औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद से मॉब लिंचिंग की खबर सामने रही है. जहां बस नहीं रोकने को लेकर हुए विवाद में कुसहा गांव के दस से पंद्रह की संख्या में ग्रामीणों नेपीट-पीटकर हत्याकर दी. इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया. घटना मदनपुर थाना क्षेत्र के कुसहा गांव के पास जीटी रोड की है.
औरंगाबाद में कंडक्टर की हत्या:घटना के बाद सढ़ैल गांव के ग्रामीणों ने अपने गांव के सामने हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया और टायर जलाकर जमकर प्रदर्शन किया. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची लेकिन उन्हें भी आक्रोश का सामना करना पड़ा.
हत्या के बाद सड़क पर आगजनी (ETV Bharat) बस नहीं रोकने पर फूटा गुस्सा: बताया जाता है कि मंजय सिंह औरंगाबाद से धनबाद जाने वाली एक बस में कंडक्टर का काम करते थे. शुक्रवार को जब वह बस लेकर चले थे तो कुछ लोगों ने बस को रुकवाया, परंतु मंजय सिंह ने बस को नहीं रोका गया. इसी बात को लेकर आज रविवार की सुबह जब बस औरंगाबाद से धनबाद के लिए चली तो गांव के के आकाश कुमार ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर बस को रुकवाया और उन्हें उतार दिया. इसके बाद जमकर पिटाई कर दी जिससे कंडक्टर की मौत हो गई.
सड़क जाम कर गिरफ्तारी की मांग:मृतक की पहचान मदनपुर थाना क्षेत्र के ही सढ़ईल गांव निवासी स्वर्गीय रामाकांत सिंह के 40 वर्षीय पुत्र मंजय कुमार सिंह के रुप में की गई है. जब तक इनके गांव सढ़ैल के लोग पहुंचते तब तक पिटाई करने वाले सभी लोग फरार हो गए. ग्रामीणों ने कंडक्टर को जिंदा समझकर इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
औरंगाबाद में हत्या के बाद तनाव (ETV Bharat) "बस कंडक्टर की पिटाई से मौत हुई है. घटना की सूचना पाते ही मदनपुर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझने बुझाने की कोशिश की. फिलहाल घटना में शामिल लोग फरार हैं और उनकी तलाश में पुलिस टीम जुटी हुई है. शव का पोस्टमार्टम करने के लिए सदर हॉस्पिटल औरंगाबाद भेज दिया गया है."-राजेश कुमार, थानाध्यक्ष, मदनपुर
अस्पताल में लोगों की भीड़ (ETV Bharat) तीन दिनों के भीतर मॉब लिंचिंग की दूसरी घटना: गौरतलब है कि औरंगाबाद में तीन दिनों के अंदर मॉब लिंचिंग की यह दूसरी घटना है. इसके पूर्व गुरुवार को ओबरा के बेल गांव के 40 की संख्या में लोगों ने प्रिंस कुमार की भी हत्या लाठी डंडे से पीट पीटकर कर दी थी.
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