लखनऊ : लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से उत्तर प्रदेश में सरकार और संगठन में खींचतान और रार मची हुई है. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सरकार से बड़ा संगठन के बयान और कई स्तर पर हो रही समीक्षा बैठकों में भी नाराजगी देखने को मिली है. अब इसी रार के बीच उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र 29 जुलाई से शुरू हो रहा है. ऐसी स्थिति में विधायक जनसमस्याओं और अफसरों की मनमानी को लेकर सरकार से सवाल पूछ कर सदन की कार्रवाई में सरकार को असमंजस में डाल सकते हैं.
सरकार की कार्यशैली पर खड़े हुए सवाल :दरअसल, अब जब विधानमंडल का सत्र शुरू होने जा रहा है, ऐसी स्थिति में सरकार की कार्यशैली और अफसरों की मनमानी को लेकर विधायक सवाल पूछ सकते हैं. तमाम विधायकों की तरफ से लगातार सरकार की कार्यशैली को लेकर सवाल भी खड़े किए गए. अफसर की मनमानी और प्रदेश सरकार के स्तर पर बदलाव की बात कही गई है. अब 29 जुलाई से शुरू हो रहे विधानमंडल सत्र के दौरान भी सदन में विधायक खुलकर अपनी बात रख सकते हैं. विभागों में नौकरियों में आरक्षण का विषय भी इस समय गरमाया हुआ है.
नौकरियों में आरक्षण देने का सवाल पूछा :उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग से नौकरियों में आरक्षण देने का सवाल पूछा है. इसके अलावा आउटसोर्सिंग की नियुक्तियों में दलित, ओबीसी रिजर्वेशन की अनदेखी का मुद्दा भी उत्तर प्रदेश में गरमाया हुआ है. इसके अलावा लोकसभा चुनाव के दौरान मिले फीडबैक के आधार पर लगातार विधायकों की तरफ से यह बात कही जा रही है कि अधिकारियों का कोई सहयोग नहीं मिला. कार्यकर्ताओं की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो रहा है. ऐसी स्थिति में लोग भारतीय जनता पार्टी से नाराज होकर दूर जा रहे हैं. ऐसे तमाम विषयों को लेकर भारतीय जनता पार्टी की अलग-अलग स्तर पर हुई समीक्षा बैठकों में भी नाराजगी देखने को मिली है.
बैठकों में अनुपस्थित रहे डिप्टी सीएम :उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य लगातार सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं और उनके बयान भी इसी ओर संकेत कर रहे हैं. भाजपा प्रदेश कार्य समिति की बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने सरकार से बड़ा संगठन का बयान देकर खींचतान को और आगे बढ़ा दिया है. इसके अलावा लगातार हुई कैबिनेट बैठकों में भी उनकी अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही है.