छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र, प्रश्नकाल में वन अधिकार पट्टा में फर्जीवाड़ा पर हंगामा, टीचर्स की भर्ती जल्द - Monsoon session of Chhattisgarh
MONSOON SESSION OF CHHATTISGARH पांच दिनों के छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत आज से हो गई है. पहले दिन वन अधिकार पट्टा में फर्जीवाड़ा, स्कूलों में शिक्षकों की कमी और तेंदूपत्ता संग्राहकों को लेकर सवाल पूछा गया.
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र (ETV Bharat GFX)
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया. 26 जुलाई तक विधानसभा का मानसून सत्र चलेगा. सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सबसे पहले अविभाजित मध्य प्रदेश विधानसभा और छत्तीसगढ़ विधानसभा के दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई. अविभाजित मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व संसदीय सचिव मकसूदन लाल चंद्राकर, सदस्य अमीन साय, लक्ष्मी प्रसाद पटेल और छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व सदस्य अग्नि चंद्राकर को श्रद्धांजलि दी गई.
छत्तीसगढ़ विधानसभा में दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि:सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में सबसे पहले राष्ट्रगान और छत्तीसगढ़ राजकीय गीत हुआ. इसके बाद स्पीकर ने निधन का उल्लेख करते हुए सदस्यों का संक्षिप्त जीवन परिचय पढ़ा. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने भी दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी. पूर्व सीएम भूपेश बघेल, कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम और संसदीय कार्यमंत्री केदार कश्यप, कवासी लखमा, उमेश पटेल, लालजीत सिंह राठिया ने भी दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी. दिवंगतों के सम्मान में सदन में 2 मिनट का मौन रखा गया. इसके बाद सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र (DD Chhattisgarh)
वन अधिकार पट्टा लेने में फर्जीवाड़ा पर सवाल:प्रश्नकल विधानसभा में प्रश्नकाल विधानसभा में नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ. प्रश्नकाल में पहला सवाल विधायक जनक ध्रुव ने पूछा. उन्होंने सवाल किया कि गरियाबंद के मैनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत शोभा में वन भूमि पट्टा के दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा पर सवाल पूछा. इस सवाल का जवाब देते हुए मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि इसकी शिकायत कलेक्टर को मिली थी. कलेक्टर ने इसकी जांच के निर्देश गरियाबंद के सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग और अनुविभागीय अधिकारी को सौंपा. जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि संजय नेताम के नाम से शिकायत की गई. इनके द्वारा वन अधिकार पट्टा प्राप्त करने का कोई आवेदन नहीं दिया गया. इसका प्रतिवेदन कलेक्टर को भेजा गया और इस आरोप को निराधार मानते हुए 21 जुलाई 2022 में विलोपित किया गया. इस तरह इस पर कोई कार्रवाई नहीं बनती.
कांग्रेस शासनकाल में हुआ वन पट्टा में फर्जीवाड़ा:जनक ध्रुव ने कहा जो पात्र नहीं है उनके नाम पर सैंकड़ों एकड़ वनभूमि पट्टा बनाया गया है जबकि हितग्राहियों को वन पट्टा नहीं मिल पा रहा है. इस पर दोषियों पर क्या कार्रवाई की जा रही है. मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि जिस समय ये गड़बड़ी हुई वो कांग्रेस शासनकाल में हुआ. इस पर विधायक यदि कोई तथ्य पेश करेंगे तो इस पर जांच की जाएगी.
वन पट्टा में फर्जीवाड़ा पर बहस:पूर्व मंत्री भूपेश बघेल ने सवाल पूछा, ये प्रकरण साल 2018 का था. 2018 दिसंबर में कांग्रेस की सरकार बनी थी. इससे पहले भाजपा की सरकार थी. जब इसकी शिकायत मिली उसके बाद ग्राम वन समिति, एसडीएम लेवल और कलेक्टर स्तर पर जांच के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर सवाल खड़े होते हैं. इस पर मंत्री टंकराम वर्मा के जवाब देने के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने बीच में टोकते हुए कहा कि साफ जवाब दे दिया गया है. इसके बाद सदन में बहस शुरू हो गई. इसके बाद पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने मांगपत्र में फर्जी साइन करने का मुद्दा उठाया और मामले की जांच की मांग की.
