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क्या आपके भी सिर में होता है रुक-रुक कर दर्द, रोशनी के साथ आवाज करती है परेशान, तो हो सकती है यह बीमारी - Migraine Symptoms And Treatment - MIGRAINE SYMPTOMS AND TREATMENT

सिरदर्द के साथ मतली, उल्टी आना और रुक-रुक कर दर्द होना सामान्य नहीं है. इसके साथ ही अगर आपको तेज रोशनी, लाउड म्यूजिक, जबरदस्त गंध से परेशानी होने लगती है, तो आपको माइग्रेन की समस्या हो सकती है. इसके लक्षण, कारण और बचाव के बारे में आइए जानते हैं एक्सपर्ट से.

Migraine Symptoms And Treatment
माइग्रेन के लक्षण और उपचार (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 18, 2024, 5:24 PM IST

जयपुर: अगर आपके सिर में भी रुक-रुक कर दर्द होता है और आप आवाज, रोशनी और गंध को लेकर संवेदनशील है. तो फिर आपको माइग्रेन का पीड़ित समझा जा सकता है. माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है. जिसमें सिर के दोनों या एक ओर रुक रुक कर भयानक दर्द होता है. माइग्रेन 2 घंटे से लेकर कई दिनों तक बना रहता है. माइग्रेन दूसरे सिरदर्द की तुलना में अधिक होता है. आयुर्वेद चिकित्सक डॉ रोहित गुप्ता बता रहे हैं माइग्रेन के उपचार के आसान तरीके.

माइग्रेन के सामान्य लक्षण: माइग्रेन मूल रूप से न्यूरोलॉजिकल समस्या है. शरीर में कुछ न्यूरो ट्समीटर (neurotransmitters) का उत्पादन भी माइग्रेन का कारण हो सकता है. माइग्रेन के समय दिमाग में रक्त का संचार बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति को तेज सिरदर्द होने लगता है. माइग्रेन को कुछ सामान्य लक्षणों के जरिए पहचाना जा सकता है. सिर में फड़कता हुआ माइग्रेन दर्द ज्यादातर एक हिस्से से शुरू होता है. जो लोग माइग्रेन के सिरदर्द से पीड़ित हैं, वे आमतौर पर नियमित गतिविधियों को करने में असमर्थता, आंखों में दर्द, मतली और उल्टी भी अनुभव करते हैं. वे प्रकाश, ध्वनि और गंध परिवर्तनों के प्रति अति संवेदनशील हो सकते हैं.

पढ़ें: माइग्रेन से हैं परेशान, तो यह तरीके दे सकते हैं राहत, यहां जानिए डॉक्टर की बड़ी बातें - Health Tips

​थकान के बावजूद नहीं आती: माइग्रेन सिरदर्द से पीड़ित लोगों को ऑरा (Aura) का अनुभव होता है. उन्हें संवेदना की अस्थायी कमी या पिंस और सुईया चुभने की भावना महसूस होती है. माइग्रेन का दर्द होने पर नींद अच्छे से नहीं आती है. थकान महसूस होती है, लेकिन नींद नहीं आती है. माइग्रेन के दौरान आंखों में भी भयानक दर्द होता है. पलकें झपकाने में भी बहुत जलन होती है. सिरदर्द के साथ मतली, उल्टी आना भी माइग्रेन के लक्षण होते हैं. दिनभर बेवजह उबासी आना भी माइग्रेन का लक्षण है.

खाने की होती है तीव्र इच्छा: माइग्रेन के दौरान मूड में परिवर्तन बहुत तेजी से होता है. कुछ मरीज अचानक बिना किसी के कारण बहुत ही उदास महसूस करते हैं या कभी ज्‍यादा उत्साहित हो जाते हैं. माइग्रेन का दर्द होने से पहले, कुछ लोगों की खाद्य पदार्थों के लिए लालसा बढ़ जाती है. नियमित गतिविधियों जैसे घूमना या सीढ़ियों पर चढ़ने से माइग्रेन का दर्द बदतर भी हो सकता है. माइग्रेन में बार-बार मूत्र त्याग की आवश्यकता अनुभव करना भी इसका एक लक्षण है.

