अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे. यह घटना इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की कमी की भयावह वास्तविकता को दर्शाती है.

गांव के साथ-साथ नीराडी, परलीकाडु और बिल्लुर जैसी अन्य आदिवासी बस्तियों में बुनियादी सड़क संपर्क की कमी है, जिससे आवश्यक सेवाओं तक पहुंच बहुत मुश्किल हो गई है. निवासियों ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें अक्सर राशन की आपूर्ति या चिकित्सा आपात स्थिति के लिए मेट्टुपलायम या करमादाई तक पहुंचने के लिए निजी जीप परिवहन के लिए भुगतान करना पड़ता है.

मानसून के मौसम में, जीपों से यात्रा करना भी खतरनाक हो जाता है, जिससे उन्हें जंगल के माध्यम से कई किलोमीटर पैदल चलने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जहां उन्हें जंगली जानवरों के हमलों का खतरा बना रहता है.

स्थानीय लोगों ने सरकार से सड़क के बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करने और उनके गांवों तक सुरक्षित पहुंच प्रदान करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें और उनके परिवारों को लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, और सरकार को इस समस्या का तत्काल समाधान करना चाहिए.

यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त जारी की, जानें कितने किसानों को मिलेगी राशि

मेट्टुपलायम (तमिलनाडु): एक दुखद घटना में, मेट्टुपलायम तालुका के नेल्लियुतुराई पंचायत में उचित सड़क सुविधा के अभाव के कारण एक 45 वर्षीय दिहाड़ी मजदूर, मणि के शव को बांस की बल्ली के सहारे लादकर 3 किलोमीटर तक अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. जानकारी के अनुसार, मृतक मणि, पिल्लूर बांध के पास राशन की दुकान से वापस आ रहे थे, तभी उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई. बुनियादी ढांचे की कमी के कारण, उनके शव को घने जंगल के माध्यम से बांस की बल्ली पर ले जाया गया.

बताया जा रहा है कि मणि जरूरी सामान लाने के लिए राशन की दुकान पर गए थे. घातक दिल का दौरा पड़ने के बाद, उन्हें मेट्टुपलायम सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. एक एम्बुलेंस उनके शव को नीराडी ले गई, लेकिन कदमन कोम्बई की ओर जाने वाली दुर्गम सड़क के कारण, एम्बुलेंस कर्मियों ने कथित तौर पर शव को उनके रिश्तेदारों को सौंप दिया और चले गए.

शव को ढोने के लिए मजबूर होकर, उनके परिवार और साथी ग्रामीणों ने बांस की बल्ली के सहारे घने जंगल से होते हुए कदमन कोम्बाई तक अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे. यह घटना इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की कमी की भयावह वास्तविकता को दर्शाती है.

गांव के साथ-साथ नीराडी, परलीकाडु और बिल्लुर जैसी अन्य आदिवासी बस्तियों में बुनियादी सड़क संपर्क की कमी है, जिससे आवश्यक सेवाओं तक पहुंच बहुत मुश्किल हो गई है. निवासियों ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें अक्सर राशन की आपूर्ति या चिकित्सा आपात स्थिति के लिए मेट्टुपलायम या करमादाई तक पहुंचने के लिए निजी जीप परिवहन के लिए भुगतान करना पड़ता है.

मानसून के मौसम में, जीपों से यात्रा करना भी खतरनाक हो जाता है, जिससे उन्हें जंगल के माध्यम से कई किलोमीटर पैदल चलने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जहां उन्हें जंगली जानवरों के हमलों का खतरा बना रहता है.

स्थानीय लोगों ने सरकार से सड़क के बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करने और उनके गांवों तक सुरक्षित पहुंच प्रदान करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें और उनके परिवारों को लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, और सरकार को इस समस्या का तत्काल समाधान करना चाहिए.

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