पटना: भाजपा के सांसद भीम सिंह ने महागठबंधन की रैली को फ्लॉप शो करार दिया है. उन्होंने कहा कि इस रैली का नाम जन विश्वास रैली था, लेकिन बिहार की जनता ने इसे अविश्वास रैली बना दिया. जनता ने इन लोगों पर भरोसा नहीं किया है. भीम सिंह ने कहा कि लालू यादव जब स्टेज पर पहुंचे होंगे और भीड़ को देखे होगा तो उन्होंने भी माथा पीट लिया होगा कि पहले जो उनकी रैली होती थी उसका 10% लोग आज गांधी मैदान में नहीं पहुंचे थे.
"कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो रैली बिहार में हुई थी. उसकी एक चौथाई भीड़ भी आज गांधी मैदान की महागठबंधन की रैली में नहीं दिखी. जनता ने पूरी तरह से जन विश्वास रैली को अविश्वास रैली में परिवर्तित कर दिया. इन्होंने जो आह्वान किया था उसको पूरी तरह से खारिज करने का काम जनता ने किया है."- भीम सिंह, भाजपा सांसद
कम भीड़ देखकर लालू परेशान हो गयेः भीम सिंह ने कहा कि भीड़ इतनी कम थी कि लालू यादव भी परेशान हो गये थे. उन्हें भाषण देने के क्रम में माता सीता के पिता का नाम भी याद नहीं रहा. राजा दशरथ को मां सीता का पिता बता डाले. आप समझ लीजिए किस तरह से भीड़ नहीं होने के कारण महागठबंधन के नेता मंच पर परेशान दिख रहे थे और कुछ से कुछ बोल रहे थे.
जनक राम ने लालू पर साधा निशानाः भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जनक राम ने लालू यादव पर जमकर निशाना साधा. कहा कि लालू यादव ने जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पर्सनल बयानबाजी की है वह कहीं से उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी अति पिछड़ा का बेटा होकर देश के प्रधानमंत्री बने हैं, इसीलिए लालू यादव के पेट में दर्द हो रहा है. उन्होंने लालू यादव को गाय का चारा खाने वाला बताया. कहा कि उनके मुंह से नरेंद्र मोदी के बारे में इस तरह की बात कहना ठीक नहीं है.
लालू बड़े बेटे को साइड लाइन कर रहे हैंः जनक राम ने लालू यादव से सवाल करते हुए पूछा कि सनातन परंपरा के अनुसार लोग बड़े बेटे को आगे बढ़ाता है. अपनी गद्दी देता है. लालू यादव जवाब दें कि वह छोटे बेटे तेजस्वी यादव को उत्तराधिकारी क्यों बना रहे हैं. अपने बड़े बेटे को क्यों साइड लाइन कर रहे हैं, अपने घर की बात को तो बोलते नहीं है और नरेंद्र मोदी को लेकर कुछ से कुछ बयानबाजी कर रहे हैं. जनता जान रही है कि कौन किस धर्म के लिए क्या कुछ कर रहा है और किसने धर्म को बर्बाद करने का काम किया है.