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Chhat Puja 2024: छठ की छटा और सामाजिक सद्भाव! जानें, कैसे छठी मैय्या की सेवा करते हैं मो. कलाम - CHHATH PUJA 2024

रांची के छठ बाजार में सामाजिक सद्भाव का नजारा देखने को मिला. छठ पूजा के मौके पर कौमी एकता की मिसाल सामने आई है.

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रांची में छठ की खरीदारी करते ग्राहक (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 4, 2024, 5:59 PM IST

Updated : Nov 4, 2024, 7:24 PM IST

रांची: छठ ना केवल धार्मिक दृष्टि से महत्व रखता है बल्कि यह एक ऐसा पर्व है जो सामाजिक सद्भाव का भी संदेश देता है. यही वजह है कि इस मौके पर समाज के हर वर्ग के लोग भगवान सूर्य के प्रति आस्था व्यक्त करते हैं.

सामाजिक धार्मिक भेदभाव से दूर यह पर्व हर व्यक्ति के लिए अहम है. यही वजह है कि सभी की भागीदारी होती है. ऐसे ही रांची के मो. कलाम, जो पिछले 41 वर्षों से छठ के मौके पर दुकान लगाकर बांस के बने सामान, जलावन एवं अन्य सामग्री देवघर एवं अन्य स्थानों से मंगवाकर बड़े ही शुद्धता के साथ लोगों तक पहुंचाने का काम करते हैं.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः छठ पूजा के बाजार में कौमी एकता की मिसाल (ईटीवी भारत)

मो. कलाम का मानना है कि भगवान को किसी ने नहीं देखा है, मगर सूर्य ही एक ऐसे हैं जिनके जरिए इस सृष्टि को देखा जाता है. छठ के मौके पर सूर्य के दर्शन और अर्घ्य देखकर उन्हें बेहद ही खुशी होती है. ईटीवी भारत संवाददाता भुवन किशोर झा से खास बातचीत में मो. कलाम कहते हैं कि हरमू कौली में सब भाई चारे के साथ रहते हैं. यहां पर हिन्दू मुसलमान सभी साथ में रहते हैं, कोई भेदभाव नहीं है.

पिता की भावना को बेटा मो. तमीर ने बढ़ाया

71 साल की उम्र में पहुंच चुके मो. कलाम की भावना को उनके पुत्र मो. तमीर संभाल चुके हैं. मो. तमीर का मानना है कि छठ चुंकि शुद्धता का पर्व है, ऐसे में सभी सामानों को पूरे पवित्रता के साथ रखी जाती है. पिछले 20 वर्षों से पिता की देखरेख में दुकान लगाने वाले मो. तमीर कहते हैं कि इस बार देवघर एवं अन्य स्थानों से सामान मंगवाये गए हैं.

छठ के लिए सूप और दउरा खरीदने पहुंचे ग्राहक संदेश कहते हैं कि दुकानदार मुस्लिम होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है, बल्कि वह तो छठी मैय्या की सेवा करते हैं, जो हम तक सामान उपलब्ध कराने का काम करते हैं. ऐसे में हमलोगों के बीच कोई धार्मिक भेदभाव नहीं है. इसी तरह ग्राहक ममता कुमारी का भी मानना है. ईटीवी भारत से बातचीत में ममता कहती हैं कि हिन्दू-मुसलमान सब हमलोग एक हैं और किसी तरह का भेदभाव नहीं है. बहरहाल छठ की यही छठा है जो सामाजिक सदभाव का संदेश देता है.

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Last Updated : Nov 4, 2024, 7:24 PM IST

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