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अग्निपरीक्षा में फंसे शिवराज,तोमर, उपचुनाव के नतीजे बनेंगे राजनीति का रिपोर्ट कार्ड

मध्य प्रदेश के बुधनी, विजयपुर उपचुनाव में प्रत्याशियों से ज्यादा शिवराज सिंह और नरेन्द्र तोमर की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है.

MP ASSEMBLY BY ELECTION 2024
मध्य प्रदेश उप चुनाव 2024 (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 26, 2024, 3:45 PM IST

Updated : Oct 26, 2024, 3:52 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश की 2 विधानसभा सीट बुधनी और विजयपुर सीट पर होने जा रहे उप चुनाव पर होने वाली जीत हार केवल बीजेपी कांग्रेस की नहीं होगी. इन 2 सीटों पर बीजेपी से ताल्लुक रखने वाली पार्टी के 2 दिग्गज नेताओं के लिए अग्निपरीक्षा है ये चुनाव. बुधनी सीट शिवराज सिंह चौहान का गढ़ है. बुधनी सीट से बीजेपी के उम्मीदवार भले रमाकांत भार्गव हों लेकिन ये चुनाव शिवराज सिंह चौहान का ही है . इसी तरह से मुरैना की विजयपुर सीट पर पार्टी के उम्मीदवार रामनिवास रावत की जीत हार पूर्व केन्द्रीय मंत्री और वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर की सियासत पर सीधा असर डाल सकती है. आखिर क्यों ये 2 उपचुनाव बीजेपी के इन दो दिग्गजों के लिए सबसे बड़ा सियासी इम्तेहान बन गए हैं.

बुधनी करेगी शिवराज के 'चुनाव' का फैसला

जिस बुधनी सीट पर 2005 से लगातार चुनाव जीतते हुए शिवराज सिंह चौहान एमपी की सत्ता के सिरमौर बने रहे हैं. अब उनके उस सीट को छोड़ने के बाद भी बुधनी का चेहरा शिवराज ही हैं. शिवराज की मुहर के बाद ही उनके करीबी रमाकांत भार्गव को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. लिहाजा रमाकांत भार्गव को जीत की गारंटी भी शिवराज को ही देनी है. एमपी की सत्ता में 3 पारी तक रहे शिवराज के लिए बुधनी सीट के नतीजे बताएंगे कि मध्य प्रदेश में उनकी सियासी जमीन बरकरार है.

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागरकहते हैं कि "इसे दो नजरिए से देखिए पहला तो ये है कि शिवराज केन्द्रीय राजनति में जाने के बाद भी मध्य प्रदेश में कितने मजबूत हैं, बुधनी के नतीजे ये बताएंगे. दूसरा बुधनी में बीजेपी के उम्मीदवार असल में शिवराज का चुनाव है, अगर रमाकांत भार्गव ये चुनाव हार जाते हैं तो इसका सीधा असर शिवराज की सियासत पर भी पड़ेगा. इस बार असंतोष भी है कारण शिवराज के ही करीबी राजेन्द्र सिंह नाराज चल रहे हैं."

विजयपुर से पर्चा भरते हुए रामनिवास रावत (ETV Bharat)

शिवराज की जीत से तैयार होगी कार्तिकेय की पिच

मामला केवल रमाकांत भार्गव की जीत पर आकर सीमित नहीं हो जाता है. सियासी जानकार ये मानते हैं कि रमाकांत भार्गव केवल एक कड़ी हैं. असल में शिवराज की ये पिच उनके बेटे कार्तिकेय के लिए भी तैयार हो रही है. इस बार भले दावेदारों की लिस्ट में नाम होने के बाद भी कार्तिकेय कामयाब नहीं हुए लेकिन आगे पीछे उनका यहां से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है.वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागरकहते हैं कि "कार्तिकेय ने इस बार चुनाव में जिस तरह से कैंपेन संभाला है जितनी मुखरता से वे प्रचार में दिखाई दे रहे हैं. ये समझिए कि ये चुनाव उनकी नेट प्रैक्टिस है और इस चुनाव में बीजेपी की जीत कार्तिकेय के चुनाव प्रबंधन का इम्तेहान भी है."

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मुरैना में रावत का चुनाव तोमर की अग्निपरीक्षा

मध्य प्रदेश में ही ग्वालियर चंबल के दिग्गज नेताओं में जिनकी गिनती होती है. नरेन्द्र सिंह तोमर के लिए विजयपुर सीट का उपचुनाव अग्नि परीक्षा की तरह है. इस चुनाव को जिताने की अघोषित जवाबदारी तोमर के कंधों पर है. वैसे तो रामनिवास रावत विजयपुर सीट से 6 बार चुनाव जीत चुके हैं. कद्दावर नेता माने जाते हैं लेकिन इस बार साल भर बाद फिर चुनाव में उतर गए रावत ने नाव बदल ली है. क्या बीजेपी का कार्यकर्ता उन्हें अपनाएगा क्या उनका कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाना जनता को रास आएगा. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं कि "देखिए तोमर के लिए दोनों ही मामलो में इम्तेहान ही है. अगर रामनिवास रावत चुनाव जीत जाते हैं तो चंबल की राजनीति में एक और कद्दावर नेता तोमर के मुकाबले में खड़ा हो जाएगा वो भी मुरैना में, अगर हार जाते हैं रावत तो ठीकरा तोमर के सिर भी आएगा."

Last Updated : Oct 26, 2024, 3:52 PM IST

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