जबलपुर: छात्रों से नियम विरुद्ध तरीके से फीस वसूली करने के मामले में जबलपुर के तीन स्कूलों पर एक्शन हुआ है. जिला शिक्षा अधिकारी ने गुरुवार को तीन स्कूलों को 40 करोड़ रुपये की फीस बच्चों को वापस करने के आदेश किए गए. बता दें जबलपुर में अब तक लगभग 53 स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है. अभी भी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई जारी है.
जिला शिक्षा अधिकारी ने तीनों स्कूलों पर लगाया दो लाख रुपए का जुर्माना
जबलपुर जिला प्रशासन ने एक बार फिर निजी स्कूलों के खिलाफ मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के नियम 9 (9) के तहत कार्रवाई की है. तीन स्कूलों के खिलाफ गैर कानूनी तरीके से फीस वृद्धि पाई गई है. इन तीनों स्कूलों के खिलाफ दो लाख रुपए का जुर्माना किया गया है और लगभग 40 करोड़ की फीस वापस करने के आदेश दिए गए हैं.
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नचिकेता सीनियर सेकेंडरी स्कूल, विजय नगर ने लगभग 5.85 करोड़ की फीस गलत तरीके से बच्चों से वसूली. इसी तरह स्मॉल वंडर सीनियर सेकेंडरी स्कूल जबलपुर, ने 12.2 करोड़ और सेंट जोसफ कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल रांझी, जबलपुर पर 15.91 करोड़ की फीस गलत तरीके से वसूलने का आरोप है.
जिला प्रशासन ने शहर के 53 स्कूलों के खिलाफ जांच पूरी की
राज्य शासन के आदेशानुसार जबलपुर कलेक्टरेट और शिक्षा विभाग ने मिलकर जबलपुर शहर के 53 स्कूलों के खिलाफ जांच पूरी कर ली है. इसमें 12 स्कूलों के प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं और 84 लोगों को जेल भेजा गया है. जिनमें से ज्यादातर लोग अब जमानत पर रिहा हुए हैं. लेकिन अभी भी इन सभी के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चल रहा है.
अब तक 404 करोड़ रुपये की फीस वापस करने के आदेश
जांच के बाद अब तक लगभग 404 करोड़ रुपये की फीस वापस करने के आदेश दिए जा चुके हैं. हालांकि इस पर स्कूलों ने स्टे ले लिया है. कोर्ट के फैसले के बाद इस बढ़ी हुई राशि को वापस करने या रखने पर फैसला होगा.
जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की कार्रवाई के बाद जबलपुर में हड़कंप मचा हुआ है. कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पहले ही स्पष्ट कह दिया था कि जो स्कूल खुद ब खुद अपनी फीस कम करके बच्चों से ज्यादा वसूली हुई पीस वापस नहीं करेंगे उनकी जांच जिला प्रशासन करेगा. जिला प्रशासन की जांच के बाद कानूनी कार्रवाई पक्की है. इस हिदायत के बाद भी जिन स्कूलों के खिलाफ शिकायतें आ रही हैं उनके खिलाफ कार्रवाई जारी है.