छत्तीसगढ़ के स्कूलों में शिक्षकों की कमी पर सवाल: विधायक मोतीलाल साहू ने शिक्षा विभाग से संबंधित सवाल सदन में उठाया. उन्होंने पूछा कि माना कैंप में हिंदी मीडियम स्कूल में सिर्फ 2 टीचर है. वहीं माना हायर सेकेंड्री स्कूल में सिर्फ 3 शिक्षक है. चार कक्षाओं में तीन टीचर होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. ऐसे में टीचर्स की कब तक भर्ती होगी. इस सवाल के जवाब में सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि- पूरे देश में 26 स्टूडेंट में एक शिक्षक का औसत है लेकिन छत्तीसगढ़ में 21 स्टूडेंट में एक शिक्षक है. फिर भी यहां टीचर्स की कमी है. प्रदेश में 300 बिना टीचर्स के स्कूल है साढ़े 5000 स्कूलों में टीचर है. शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया आगे की जाएगी. इस पर टोकते हुए धमतरी विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल पूछा कि ये भी बात दें कि शहरी क्षेत्र के या प्रदेश में ऐसे कितने स्कूल है जिसमें सरप्लस टीचर है. इस पर सीएम ने कहा कि इसकी अभी जानकारी नहीं है, आपको अलग से दी जाएगी.
कार्यमंत्रणा समिति की बैठक: सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई. विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप सहित समिति के सदस्य उपस्थित रहे.
साय सरकार को घेरने कांग्रेस की रणनीति:विधानसभा शुरू होने से पहलेरविवार रात छत्तीसगढ़ कांग्रेस विधायक दल की एक महत्वपूर्ण बैठक रायपुर में हुई. यह बैठक नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने ली. जिसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, कांग्रेस विधायक ओर सांसद सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे. बैठक में विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की गई.
विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों के साथ पार्टी गतिविधियों और आने वाले 24 जुलाई को विधानसभा घेराव को लेकर चर्चा हुई. साथ ही संबंधित विधायक और पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को इसकी जवाबदारी सौंपी गई है. प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, लचर कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस 24 जुलाई को ऐतिहासिक और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेगी. -दीपक बैज, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
6 महीने के अंदर ही सुशासन की पोल खुल गई है. सारे संगठन रसोइया से लेकर पटवारी, शिक्षक, अतिथि शिक्षक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. राशन कार्ड भी बंट गए हैं पांच किलो मिलना शुरू होगा. भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
कांग्रेस अपना धर्म निभा रही इसलिए प्रदेश में नहीं दिख रहा विकास: मानसून सत्र में कांग्रेस के सवालों को लेकर भाजपा भी मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि विधानसभा का मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है जो 26 जुलाई तक चलेगा. विपक्ष अपना धर्म निभा रहे हैं. उनके पास कोई मुद्दा नहीं है. हमने 6-7 महीने में छत्तीसगढ़ में विकास की गंगा बहा दी जो कांग्रेस देख नहीं पा रही है. हमारी सरकार ने आते ही ऐतिहासिक काम किया है. दो महीना चुनाव आचार संहिता में चला गया बावजूद इसके हमने 18 लाख प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी, 21 क्विंटल धान ₹3100 प्रति क्विंटल में खरीदी की. किसानों को 2 वर्ष का बकाया बोनस और अंतर की राशि दी गई है. 70 लाख से ज्यादा महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत ₹1000 प्रतिमा दिया जा रहा है. रामलला दर्शन योजना की शुरुआत हो गई है. इसके अलावा भी कई काम इस दौरान किए गए.