अलीगढ़: गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारतीय किसान यूनियन और संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसानों ने अलीगढ़ में ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया. इस रैली का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार की वादाखिलाफी और किसानों की समस्याओं को लेकर अपना विरोध प्रकट करना था. रैली में किसान अपने-अपने घरों से तिरंगा लेकर निकले और ब्लॉक मुख्यालय और थाने तक पहुंचे.
रैली में शामिल किसानों ने बताया कि 13 महीने तक चले ऐतिहासिक आंदोलन के बाद सरकार ने जो वादे किए थे, उन्हें अब तक पूरा नहीं किया गया. इसके संदर्भ में पंजाब के खनौली बॉर्डर पर किसान धरने पर बैठे हुए हैं और यह धरना 60 दिनों से भूख हड़ताल के रूप में जारी है. लेकिन, केंद्र सरकार की ओर से अब तक कोई वार्ता शुरू नहीं की गई है.
वहीं भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष विमल तोमर ने कहा कि सरकार नया कृषि विपणन कानून लेकर आ रही है, जिसे राज्य सरकारों के जरिये पास कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ये नया कानून पुराने कानून का ही बदला हुआ रूप है, लेकिन इसमें किसानों के हितों को अनदेखा किया गया है. उनके मुताबिक, ये कानून किसानों को लूटने वाली खामियों से भरा हुआ है.
जिले के टप्पल इलाके में बन रहे 334 डी बाईपास को लेकर भी किसानों ने विरोध जताया है. किसानों का कहना है कि पिछले 12 साल से जमीन का सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया है. वे जमीन देने को तैयार हैं, लेकिन उनकी मांग है कि उन्हें जमीन का पूरा मुआवजा मिले. यदि मुआवजे की मांग पूरी नहीं होती है, तो किसान 334 डी हाईवे के निर्माण को रोक देंगे.
जट्टारी से लेकर टप्पल थाने तक निकाली गई इस ट्रैक्टर रैली में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए. टप्पल थाने पर पहुंचकर किसानों ने इंस्पेक्टर से अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने की अपील की. किसान नेताओं ने इस दौरान कहा कहा कि शीर्ष नेतृत्व के निर्देशों के आधार पर आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होता और वादे पूरे नहीं किए जाते, तब तक ये विरोध जारी रहेगा.
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