भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में संचालित योजनाओं और अन्य जरूरतों के लिए इसी माह 22 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट विधानसभा से पारित किया है. अब मोहन यादव सरकार 5 हजार करोड़ का कर्ज फिर लेने जा रही है. यह कर्ज दो चरणों में लिया जा रहा है. सरकार पहले चरण में ढाई हजार करोड़ फिर फिर दूसरे चरण में ढ़ाई हजार करोड़ का कर्ज लेगी. यह कर्ज 21 सालों के लिए लिया जा रहा है. 31 मार्च 2024 की स्थिति में प्रदेश सरकार पर 3 लाख 75 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो चुका है.
26 दिसंबर को खुलेंगे प्रस्ताव
राज्य सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के कोर बैंकिंग सॉल्यूशन ई कुबेर सिस्टम के जरिए यह कर्ज बाजार से लिया जा रहा है. इसके लिए आज देश भर की वित्तीय संस्थाओं से कर्ज के लिए प्रस्ताव बुलाए गए. इन प्रस्तावों में से सफलतम बिडर्स के प्रस्ताव 26 दिसंबर को खोला जाएगा. राज्य सरकार द्वारा ढाई हजार करोड़ का यह कर्ज 21 साल के लिए लिया जा रहा है. इसका भुगतान राज्य सरकार 26 दिसंबर 2045 को करेगी.
मोहन यादव सरकार ने कब और कितना लिया कर्ज
23 जनवरी 2024
2500 करोड़
6 फरवरी 2024
3 हजार करोड़
20 फरवरी 2024
5 हजार करोड़
27 फरवरी 2024
5 हजार करोड़
26 मार्च 2024
5 हजार करोड़
6 अगस्त 2024
5 हजार करोड़
27 अगस्त 2024
5 हजार करोड़
8 अक्टूबर 2024
5 हजार करोड़
26 नवंबर 2024
5 हजार करोड़
24 दिसंबर 2024
5 हजार करोड़
वहीं दूसरे चरण में ढाई हजार करोड़ का कर्ज 14 साल के लिए लिया जा रहा है. इस कर्ज के लिए भी प्रस्ताव आ चुके हैं. इन्हें 26 दिसंबर को खोला जाएगा. इसका भुगतान सरकार 26 दिसंबर 2041 तक करेगी. बताया जा रहा है कि लाड़ली बहना योजना और अन्य विकास कार्यों के लिए मोहन यादव सरकार कर्ज ले रही है.
प्रदेश सरकार पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. 31 मार्च 2024 की स्थिति में प्रदेश सरकार पर कर्ज बढ़कर 3 लाख 75 हजार 578 करोड़ रुपए हो गया है. इसमें से सरकार ने 2 लाख 34 हजार 812 करोड़ रुपए का कर्ज बाजार से लोन के रूप में लिया है. इसके अलावा वित्तीय संस्थाओं से लोन के रूप में 15 हजार 248 करोड़ रुपए, केन्द्र सरकार से एडवांस और लोन के रूप में 62 हजार करोड़ रुपए और नेशनल स्मॉल सेविंग फंड से 34 हजार 421 करोड़ का लोन लिया है.