उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

यूपी के 24 PPS अफसर बनेंगे IPS, योगी सरकार का दीपावली गिफ्ट, 1995-1996 बैच के हैं सभी अधिकारी - IPS NEWS

PPS Officers Promotion: संघ लोक सेवा आयोग की बैठक में लगी थी इन नामों पर मुहर. तीन वर्ष की देरी से इस बार हुआ काडर रिव्यू.

modi government gives approval 13 up pps officers promotion to ips post cm yogi latest
यूपी के 24 पीपीएस अफसर बनेंगे आईपीएस. (photo credit: etv bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 30, 2024, 6:53 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 24 प्रांतीय पुलिस सेवा (PPS) संवर्ग के अफसर आईपीएस (IPS) काडर में होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी मुहर लगा दी है. मंत्रालय ने इन 24 अफसरों को आईपीएस बनने के लिए हरी झंडी दे दी है. 7 अक्टूबर को संघ लोक सेवा आयोग व शासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक हुई थी, जिसमें इस पर मुहर लगी थी. जो पीपीएस अफसर आईपीएस बने है उनमें राकेश कुमार सिंह, लाल भरत कुमार पाल, रश्मि रानी, सुभाष चंद्र गंगवार, विश्वजीत श्रीवास्तव, चिरंजीव नाथ सिन्हा और मनोज कुमार सिंह समेत 24 अफसर शामिल है.


दरअसल, विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक में वर्ष 1995 व 1996 बैच के पीपीएस अधिकारियों के नाम पर विचार हुआ था. हालांकि एक पीपीएस अधिकारी के खिलाफ जांच प्रचलित होने की वजह उनका लिफाफा बंद रखने का निर्णय लिया गया था. बतादें, मौजूदा समय में पीपीएस से आईपीएस काडर में प्रोन्नति के 24 ही पद रिक्त हैं, जिन्हे भरने के लिए वर्ष 1995 -96 बैच के अधिकारियों के नाम का प्रस्ताव बीते दिनों संघ लोक सेवा आयोग भेजा गया था.


ये PPS अफसर बने आईपीएस:बाराबंकी में तैनात चिरंजीव नाथ सिन्हा, लखनऊ में तैनात विश्वजीत श्रीवास्तव, शाजाहापुर में तैनात मनोज कुमार अवस्थी, बुलंदशहर में तैनात रोहित मिश्रा, पीटीएस में तैनात शिव राम यादव, देवरिया में तैनात दीपेंद्र नाथ चौधरी, एएनटीएफ में तैनात बृजेश कुमार गौतम, गाज़ियाबाद में तैनात आनंद कुमार, वाराणसी में तैनात ममता रानी चौधरी, सीबीसीआईडी में तैनात अजय कुमार सिंह शामिल है.


33 फीसद पद भरे जाते हैं:दरअसल, यूपी में आईपीएस काडर के 33 फीसदी पद में ही पीपीएस को प्रोन्नति देकर भरे जाते हैं. वहीं, जिन पीपीएस अधिकारीयों की उम्र 56 वर्ष से अधिक हो जाती है, उनका नाम नहीं भेजा जाता है. वर्ष 2019 में प्रस्तावित काडर रिव्यू 3 वर्ष की देरी के बाद वर्ष 2022 में हुआ था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details