पढ़ें: हमेशा सिर दर्द से रहते हैं परेशान तो हो जाएं सावधान, माइग्रेन के लक्षण पहचानें और करें सही इलाज - Utility News

माइग्रेन के कारण: डॉ रोहित गुप्ता के अनुसार सामान्य रूप से हार्मोनल परिवर्तन माइग्रेन का कारण होता है. किसी महिला के शरीर में होने वाले मेजर हार्मोनल परिवर्तन माइग्रेन की शुरुआत में योगदान कर सकते हैं. मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति जैसे विभिन्न कारणों से एक महिला के शरीर में बहुत सारे हार्मोनल परिवर्तन होते हैं. अस्थिर हार्मोनल स्तर कभी-कभी सिरदर्द का कारण हो सकता है. एक अध्ययन के अनुसार माइग्रेन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है.

पढ़ें: स्‍मार्टफोन के इस्‍तेमाल से हो सकती है सिरदर्द-माइग्रेन की समस्या, बचाव के लिए अपनाएं ये टिप्स - Side Effects Of Smartphone

कैफीन के कारण हो सकती है माइग्रेन की शुरुआत: यह पाया गया है कि जो लोग कैफीन पर अत्यधिक निर्भर रहते हैं, वे बहुत ज्यादा सिरदर्द का अनुभव करते हैं. जब वे अचानक कैफीन लेना बंद कर देते हैं. कॉफी का अत्यधिक सेवन अचानक से बंद करना भी इसका एक कारण हो सकता है.

वातावरण में परिवर्तन भी एक वजह: वातावरण में परिवर्तन भी माइग्रेन का एक मुख्य कारण माना जाता है. कभी-कभी अत्यधिक तेज ध्वनि और शोर माइग्रेन का कारण बन सकता है. अस्थिर रोशनी और अधिक बदबू भी गड़बड़ी पैदा कर सकती है. अत्यधिक धूप से भी माइग्रेन सिरदर्द हो सकता है. तापमान में परिवर्तन जैसे अत्यधिक गर्मी या अत्यधिक ठंड का मौसम भी माइग्रेन का एक कारण हो सकता है.

शराब का दुष्परिणाम है माइग्रेन सिरदर्द: धूम्रपान या शराब का अधिक सेवन भी माइग्रेन को पैदा करने के लिए काम कर सकते हैं. शराब के सेवन से बचें, क्योंकि यह माइग्रेन की समस्या को और बढ़ा सकता है. आहार भी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है, जैसे मीठे खाद्य पदार्थ, चॉकलेट, बेहद मसालेदार और गर्म भोजन खाने से समस्याएं हो सकती हैं.

माइग्रेन से बचाव के तरीके: पूरे विश्व में हर साल अरबों लोग माइग्रेन के सिरदर्द की समस्या से पीड़ित होते हैं. हालांकि माइग्रेन एक बहुत ही सामान्य विकार है. इसका सही कारण और इलाज अभी तक स्थापित नहीं हुआ है. हार्मोनल परिवर्तन, तनाव आदि माइग्रेन के सिरदर्द के कारण माने जाते हैं. अपनी जीवनशैली को ध्यान में रख कर इस समस्या कमोबेश नियंत्रित किया जा सकता है. डॉ रोहित गुप्ता के मुताबिक कुछ जरूरी बातें हैं, जिनसे आपको माइग्रेन की समस्या में बहुत लाभ होगा.

संतुलित आहार का सेवन: कई बार देखा गया है कि यदि आप संतुलित आहार का सेवन करते हैं, तो माइग्रेन के सिरदर्द की समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं. हम लोग हमेशा अपने आहार में चॉकलेट, पनीर, सोया उत्पादों, कैफीन, शराब को शामिल करते हैं. अगर आप को माइग्रेन ही समस्या है, तो इनमें से किसी भी आहार का सेवन न करें. इसके अलावा, मैग्नीशियम से समृद्ध हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें. खट्टे फल के सेवन से बचें. ताजा पका हुआ खाना ही खाएं और बासी आहार का सेवन न करें. हाइड्रेटेड रहने के लिए पूरे दिन में कम से कम 7 गिलास पानी का सेवन करें.

कॉफी का ज्यादा सेवन भी खतरनाक: कुछ मामलों में कॉफी का सेवन सिर दर्द की समस्या से आराम दिलाने में मदद कर सकता है. लेकिन अगर कॉफी को अपने आहार में शामिल करते हैं, तो इसमें मौजूद कैफीन माइग्रेन की समस्या को और बढ़ा सकती है. बहुत नमक के साथ तले हुए भोजन के सेवन से बचने की कोशिश करें. अपने आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन बी जैसे पोषक तत्वों को शामिल करें. एक और महत्वपूर्ण बात, जिसे आपको ध्यान में रखना चाहिए. भोजन को कभी भी छोड़े नहीं. हमेशा निश्चित समय पर उचित आहार का सेवन करें और सिरदर्द की संभावना को कम करें.

