सागर: पेंच टाइगर रिजर्व में पिछले दिनों जंगली सुअर के शिकार के चक्कर में एक बाघिन कुएं में गिर गयी थी. बाघिन का रेस्क्यू कर नौरादेही टाइगर रिजर्व भेज दिया गया था. वन विभाग द्वारा आशंका जताई जा रही थी कि घटना के बाद बाघिन के स्वभाव में बदलाव आएगा और उसके शिकार करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है. नौरादेही टाइगर रिजर्व प्रबंधन की मानें, उसके स्वभाव में कोई बदलाव नहीं आया है. वह लगातार शिकार कर रही है. दरअसल, वन प्रबंधन ने बाघिन को रेडियो काॅलर पहनाकर जंगल में छोड़ा है. जिससे उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है.
क्या है मामला?
दरअसल, बीती 4 फरवरी को सिवनी वनमंडल के कुरई गांव के पास हरदुआ इलाके में जंगली सुअर के शिकार की कोशिश में एक 3 साल की बाघिन खेत में स्थित कुएं में गिर गयी थी. खबर लगते ही पेंच टाइगर रिजर्व की टीम ने बाघिन का सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया था. रेस्क्यू के बाद वन मुख्यालय भोपाल ने उसे तुरंत नौरादेही टाइगर रिजर्व भेजने का फैसला किया था. जिसके बाद उसे रेडियो काॅलर पहनाकर नौरादेही टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया था और उसको एन-6 नाम दिया गया था. टाइगर रिजर्व प्रबंधन बाघिन की हर गतिविधि पर नजर रख रहा है.
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तीन हफ्ते में किए 5 से 6 शिकार
नौरादेही टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डाॅ. ए ए अंसारी ने बताया, "एन-6 बाघिन यहां सामान्य तरीके से रह रही है. खास बात ये है कि शिकार के चक्कर में कुएं में गिर जाने के बाद वो डरी नहीं है, बल्कि लगातार शिकार कर रही है. मॉनिटिरिंग में सामने आया है कि वो नौरादेही में अब तक 5 से 6 शिकार कर चुकी है. उसके व्यवहार में कोई चिंताजनक बदलाव नहीं हुआ है. शिकार के अलावा वो नए ठिकाने पर लंबा मूवमेंट भी कर रही है. उसने पहले ही दिन टाइगर रिजर्व में करीब 30 से 40 किलोमीटर तक मूवमेंट किया था. लगातार वन विभाग की निगरानी में है."