भोपाल: मध्य प्रदेश के छोटे स्कूलों में पढ़ने वाले स्कूलों के बच्चों के परिजनों पर आने वाले समय में आर्थिक बोझ बढ़ सकता है. साल में 25 हजार तक की स्कूल फीस लेने वाले स्कूलों को सरकार मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस व संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम से बाहर करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने संशोधन विधेयक तैयार किया है. इसे विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है. इसमें संशोधन से 25 हजार तक की स्कूल फीस लेने वाले स्कूल 10 फीसदी से ज्यादा फीस बढ़ा सकेंगे. इसके लिए उन्हें जिला कमेटी से अनुमति लेने की बाध्यता नहीं होगी.
करीबन 17 हजार स्कूलों को मिलेगा फायदा
मध्य प्रदेश में करीबन 35 हजार निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं. स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस और संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 बनाया था. जिसे 2018 में लागू कर दिया गया था. इसके बाद साल 2020 में इसके नियम लागू किए गए. इसमें प्रावधान किया गया था कि निजी स्कूल अपनी मनमर्जी से 10 फीसदी से ज्यादा फीस में बढ़ोत्तरी नहीं कर सकेंगे. 10 फीसदी से ज्यादा फीस वृद्धि के लिए जिला कमेटी की अनुमति अनिवार्य की गई है.