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मां ने लाखों का पैकेज बेटे के लिए छोड़ा, बेटा बना जेईई मेन 2024 टॉपर - Jee main 2024 Topper

कोटा में जेईई की तैयारी कर रहे ईशान गुप्ता ने भी जेईई मेन 2024 में 100 परसेंटाइल हासिल किया है. तैयारी के दौरान ईशान की बैकबोन रहीं उनकी मां मीनाक्षी ने बेटे की पढ़ाई के लिए लाखों के पैकेज की नौकरी तक छोड़ दी. पढ़िए पूरी कहानी...

Jee main 2024 Topper
Jee main 2024 Topper

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 13, 2024, 7:36 PM IST

कोटा.नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने मंगलवार को देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन 2024 के पहले सेशन का परिणाम जारी किया है. इसमें 23 छात्रों ने 100 परसेंटाइल हासिल किए हैं. इसमें कोटा में बीते 2 सालों से कोचिंग कर रहे ईशान गुप्ता भी 100 परसेंटाइल लाकर टॉपर बने हैं. ईशान की मां मीनाक्षी गुप्ता ने बेटे की पढ़ाई के लिए अपनी कंपनी सेक्रेटरी की जॉब को छोड़ दी. मीनाक्षी बेटे के साथ कोटा में ही बीते 2 सालों से रह रहीं हैं. इसके बदौलत ईशान इस परीक्षा में अव्वल रहे.

ईशान की मां मीनाक्षी गुप्ता का कहना है कि वो शुरू से ही स्कूल में टॉपर था. वह मैथमेटिक्स ही नहीं बायोलॉजी में भी काफी अच्छे अंक लेकर आ रहा था. दसवीं तक उसने यह भी तय नहीं किया था कि उसे कौनसी फील्ड में जाना है. बता दें कि ईशान का परिवार मूलतः गुड़गांव रहता है. उनके पिता फरीदाबाद में कंपनी सेक्रेटरी के ऑफिस में कार्यरत हैं, जबकि मां मीनाक्षी लाखों का पैकेज छोड़कर उसके साथ ही कोटा में बीते 2 साल से रह रहीं हैं.

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रिसर्च के फील्ड में काम करने का टारगेट:मीनाक्षी का कहना है कि कोटा का चुनाव इसलिए किया, क्योंकि यहां के कोचिंग से काफी अच्छे रिजल्ट्स आ रहे थे. यहां पर फैकल्टी काफी अच्छी है. यहां हमें परिवार की तरह रखा गया. दसवीं में भी ईशान के 97 प्रतिशत से ज्यादा अंक आए थे. 2022 में वो 11वीं की पढ़ाई के लिए कोटा आ गया था. यहां उसने इंजीनियरिंग चुना और उसका टारगेट जेईई मेन और एडवांस्ड को क्रैक करना है. इसके बाद उसे मुंबई से कंप्यूटर साइंस ब्रांच में बीटेक करना है. आईआईटी के बाद उसका टारगेट रिसर्च के फील्ड में काम करने का है.

साइंस ओलंपियाड में भी किया सैक्रिफाइस :ईशान बायोलॉजी में भी काफी अच्छा कर रहा था. साइंस ओलंपियाड में भी उसका काफी बेहतर प्रदर्शन रह है. वो तीन स्टेज क्लियर कर चुका था, लेकिन उसे पीछे हटना पड़ा, क्योंकि जेईई की तैयारी में दिक्कत आ रही थी. जेईई मेन व एडवांस्ड में दो दिन की पढ़ाई खराब होने पर रिकवर करना मुश्किल है. टीचर्स की भी यही सलाह थी कि वो जेईई मेन पर फोकस करे. यह भी एक बड़ा सैक्रिफाइस है.

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बच्चे नर्वस हुए हैं तो उन्हें बूस्टअप करें :मीनाक्षी का कहना है कि ऐसा कई बार होता है कि बच्चों के टेस्ट में नंबर कम आते हैं तो उसमें कॉन्फिडेंस थोड़ा कम हो जाता है. इससे बच्चा परेशान हो जाता है. कोटा के शुरुआती 6 महीने में ईशान की तबीयत ज्यादा खराब रही थी. क्लासेस मिस होने से वो काफी नर्वस हो जाता था. ऐसे समय में बच्चे का कॉन्फिडेंस बूस्ट करना काफी जरूरी है. यह पैरेंट्स व फैकल्टी को करना होगा, ताकि बच्चा स्ट्रेस न ले.

सोशल मीडिया से दूरी :मीनाक्षी ने बताया कि ईशान रोज 4 से 6 घंटे पढ़ाई करता था. इस दौरान सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करता था. केवल पियर ग्रुप से बातचीत करने के लिए बात करता था. अपने मूड को फ्रेश करने के लिए वो बैडमिंटन खेलता था. इसके साथ ही वह मोटिवेशनल वीडियो और हैरी पॉटर सहित करंट इश्यू के टॉपिक भी देखता था.

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