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फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर : मेडिकल दुकानदारों को डरा कर रुपये ऐंठने वाली गैंग का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार - Fraud Drug Inspector

Money Extorting Gang Exposed, जयपुर में पुलिस ने फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर बनकर मेडिकल दुकानदारों को डरा कर रुपये ऐंठने वाली गैंग का पर्दाफाश किया है. इस मामले में दो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं.

Fraud Drug Inspector
फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर गिरफ्तार (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 27, 2024, 8:23 PM IST

रामगंज एसीपी हरिशंकर शर्मा (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजधानी जयपुर की गलता गेट थाना पुलिस ने फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर बनाकर मेडिकल दुकानदारों से रुपये ऐंठने वाली गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने सोमवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जयपुर के ब्रह्मपुरी निवासी चेतन शर्मा और अरुण शर्मा को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस में मामला दर्ज होने के मात्र 3 घंटे में ही वारदात का खुलासा कर दिया. आरोपी फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर बनकर मेडिकल संचालकों को कार्रवाई का डर दिखाकर रुपये ऐंठने का काम करते थे.

एसीपी रामगंज हरिशंकर शर्मा के मुताबिक परिवादी नाजिम ने रविवार को गलता गेट थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसके मेडिकल दुकान पर रविवार शाम को दो व्यक्ति आए, जिन्होंने एमटीपी किट मांगी. दुकानदार ने उन्हें 600 रुपये की किट दे दी. उसके बाद उनमें से एक व्यक्ति ने कहा कि मैं ड्रग इंस्पेक्टर सुनील शर्मा हूं. तेरे मेडिकल की दुकान पर कार्रवाई नहीं करने के बदले 25000 रुपये चाहिए. पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू की.

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मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल टीम का गठन किया गया. डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा और एडिशनल डीसीपी रानू शर्मा के निर्देशन में गलता गेट थाना अधिकारी लिखमाराम के नेतृत्व में स्पेशल टीम गठित की गई. मामला दर्ज होने के मात्र 3 घंटे में ही आरोपियों को दस्तयाब कर लिया गया. प्रकरण में अनुसंधान के बाद जुर्म प्रमाणित पाए जाने पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने मामले में ब्रह्मपुरी जयपुर निवासी चेतन शर्मा उर्फ सोनू और अरुण शर्मा उर्फ सुनील शर्मा को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में और भी कई वारदातों का खुलासा होने की संभावना है.

वारदात का तरीका : गलता गेट थाने के सब इंस्पेक्टर गिरिराज चौधरी के मुताबिक आरोपी मेडिकल स्टोर को चिन्हित करके स्टोर पर बोगस ग्राहक बनकर जाते थे. एमटीपी किट की मांग करते थे. एमटीपी किट मिलने पर मेडिकल स्टोर पर अपने दूसरे साथी को इशारे से बुलाकर फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर बनकर मेडिकल स्टोर वाले को डराते थे. मेडिकल स्टोर वाले को कार्रवाई का डर दिखाकर और कार्रवाई से बचने के लिए रुपयों की मांग करते थे. जब तक रुपये नहीं मिलते तब तक उसे और भी ज्यादा भयभीत करने के लिए अपनी गाड़ी पर बैठकर अलग-अलग जगह पर घूमाते रहते थे.

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