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हिमाचल में हर नागरिक के स्वास्थ्य पर कितना खर्च करती है राज्य सरकार ? - per capita health care expenditure

per capita health care expenditure in Himachal Pradesh: हिमाचल सरकार प्रदेश में एक नागरिक पर औसतन कितना खर्च करती है ? इस सवाल का जवाब खुद सरकार ने दिया है. जानने के लिए पढ़ें

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हिमाचल में प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर कितना खर्च होता है (Etv Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 21, 2024, 5:50 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं देश के अन्य राज्यों से कहीं बेहतर हैं. हिमाचल की सत्तर लाख की आबादी के लिए अगर इन्फ्रास्ट्रक्चर देखा जाए तो हिमाचल प्रदेश में आईजीएमसी शिमला, डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा, डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन, नेरचौक मेडिकल कॉलेज, डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा के तौर पर सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. प्राइवेट सेक्टर में एमएमयू मेडिकल कॉलेज सोलन जिला के कुमारहट्टी में है. बिलासपुर में एम्स फंक्शनल हो चुका है. हिमाचल प्रदेश में 115 सिविल अस्पताल हैं. कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर्स की संख्या 104, प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स की संख्या 580 व ईएसआई औषधालयों की संख्या 16 है.

कितना है प्रति व्यक्ति के स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च ?

दरअसल बीते दिनों हुए हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बीजेपी विधायक डॉ. जनकराज ने सदन में सवाल पूछा था कि,' वर्ष 2022-23 में प्रदेश में प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य सेवाओं पर (Per Capita Out of Pocket Expenditure) कितनी धनराशि व्यय हुई. सरकार ने अपने जवाब में कहा कि, 'प्रदेश में वित्त वर्ष 2022-23 में स्वास्थ्य सेवाओं पर कुल ₹ 21,38,04,55,000 व्यय हुआ है. इसके मुताबिक प्रति व्यक्ति व्यय ₹2,877.19 पहुंचा है.'

2024 का आर्थिक सर्वेक्षण

2024 के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक व्यापक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता से महत्वपूर्ण सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. इनमें जीवन प्रत्याशा में वृद्धि, शिशु मृत्यु दर, नवजात मृत्यु दर, 5 वर्ष से कम उम्र की मृत्यु दर में कमी शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, प्रसव देखभाल, टीकाकरण दर और मातृ स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.

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आर्थिक सर्वेक्षण 2024 (हिमाचल सरकार)

2024-25 के बजट में हुए प्रावधान

हिमाचल प्रदेश के साल 2024-25 के बजट में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 3,415 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया था. इस बजट में पीजीआई सेंटर, ऊना के सभी लंबित कामों को जल्द पूरे करने और व्यक्ति का आभा कार्ड बनाने की बात कही गई थी. इसके साथ ही 2026 तक हर जिले में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला बनाने, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के लिए मानव संसाधनों के तहत, नए मेडिकल कॉलेज और जिला रेफ़रल अस्पतालों की स्थापना करने की बात कही गई थी. राज्य मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और पीजी सीटें बढ़ाने के लिए अपग्रेडेशन की बात बजट में शामिल थी. बजट के मुताबिक सरकार का मकसद 10,000 एमबीबीएस सीटें और 8,058 पीजी सीटें जोड़ना है. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज, हमीरपुर’ में अत्याधुनिक निदान और उपचार सुविधाओं से लैस एक “राज्य कैंसर संस्थान” की स्थापना की घोषणा की थी, जिसकी अनुमानित लागत 100 करोड़ रुपये है. इसके अतिरिक्त, कैंसर के मामलों में वृद्धि के पीछे के कारणों को समझने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से एक व्यापक अध्ययन किया जाएगा.

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