पर्याप्त नींद लें: अपना पसंदीदा टीवी सीरियल देखने के लिए रात में जागना माइग्रेन की समस्या के लिए अच्छा नहीं है. नींद का अभाव माइग्रेन के लिए ट्रिगर के रूप में काम करता है. यह माइग्रेन की समस्या को और बढ़ा सकता है. अच्छे स्वास्थ्य के लिए निश्चित समय पर हर दिन पर्याप्त नींद आवश्यक है, पर ज्यादा सोना भी आप के शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है.

तनाव का सीधा प्रभाव मस्तिष्क पर: तनाव का आपके मस्तिष्क पर सीधा प्रभाव पड़ता है. कभी-कभी मस्तिष्क कुछ पदार्थों को रिलीज करता है, जो माइग्रेन सिरदर्द पैदा कर सकते हैं. माइग्रेन दर्द के लिए तनाव ट्रिगर के रूप में कार्य करता है. इस समस्या से निजात पाने के लिए एक्सरसाइज बहुत ही अच्छा तरीका है. एक्सरसाइज आप के तनाव और नकारात्मक विचारों को खत्म करने में मदद करती है. जब वर्कआउट करते हैं, तो आपके शरीर से अच्छा हार्मोन निकलता है. जिसके कारण मनोदशा सुधरती है. योग आपके आंतरिक तनाव को दूर करने के लिए बहुत ही अच्छा तरीका है. यह मन को आराम दिलाने और तनाव को शांत करने में मदद करता है.

माइग्रेन में अत्यधिक दवा का सेवन न करें: यदि कोई व्यक्ति जो असहनीय दर्द का अनुभव करता हैं, तो उसे दर्द से निजात पाने के लिए दवा की आवश्यकता होती है. इस स्थिति में भी दवा लेने से पहले एक बार सोचना चाहिए. यदि आप दवा का सेवन बहुत ज्यादा और बार-बार कर रहे हैं, तो इससे स्थिति बिगड़ सकती है. माइग्रेन के इलाज में उपयोग करने वाली दवा के बारे में स्वास्थ्य और उसके हानिकारक परिणाम के बारे में अपने चिकित्सक से परामर्श करें.

माइग्रेन की समस्याओं के लिए शोर से बचें: यदि आप माइग्रेन की समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको उन चीजों से बचना चाहिए, जो सिरदर्द का कारण बन सकता है. इसके लिए जगमगाती रोशनी, बहुत अधिक शोर और बहुत अधिक सूर्य की रोशनी वाले क्षेत्रों से बचने की कोशिश करना चाहिए.

जयपुर: अगर आपके सिर में भी रुक-रुक कर दर्द होता है और आप आवाज, रोशनी और गंध को लेकर संवेदनशील है. तो फिर आपको माइग्रेन का पीड़ित समझा जा सकता है. माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है. जिसमें सिर के दोनों या एक ओर रुक रुक कर भयानक दर्द होता है. माइग्रेन 2 घंटे से लेकर कई दिनों तक बना रहता है. माइग्रेन दूसरे सिरदर्द की तुलना में अधिक होता है. आयुर्वेद चिकित्सक डॉ रोहित गुप्ता बता रहे हैं माइग्रेन के उपचार के आसान तरीके.

माइग्रेन के सामान्य लक्षण: माइग्रेन मूल रूप से न्यूरोलॉजिकल समस्या है. शरीर में कुछ न्यूरो ट्समीटर (neurotransmitters) का उत्पादन भी माइग्रेन का कारण हो सकता है. माइग्रेन के समय दिमाग में रक्त का संचार बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति को तेज सिरदर्द होने लगता है. माइग्रेन को कुछ सामान्य लक्षणों के जरिए पहचाना जा सकता है. सिर में फड़कता हुआ माइग्रेन दर्द ज्यादातर एक हिस्से से शुरू होता है. जो लोग माइग्रेन के सिरदर्द से पीड़ित हैं, वे आमतौर पर नियमित गतिविधियों को करने में असमर्थता, आंखों में दर्द, मतली और उल्टी भी अनुभव करते हैं. वे प्रकाश, ध्वनि और गंध परिवर्तनों के प्रति अति संवेदनशील हो सकते हैं.

