रांचीः झारखंड बीजेपी ने मोदी सरकार के कार्यकाल को एतिहासिक बताते हुए 2004 से 2014 तक रहे यूपीए सरकार के कामकाज की आलोचना की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश श्वेत पत्र के बाद आज 10 फरवरी को बीजेपी प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया.
रांची में बीजेपी की प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा ने मीडियाकर्मियों के समक्ष पूर्ववर्ती यूपीए सरकार और वर्तमान मोदी सरकार के कामकाज की तुलनात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान देश की जो बदहाल आर्थिक स्थिति थी उसका जिम्मेदार कहीं ना कहीं उस वक्त सरकार का नेतृत्व कर रहे लोग भी थे. पीएम से लेकर सुपर पीएम तक लोगों ने देखा है तब जो प्रधानमंत्री थे उनको कोई प्रधानमंत्री मानने को तैयार नहीं था और उस सरकार में सब के सब मंत्री अपने आपको प्रधानमंत्री समझते थे. जो सुपर पीएम के आदेश पर काम कर रहे थे. इसका परिणाम यह हुआ कि घोटाले पर घोटाले होते रहे, प्रधानमंत्री सब कुछ जानते हुए भी आंखें मूंदे बैठे रहे.
देश की अर्थव्यवस्था हुई मजबूतः
भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए प्रदीप वर्मा ने कहा कि जहां एक और यूपीए के कार्यकाल में महंगाई तेजी से बढ़ी और महंगाई दर 8.2 प्रतिशत तक पहुंच गई. वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कुशल नीतियों के चलते महंगाई को घटाया और महंगाई दर 5 फीसदी के निचले स्तर पर पहुंचा. जब यूपीए सरकार का गठन हुआ था तो उसे विरासत में 8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि मिली थी लेकिन यूपीए सरकार उसे स्थिति का भी लाभ उठाने में विफल रही थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कोरोना जैसी महामारी से लड़ाई लड़ने के बाद भी देश की जीडीपी को दोबारा 8.7 फीसदी पर लाकर खड़ा कर दिखाया है. बुनियादी ढांचे के विकास के लिए यूपीए सरकार ने कोई बड़े कदम नहीं उठाया. वित्तीय वर्ष 2013-14 में पूंजीगत व्यय कुल ब्यय का केवल 16 प्रतिशत था मतलब बजट का एक बड़ा हिस्सा केवल राजस्व व्यय पर खर्च किया जाता था. पीएम नरेंद्र मोदी ने बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश को प्राथमिकता देते हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूंजीगत व्यय 28 फीसदी किया.