भोपाल: मध्य प्रदेश में दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में उम्मीदवार के नाम के ऐलान के साथ ही दोहरा झटका लगा है. उम्मीदवारों की घोषणा होने के साथ ही कांग्रेस के एक नेता ने पार्टी से नाता तोड़ लिया है. वहीं लोकसभा चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने वाले समाजवादी पार्टी भी अब इससे अलग हो गई है. समाजवादी पार्टी ने बुधनी विधानसभा सीट से अपना अलग उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल को मैदान में उतारा है, वहीं समाजवादी पार्टी ने अर्जुन आर्य को अपना प्रत्याशी बनाया है.
अर्जुन आर्य विधानसभा चुनाव के दौरान ही कांग्रेस में शामिल हुए थे. उपचुनाव में कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार के नाम का ऐलान किए जाने के बाद अर्जुन आर्य ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया. अब वे कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी करेंगे. बीजेपी ने इस सीट से पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को अपना प्रत्याशी बनाया है.
पार्टी छोड़ने के पहले लिखा पत्र
समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव में उतरे अर्जुन आर्य ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाया है. उन्होंने पत्र में लिखा कि कांग्रेस में रहकर मुझे यह महसूस हुआ कि पार्टी में जनता का नेतृत्व करने वाले लोगों को दबाया जाता है. कांग्रेस पार्टी के तथाकथित बड़े नेताओं और उनकी परिक्रमा करने वाले को ही पार्टी आगे बढ़ाती है. पार्टी में दलित, पिछड़े आदिवासी अल्पसंख्यक की सिर्फ बात की जाती है. जबकि पार्टी में सिर्फ बड़ी जाति के सामंती सोच के लोग ही पार्टी में राज कर रहे हैं. यह सामंती अपने गुलामों को ही अवसर देते हैं. मध्य प्रदेश के तमाम वरिष्ठ नेता जो प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, उन सहित तमाम नेता बीजेपी से मिले हुए हैं. पिछले बुधनी विधानसभा में या फिर पिछले विदिशा के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने नकली उम्मीदवार उतारे.