पढ़ें: माइग्रेन से हैं परेशान, तो यह तरीके दे सकते हैं राहत, यहां जानिए डॉक्टर की बड़ी बातें - Health Tips

​थकान के बावजूद नहीं आती: माइग्रेन सिरदर्द से पीड़ित लोगों को ऑरा (Aura) का अनुभव होता है. उन्हें संवेदना की अस्थायी कमी या पिंस और सुईया चुभने की भावना महसूस होती है. माइग्रेन का दर्द होने पर नींद अच्छे से नहीं आती है. थकान महसूस होती है, लेकिन नींद नहीं आती है. माइग्रेन के दौरान आंखों में भी भयानक दर्द होता है. पलकें झपकाने में भी बहुत जलन होती है. सिरदर्द के साथ मतली, उल्टी आना भी माइग्रेन के लक्षण होते हैं. दिनभर बेवजह उबासी आना भी माइग्रेन का लक्षण है.

खाने की होती है तीव्र इच्छा: माइग्रेन के दौरान मूड में परिवर्तन बहुत तेजी से होता है. कुछ मरीज अचानक बिना किसी के कारण बहुत ही उदास महसूस करते हैं या कभी ज्‍यादा उत्साहित हो जाते हैं. माइग्रेन का दर्द होने से पहले, कुछ लोगों की खाद्य पदार्थों के लिए लालसा बढ़ जाती है. नियमित गतिविधियों जैसे घूमना या सीढ़ियों पर चढ़ने से माइग्रेन का दर्द बदतर भी हो सकता है. माइग्रेन में बार-बार मूत्र त्याग की आवश्यकता अनुभव करना भी इसका एक लक्षण है.

पढ़ें: हमेशा सिर दर्द से रहते हैं परेशान तो हो जाएं सावधान, माइग्रेन के लक्षण पहचानें और करें सही इलाज - Utility News

माइग्रेन के कारण: डॉ रोहित गुप्ता के अनुसार सामान्य रूप से हार्मोनल परिवर्तन माइग्रेन का कारण होता है. किसी महिला के शरीर में होने वाले मेजर हार्मोनल परिवर्तन माइग्रेन की शुरुआत में योगदान कर सकते हैं. मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति जैसे विभिन्न कारणों से एक महिला के शरीर में बहुत सारे हार्मोनल परिवर्तन होते हैं. अस्थिर हार्मोनल स्तर कभी-कभी सिरदर्द का कारण हो सकता है. एक अध्ययन के अनुसार माइग्रेन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है.

पढ़ें: स्‍मार्टफोन के इस्‍तेमाल से हो सकती है सिरदर्द-माइग्रेन की समस्या, बचाव के लिए अपनाएं ये टिप्स - Side Effects Of Smartphone

कैफीन के कारण हो सकती है माइग्रेन की शुरुआत: यह पाया गया है कि जो लोग कैफीन पर अत्यधिक निर्भर रहते हैं, वे बहुत ज्यादा सिरदर्द का अनुभव करते हैं. जब वे अचानक कैफीन लेना बंद कर देते हैं. कॉफी का अत्यधिक सेवन अचानक से बंद करना भी इसका एक कारण हो सकता है.

वातावरण में परिवर्तन भी एक वजह: वातावरण में परिवर्तन भी माइग्रेन का एक मुख्य कारण माना जाता है. कभी-कभी अत्यधिक तेज ध्वनि और शोर माइग्रेन का कारण बन सकता है. अस्थिर रोशनी और अधिक बदबू भी गड़बड़ी पैदा कर सकती है. अत्यधिक धूप से भी माइग्रेन सिरदर्द हो सकता है. तापमान में परिवर्तन जैसे अत्यधिक गर्मी या अत्यधिक ठंड का मौसम भी माइग्रेन का एक कारण हो सकता है.

शराब का दुष्परिणाम है माइग्रेन सिरदर्द: धूम्रपान या शराब का अधिक सेवन भी माइग्रेन को पैदा करने के लिए काम कर सकते हैं. शराब के सेवन से बचें, क्योंकि यह माइग्रेन की समस्या को और बढ़ा सकता है. आहार भी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है, जैसे मीठे खाद्य पदार्थ, चॉकलेट, बेहद मसालेदार और गर्म भोजन खाने से समस्याएं हो सकती हैं.

माइग्रेन से बचाव के तरीके: पूरे विश्व में हर साल अरबों लोग माइग्रेन के सिरदर्द की समस्या से पीड़ित होते हैं. हालांकि माइग्रेन एक बहुत ही सामान्य विकार है. इसका सही कारण और इलाज अभी तक स्थापित नहीं हुआ है. हार्मोनल परिवर्तन, तनाव आदि माइग्रेन के सिरदर्द के कारण माने जाते हैं. अपनी जीवनशैली को ध्यान में रख कर इस समस्या कमोबेश नियंत्रित किया जा सकता है. डॉ रोहित गुप्ता के मुताबिक कुछ जरूरी बातें हैं, जिनसे आपको माइग्रेन की समस्या में बहुत लाभ होगा.

