ETV Bharat / state

हाईकोर्ट ने पूछा- विकासकर्ता बताएं क्या काटे जाने वाले 617 पेड़ों की हो सकती है पुनर्स्थापना - Rajasthan High Court Jaipur

रेलवे की गति शक्ति योजना के तहत मल्टी कार्गो टर्मिनल बनाने के लिए पेड़ काटने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. इस मामले में राज्य वृक्ष खेजड़ी सहित अन्य पेड़ काटे जाएंगे. इस मामले में दायर ज​नहित याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कंपनी से पूछा है कि क्या इन पेड़ों की पुनर्स्थापना हो सकती है.

Rajasthan High Court Jaipur
फुलेरा इलाके में खेजड़ी पेड़ काटने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा (Photo ETV Bharat Jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 19, 2024, 9:08 PM IST

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने फुलेरा इलाके के हिरनोदा में रेलवे की गति शक्ति योजना के तहत मल्टी कार्गो टर्मिनल बनाने के लिए 565 खेजड़ी सहित कुल 617 पेड़ काटने की कार्रवाई शुरू करने के मामले में विकासकर्ता कंपनी से पूछा है कि क्या इन पेड़ों को किसी अन्य स्थान पर पुनर्स्थापित किया जा सकता है. इसके साथ ही अदालत ने कंपनी से संबंधित भूमि के स्वामित्व की जानकारी भी देने की कहा है. मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश मेरीडियन फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आया कि कंपनी की ओर से इन पेड़ों की काटने की एवज में तीन हजार से अधिक पौधरोपण किया है. इसके अलावा अदालत ने याचिकाकर्ता से भी कुछ सवाल- जवाब किए. इसके साथ ही अदालत ने विकासकर्ता कंपनी से जानकारी मांगते हुए प्रकरण की सुनवाई आगामी माह रखी है.

पढ़ें: 18 साल से लम्बित फौजदारी मामले को कोर्ट ने किया खारिज

याचिका में अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने बताया कि रेलवे की गति शक्ति योजना के तहत हिरनोदा में मल्टी कार्गो टर्मिनल बनाया जाना प्रस्तावित है. यह टर्मिनल हस्ती पेट्रो केमिकल एंड शिपिंग लि. की ओर से बनाया जा रहा है. जिस जमीन पर यह टर्मिनल बनाया जाएगा, वहां राज्य वृक्ष खेजड़ी के 565 सहित कुल 617 हरे पेड़ मौजूद हैं. इन्हें हटाने के लिए कंपनी की ओर से सांभरलेक के उपखंड अधिकारी की प्रार्थना पत्र पेश कर अनुमति मांगी गई. वहीं गत 4 जुलाई को एडीएम ने इन पेड़ों को काटने की सशर्त अनुमति दे दी. इसमें एक शर्त यह भी थी कि कंपनी काटे गए पेड़ों के बदले दस फीट ऊंचाई के पांच गुणा पेड़ लगाएगी. याचिका में कहा गया कि पेड़ काटने की अनुमति देने से पहले ऐसा कोई विकल्प नहीं तलाशा गया, जिससे कम से कम पेड़ काटे जा सकते हो. इसके अलावा पेड़ काटने की अनुमति पांच गुणा यानी की 3085 पेड़ लगाने की शर्त पर दी गई थी, जबकि तहसीलदार ने 7 अगस्त को उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर कंपनी की ओर से पांच सौ पेड़ लगाने की जान‌कारी दी गई. याचिका में गुहार की गई कि पेड़ काटने के लिए दी गई एनओसी और प्रशासन की ओर से पेड़ काटने के लिए जारी नीलामी आदेश को रद्द किया जाए.

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने फुलेरा इलाके के हिरनोदा में रेलवे की गति शक्ति योजना के तहत मल्टी कार्गो टर्मिनल बनाने के लिए 565 खेजड़ी सहित कुल 617 पेड़ काटने की कार्रवाई शुरू करने के मामले में विकासकर्ता कंपनी से पूछा है कि क्या इन पेड़ों को किसी अन्य स्थान पर पुनर्स्थापित किया जा सकता है. इसके साथ ही अदालत ने कंपनी से संबंधित भूमि के स्वामित्व की जानकारी भी देने की कहा है. मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश मेरीडियन फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आया कि कंपनी की ओर से इन पेड़ों की काटने की एवज में तीन हजार से अधिक पौधरोपण किया है. इसके अलावा अदालत ने याचिकाकर्ता से भी कुछ सवाल- जवाब किए. इसके साथ ही अदालत ने विकासकर्ता कंपनी से जानकारी मांगते हुए प्रकरण की सुनवाई आगामी माह रखी है.

पढ़ें: 18 साल से लम्बित फौजदारी मामले को कोर्ट ने किया खारिज

याचिका में अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने बताया कि रेलवे की गति शक्ति योजना के तहत हिरनोदा में मल्टी कार्गो टर्मिनल बनाया जाना प्रस्तावित है. यह टर्मिनल हस्ती पेट्रो केमिकल एंड शिपिंग लि. की ओर से बनाया जा रहा है. जिस जमीन पर यह टर्मिनल बनाया जाएगा, वहां राज्य वृक्ष खेजड़ी के 565 सहित कुल 617 हरे पेड़ मौजूद हैं. इन्हें हटाने के लिए कंपनी की ओर से सांभरलेक के उपखंड अधिकारी की प्रार्थना पत्र पेश कर अनुमति मांगी गई. वहीं गत 4 जुलाई को एडीएम ने इन पेड़ों को काटने की सशर्त अनुमति दे दी. इसमें एक शर्त यह भी थी कि कंपनी काटे गए पेड़ों के बदले दस फीट ऊंचाई के पांच गुणा पेड़ लगाएगी. याचिका में कहा गया कि पेड़ काटने की अनुमति देने से पहले ऐसा कोई विकल्प नहीं तलाशा गया, जिससे कम से कम पेड़ काटे जा सकते हो. इसके अलावा पेड़ काटने की अनुमति पांच गुणा यानी की 3085 पेड़ लगाने की शर्त पर दी गई थी, जबकि तहसीलदार ने 7 अगस्त को उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर कंपनी की ओर से पांच सौ पेड़ लगाने की जान‌कारी दी गई. याचिका में गुहार की गई कि पेड़ काटने के लिए दी गई एनओसी और प्रशासन की ओर से पेड़ काटने के लिए जारी नीलामी आदेश को रद्द किया जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.