रांची: झारखंड विधानसभा परिसर का नजारा आज बदला-बदला सा रहा. षष्ठम विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों के लिए बुलाए गए इस सत्र के पहले दिन कोई संविधान के साथ सदन की कार्यवाही में भाग लेने पहुंचा तो कोई नंगे पांव आया. कुछ विधायक विधानसभा की पहली सीढ़ी को प्रणाम कर सदन की ओर बढ़ते दिखे. षष्ठम विधानसभा में 21 ऐसे विधायक हैं, जो पहली बार सदन पहुंचे हैं. ऐसे में उनकी खुशी देखने लायक थी.
विधानसभा सत्र के पहले दिन निर्वाचित विधायकों को सदन की सदस्यता दिलाई गई. प्रोटेम स्पीकर स्टीफन मरांडी ने सदन के नेता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में एक-एक कर विधायकों को शपथ दिलाई. विधानसभा चुनाव में भाजपा के मंसूबों को नाकाम करने वाले जयराम महतो सदन की कार्यवाही में भाग लेने नंगे पांव पहुंचे.
जयराम महतो ने पहले दंडवत्त प्रणाम किया और फिर नंगे पांव सदन में प्रवेश किया. नंगे पांव सदन में प्रवेश करने के पीछे की वजह बताते हुए जयराम महतो कहते हैं कि मैं किसान का बेटा हूं और जिस तरह किसान के लिए खेत होता है, लोकसभा और विधानसभा सदन भी वैसा ही है. जब हम खेत में जाते हैं तो नंगे पांव जाते हैं, इसलिए सदन में भी मैं नंगे पांव पहुंचा हूं.
एक सवाल का जवाब देते हुए जयराम ने कहा कि यह लोकतंत्र की विशेषता है कि जिस एडीएम ने पिछले साल इसी विधानसभा के सामने प्रदर्शन करने पर मुझ पर लाठीचार्ज किया था और रबर की गोलियां चलाकर मुझे घायल किया था, वही एडीएम साहब आज मुझे सैल्यूट कर रहे हैं.
जमशेदपुर पूर्वी से निर्वाचित विधायक पूर्णिमा दास साहू ने सदन की सदस्यता ग्रहण करने के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए जनता सदन में मजबूती से आवाज उठाने की बात कही. दुमका से एक बार फिर चुनाव जीतने में सफल रहे लेकिन मंत्रिमंडल में जगह बनाने से दूर रह गए बसंत सोरेन कहते हैं कि मंत्री बने या न बने इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्षेत्र का विकास कैसे होगा, यह विधायक रहते हुए भी किया जा सकता है. दुमका की जनता ने मुझ पर विश्वास जताया है, उस पर खरा उतरने का काम करूंगा.