संतुलित आहार का सेवन: कई बार देखा गया है कि यदि आप संतुलित आहार का सेवन करते हैं, तो माइग्रेन के सिरदर्द की समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं. हम लोग हमेशा अपने आहार में चॉकलेट, पनीर, सोया उत्पादों, कैफीन, शराब को शामिल करते हैं. अगर आप को माइग्रेन ही समस्या है, तो इनमें से किसी भी आहार का सेवन न करें. इसके अलावा, मैग्नीशियम से समृद्ध हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें. खट्टे फल के सेवन से बचें. ताजा पका हुआ खाना ही खाएं और बासी आहार का सेवन न करें. हाइड्रेटेड रहने के लिए पूरे दिन में कम से कम 7 गिलास पानी का सेवन करें.

कॉफी का ज्यादा सेवन भी खतरनाक: कुछ मामलों में कॉफी का सेवन सिर दर्द की समस्या से आराम दिलाने में मदद कर सकता है. लेकिन अगर कॉफी को अपने आहार में शामिल करते हैं, तो इसमें मौजूद कैफीन माइग्रेन की समस्या को और बढ़ा सकती है. बहुत नमक के साथ तले हुए भोजन के सेवन से बचने की कोशिश करें. अपने आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन बी जैसे पोषक तत्वों को शामिल करें. एक और महत्वपूर्ण बात, जिसे आपको ध्यान में रखना चाहिए. भोजन को कभी भी छोड़े नहीं. हमेशा निश्चित समय पर उचित आहार का सेवन करें और सिरदर्द की संभावना को कम करें.

पर्याप्त नींद लें: अपना पसंदीदा टीवी सीरियल देखने के लिए रात में जागना माइग्रेन की समस्या के लिए अच्छा नहीं है. नींद का अभाव माइग्रेन के लिए ट्रिगर के रूप में काम करता है. यह माइग्रेन की समस्या को और बढ़ा सकता है. अच्छे स्वास्थ्य के लिए निश्चित समय पर हर दिन पर्याप्त नींद आवश्यक है, पर ज्यादा सोना भी आप के शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है.

तनाव का सीधा प्रभाव मस्तिष्क पर: तनाव का आपके मस्तिष्क पर सीधा प्रभाव पड़ता है. कभी-कभी मस्तिष्क कुछ पदार्थों को रिलीज करता है, जो माइग्रेन सिरदर्द पैदा कर सकते हैं. माइग्रेन दर्द के लिए तनाव ट्रिगर के रूप में कार्य करता है. इस समस्या से निजात पाने के लिए एक्सरसाइज बहुत ही अच्छा तरीका है. एक्सरसाइज आप के तनाव और नकारात्मक विचारों को खत्म करने में मदद करती है. जब वर्कआउट करते हैं, तो आपके शरीर से अच्छा हार्मोन निकलता है. जिसके कारण मनोदशा सुधरती है. योग आपके आंतरिक तनाव को दूर करने के लिए बहुत ही अच्छा तरीका है. यह मन को आराम दिलाने और तनाव को शांत करने में मदद करता है.

माइग्रेन में अत्यधिक दवा का सेवन न करें: यदि कोई व्यक्ति जो असहनीय दर्द का अनुभव करता हैं, तो उसे दर्द से निजात पाने के लिए दवा की आवश्यकता होती है. इस स्थिति में भी दवा लेने से पहले एक बार सोचना चाहिए. यदि आप दवा का सेवन बहुत ज्यादा और बार-बार कर रहे हैं, तो इससे स्थिति बिगड़ सकती है. माइग्रेन के इलाज में उपयोग करने वाली दवा के बारे में स्वास्थ्य और उसके हानिकारक परिणाम के बारे में अपने चिकित्सक से परामर्श करें.

माइग्रेन की समस्याओं के लिए शोर से बचें: यदि आप माइग्रेन की समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको उन चीजों से बचना चाहिए, जो सिरदर्द का कारण बन सकता है. इसके लिए जगमगाती रोशनी, बहुत अधिक शोर और बहुत अधिक सूर्य की रोशनी वाले क्षेत्रों से बचने की कोशिश करना चाहिए.

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