मुरैना।जनता को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक शुरू किए गए. 25-25 लाख रुपए की लागत से संजीवनी क्लीनिक शुरू करने के लिए भवन बनाए गए. लेकिन अब अधिकांश संजीवनी क्लीनिक बंद पड़े हैं. यहां न कोई स्टाफ है और ना कोई इलाज होता है. शाम होते ही यहां गाय-भैंसों का डेरा जम जाता है. मुरैना के जौरी गांव में संजीवनी क्लीनिक की दुर्दशा देखकर आप दंग रह जाएंगे. इसके अलावा और भी कई स्थानों पर संजीवनी क्लीनिक बंद पड़े हैं.
जौरी गांव का संजीवनी क्लीनिक लावारिस
मुरैना नगर निगम सीमा अंतर्गत शहर के जौरी गांव में पिछले वर्ष 2023 में 25 लाख रुपए की लागत से संजीवनी क्लीनिक की स्थापना की गई. लेकिन आज ये संजीवनी क्लिनिक बंद है. बिल्डिंग के अंदर कमरों में गाय-भैंस का गोबर पड़ा हुआ है. लोग खिड़की एवं लोहे की जालियां तोड़कर ले गए और कई दरवाजे टूटे पड़े हुए हैं. काफी समय से यह क्लीनिक बंद है. इसकी बाउंड्री भी तोड़ दी गई. जिसे बाद में मेंटेनेंस कराया गया. स्थानीय निवासी शिवाकांत उपाध्याय बताते हैं "जब यह संजीवनी क्लिनिक आरंभ हुआ था, तब यहां बीपी एवं डायबिटीज सहित कुछ अन्य जांच हुआ करती थी और 4 लोगों का स्टाफ बैठता था. लेकिन वर्तमान में यह पूरी तरह से तहस-नस पड़ा हुआ है."
संजीवनी क्लीनिक भवन बने भैंसों के तबेलाघर (ETV BHARAT) मुरैना नगर निगम क्षेत्र में 14 संजीवनी क्लीनिक स्वीकृत
संजीवनी क्लीनिक के पास में ही आरोग्यधाम है, जहां से ग्रामीण छोटी-मोटी बीमारियों की दवा ले लेते हैं. गंभीर बीमारियों के लिए जिला अस्पताल जाना पड़ता है. वर्तमान में नगर निगम क्षेत्र में अधिकांश संजीवनी क्लीनिक की यही हालत है. बता दें कि वर्ष 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा संजीवनी क्लीनिक बनाने की प्रदेश में घोषणा की गई थी. नगर निगम मुरैना क्षेत्र में 14 संजीवनी क्लीनिक स्वीकृत किए गए. स्वीकृत संजीवनी क्लीनिक में से अभी तक आधे निर्मित हुए हैं जबकि आधे क्लीनिक के लिए जगह नहीं मिल पाई है, जिस कारण यह योजना अब खतरे में पड़ गई है.
मुरैना नगर निगम के संजीवनी क्लीनिक खस्ताहाल (ETV BHARAT) जौरी गांव का संजीवनी क्लीनिक लावारिस (ETV BHARAT) कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर कहीं और शिफ्ट कर दिए
इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पद्मेश उपाध्याय ने बताया "14 संजीवनी क्लीनिक स्वीकृत हुए थे. 4 या 5 हमारे हैंडओवर किए गए थे. अभी तुस्सीपुरा, मुड़िया खेड़ा, छोंदा गांव, जोरी गांव, गडोरापुरा, न्यू आम पुरा क्लीनिक सही चल रहे हैं. संजीवनी क्लीनिक में केवल ओपीडी का काम होता है और दवाइयां आरोग्यधाम से मिलती हैं. अभी कुछ इसमें तब्दीली की गई है, इस वजह से कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर इधर-उधर शिफ्ट कर दिए गए हैं."