भरतपुर.लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. भरतपुर लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा भी कर दी है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गृह जिला होने की वजह से इस बार भरतपुर लोकसभा सीट पर पूरे राजस्थान की निगाहें रहेंगी. यहां पार्टी की बागी विधायक डॉ ऋतु बनावत के चलते चुनाव का रुख बदल सकता है.
भरतपुर सीट पर जीत दर्ज करने के लिए भाजपा एड़ी चोटी का जोर लगाएगी. इस सीट पर भाजपा की बागी बयाना विधायक डॉ ऋतु बनावत बीजेपी का खेल बिगाड़ सकती है. शिवसेना को समर्थन देने और लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करने के साथ ही बनावत अब भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं. आइए जानते हैं कि भरतपुर लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला कैसा रहने की संभावना है और बनावत किस तरह से भाजपा को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
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सीएम के घर में बगावत:लोकसभा चुनाव में सीएम भजनलाल शर्मा के गृह जिले में मुकाबला रोचक होने वाला है. भाजपा के रामस्वरूप कोली और कांग्रेस की संजना जाटव के नाम की घोषणा के बाद भाजपा की बागी बयाना विधायक डॉ ऋतु बनावत ने शिवसेना को समर्थन देने के साथ ही चुनाव लड़ने की मंशा स्पष्ट कर दी है. इससे भरतपुर लोकसभा चुनाव की दिशा और दशा बदल सकती है. सीएम का गृह जिला होने के नाते यहां से पार्टी प्रत्याशी को जीत दिलाना नाक का सवाल रहेगा. यदि भाजपा बागी नेता बनावत को मनाने में असफल रहती है, तो भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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मिल सकता है अच्छा समर्थन:भाजपा से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में डॉ ऋतु बनावत बयाना से 40,642 मतों से जीत दर्ज की थी, जो कि भरतपुर में सबसे बड़ी जीत थी. अब यदि बनावत लोकसभा चुनाव मैदान में उतरती हैं, तो अच्छी संख्या में वोट जुटा सकती हैं. माना जा रहा है कि इसका सबसे बड़ा नुकसान भाजपा प्रत्याशी को होगा.
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किसको नुकसान, किसको फायदा: यदि बनावत लोकसभा चुनाव लड़ती हैं, तो भरतपुर लोकसभा सीट पर रोचक मुकाबला होगा. बनावत जहां अच्छा वोट झटक सकती है, वहीं भाजपा के रामस्वरूप कोली को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसका सीधा-सीधा लाभ कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव मिलने की संभावना रहेगी. संजना जाटव का पीहर भरतपुर जिले के भुसावर में है और ससुराल अलवर जिले के कठूमर में. ऐसे संजना जाटव के साथ पॉजीटिव पक्ष यह है कि उसे भरतपुर की बेटी होने के साथ ही कठूमर की बहू होने का लाभ भी मिलेगा. संजना जाटव की कठूमर में पहले से ही मजबूत स्थिति मानी जाती है.
अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले भरतपुर में पार्टी प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए भाजपा क्या रणनीति तैयार करती है. हालांकि चर्चा यह भी है कि निर्दलीय विधायक बनावत द्वारा शिवसेना को समर्थन देना पार्टी पर दबाव बनाने का प्रयास है. क्योंकि विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अच्छी जीत दर्ज करने और भाजपा को समर्थन देने के बावजूद पार्टी की तरफ से अभी तक बनावत को कोई खास तवज्जो नहीं दी गई है.