गढ़वा: एसडीएम ने जिले में एक कार्यक्रम की शुरुआत की है जिसका नाम दिया है 'कॉफी विद एसडीएम'. ऐसे तो कई मुद्दों पर यह कार्यक्रम कराया जा रहा है जिसमें से एक अहम मुद्दा है गढ़वा क्षेत्र के थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के परिजनों के साथ अनुमंडल पदाधिकारी संजय पांडेय के द्वारा संवाद किया जाना.
थैलेसीमिया को लेकर गंभीर दिखे एसडीएम
तकनीकी और प्रकृति का विषय होने के कारण कार्यक्रम में विशेष आमंत्रित एक्सपर्ट के रूप में गढ़वा जिले के सिविल सर्जन सहित स्वास्थ विभाग से जुड़े अन्य लोग रहे. एसडीएम संजय पांडेय के आमंत्रण पर अनुमंडल कार्यालय स्थित सभागार में आहूत इस विशेष कार्यक्रम में 41 ऐसे अभिभावक पहुंचे जिनमें से किसी का एक बच्चा तो कुछ के दो या तीन बच्चे थैलेसीमिया से पीड़ित थे.
लगभग 50 बच्चों के अभिभावकों ने अपनी-अपनी समस्याएं रखते हुए जिले में रक्त कोष प्रबंधन को लेकर अपने कई अहम सुझाव दिए. बैठक में मौजूद लगभग सभी अभिभावकों ने सदर अस्पताल के ब्लड बैंक के काउंसलर के व्यवहार की शिकायत की. सभी का आरोप था कि ब्लड बैंक के काउंसलर कभी ढंग से बात नहीं करते हैं और न ही रक्त कोष की उपलब्धता की सही-सही जानकारी देते हैं.
ब्लड बैंक में खून की जानकारी सही रखें
अभिभावकों द्वारा शिकायत पर अनुमंडल पदाधिकारी ने बैठक में मौजूद सिविल सर्जन तथा उपाधीक्षक से आवश्यक कार्रवाई करने को कहा. अभिभावकों की समस्याओं को सुनने के क्रम में सिविल सर्जन ने जानकारी दी कि ब्लड बैंक में किस दिन किस ब्लड ग्रुप की कितनी उपलब्धता होगी, इसे ऑनलाइन देखा जा सकता है.
इस पर अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि गांव देहात के आये लोगों के सूचनार्थ हर समय रक्त उपलब्धता की अद्यतन जानकारी ब्लड बैंक के बाहर ब्लड ग्रुप के अनुरूप एक सारणी में भी प्रदर्शित करवायें.
अभिभावकों से संवाद के क्रम में जो सुझाव मिले, उसके आलोक में एसडीएम ने स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों से कहा कि वे थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को त्वरित रूप से रक्त उपलब्ध कराने हेतु प्रक्रिया को थोड़ा सरल करें. अभी दूर-दराज से परेशान अभिभावक बार-बार रक्त के लिए अस्पताल आते हैं, उन्हें सिविल सर्जन तथा उपाधीक्षक से हस्ताक्षर कराने समेत कई औपचारिकतायें पूरी करने के उपरांत ही रक्त कोष में अधियाचना करनी होती है.
ऐसे में कई बार प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से बच्चों को खून मिलने में बहुत विलंब हो जाता है, जबकि बच्चों की स्थिति पहले से ही बहुत गंभीर और दयनीय होती है. इसलिए रक्त की मांग की प्रक्रिया को अपेक्षाकृत सरलीकृत करने के लिए सिविल सर्जन तथा उपाधीक्षक से आवश्यक पहल करने हेतु कहा गया.
रक्तदाता गढ़वा में अच्छा काम कर रहे हैं
एसडीओ ने कहा कि गढ़वा के स्वैच्छिक रक्तदाता एवं कई गैर सरकारी संस्थाएं रक्तदान को लेकर बहुत अच्छा काम कर रही हैं. वे चाहे तो कम से कम एक-एक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को रक्त उपलब्ध करवाने हेतु गोद ले सकते हैं.
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